मंगलू सिंह नेताम की घर वापसी। “पेसा ग्राम सभा दे रही हर समस्या का हल”

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रेवांचल टाईम्स – मंडला जिले में पेसा कानून 1996 की कंडिका 4 (घ) के अनुसार प्रत्येक ग्राम सभा अपनी रूढ़ि परंपराएं एवं धार्मिक प्रथाओं का संरक्षण एवं परिरक्षण करने हेतु सक्षम है। इसके अनुसार आज ग्राम सभा में यह प्रस्ताव पारित हुआ।
वही अपने गांव के गोंड समाज की रूढी परंपरा एवं धार्मिक प्रथाओं को छोड़कर अन्य विचारधारा में चले गए थे उन्होंने स्वयं यह मान्य किया की पत्नी के बीमारी के कारण मेरा मन भ्रमित किया गया और पत्नी के इलाज के नाम से हमारी सैकड़ो साल से चली आ रही रूढी परंपरा को छोड़ने को कहा गया किंतु मैं स्वयं यह जान लिया की अपनी गोंड समाज की रूढी परंपरा जो समाज प्रकृति को ही ईश्वर का रूप मानती है प्रकृति के एवं पर्यावरण के साथ जीवन जीती है हमारी संस्कृति और हमारा विश्वास यह अलग बात नहीं है। मैं भ्रमित होने के कारण गोंड रीति रिवाज परंपरा को छोड़ चुका था उसे फिर से अपना रहा हूं और पूरे ग्राम सभा ने मुझे स्वीकारा। इस हेतु परंपरा के अनुसार ग्राम सभा के कहने के अनुसार मैंने राशि ग्राम सभा में जमा की है, और आज मैं अत्यंत आनंदी और समाधानी हूं कि मेरी पुनः घर वापसी तथा जात भीतरी हुई है।

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