खुशियों की दास्तां” 🔸 शिक्षक श्री बृजेश बरखाने अपने अनोखे प्रयासों से बच्चों का गढ़ रहे भविष्य
शिक्षक दिवस विशेष
दैनिक रेवांचल टाइम्स बजाग = विकास खण्ड अतंर्गत सिंगार सत्ती प्राथमिक शाला में पदस्थ शिक्षक बृजेश बरखाने अपने अनोखे प्रयासों से बच्चों का भविष्य गढ़ रहे है। आदिवासी बाहुल्य जिला डिंडोरी के बजाग तहसील के छोटे से गाँव भर्राटोला (सिंगारसती) में पदस्थ श्री बृजेश बरखाने प्राथमिक शाला में बच्चों को अनूठे अंदाज में प्रैक्टिस करवा कर गणित और विज्ञान जैसे विषयों को रोचक बनाते है, गत वर्ष उनके द्वारा पढ़ाये गए कक्षा पाँचवी के सभी बच्चों का चयन नवोदय विद्यालय, एकलव्य विद्यालय और कन्या परिसर में चयनित हुए है। कक्षा पाँचवी से बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए प्रतिष्टित विद्यालय में नामांकन करवाने में उनका परिणाम शत प्रतिशत रहा।
श्री बृजेश बरखाने कहते है कि हम सब जानते है स्कूल में बच्चे के सम्पूर्ण विकास के लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएँ चलाई जाती है। इन्ही योजनाओं का लाभ लेते हुए बच्चों को पोषण युक्त भोजन, शुद्ध जल तथा विभिन्न फिजिकल एक्टिविटी कराई जाती है। स्कूल का प्रारम्भ हम सरस्वती वंदना से करते है। इसके पश्चात एक विद्यार्थी सुविचार तथा जनरल नॉलेज के पाँच प्रश्न प्रस्तुत करता है। अन्त में राष्ट्रगान के साथ प्रार्थना सम्पन्न होती है। पहले से ही तय कर लिया गया था कि कक्षा 5वी के सारे बच्चों को स्पेशल विद्यालय में एडमिशन दिलाना है। नवोदय के फार्म भरने के साथ ही इन बच्चों की तैयारी शुरू कर दी, चूंकि नवोदय विद्यालय का सिलेबस बहुत बड़ा है। कोर्स कम्पलीट नहीं होता है। इसलिए प्रतिदिन 10:45 से 5:30 तक क्लास चलाते है। रविवार को भी एक्स्ट्रा क्लास तथा टेस्ट रखते है। कोर्स कम्पलीट होने के पश्चात प्रतिदिन टेस्ट होते है। विद्यार्थियों को जो प्रश्न नहीं बनते है, उन् प्रश्नों पर अधिक फोकस किया जाता है। बच्चे ओएमआर सीट भरने में बहुत गलतियाँ करते है। इसलिए प्रक्टिस भी ओएमआर सीट में कराते है।
साथ ही बच्चों को खेल के लिए भी प्रेरित करते है।