आखिर कौन है। जंगल से सागौन की लकड़ी चोरी करवा रहा है। वन विभाग छोटे चोरों को पकड़ रही है। क्यों वन विभाग कार्यवाही सवालों के घेरे में नैनपुर के वन विभाग अधिकारियों को क्यों नहीं शिकायतकर्ता देते है। जानकारी

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रेवांचल टाईम्स – मंडला जिले के नैनपुर विकासखंड वन संपदा से भरा है। जहां रेत और सागौन के पेड़ों की भरमार है। नैनपुर के आसपास के जंगलों में इमारती लकड़ी सागोन के पेड़ों को काट कर लगातार जगलों को खोखला किया जा रहा है। और जंगल में चोर भी बहुत सक्रिय है। और वन विभाग के कर्मचारी निष्क्रिय क्योंकि दोनों अच्छे दोस्त है। फिर भी जब कोई सामने से शिकायत करता है। मजबूर होकर वन विभाग को लकड़ी चोरों पर कार्यवाही पड़ती है। जोकि मजबूरी होती है। ऐसा हम नहीं कह रहें है। ऐसा नाम ना छपने की शर्त पर एक लकड़ी चोर ने बताया कि प्रतिमाह फर्नीचर वालो से लेकर लकड़ी चोरों का हिसाब होता है। मगर जब कोई शिकायत कर दे तो मजबूर होकर कार्यवाही करनी पड़ती है। खैर जो भी हो कोई कह नहीं सकता कि वन विभाग चोरों पर कार्यवाही नहीं करता है।

क्या है। मामला

ग्राम पायली के जंगलों में वर्तमान में वन विभाग से जंगल की चटाई चल रही है। ओर उस कटाई का फायदा दो लोग रहे है। पहले चोर दूसरा वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी वही और जिनको चोरी करने का मौका नहीं मिला तो शिकायत कर दी उसी शिकायत के आधार में ग्रामवासियों के द्वारा उच्चस्तर पर अधिकारियों को जानकारी दी गई की गांव के समीप खेत के पास सागोन के हरे झाड़ों को काटकर सिल्ली बनाकर लकड़ी चोरों ने जो फर्नीचर काम करते हैं ने सिल्ली बनाकर रख दिया था ।और रात के अंधेरे में ले जाने के उद्देश्य से छोड़ कर चले गए है। ग्रामवासियों ने उच्चाधिकारियों को जानकारी दी वही वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों जिले से वरिष्ठ अधिकारियों से सीधे शिकायत के वन विभाग के अमले ने मौके पर पहुंच कर सिल्ली जब्त की कार्यवाही की और मोहगांव परियोजना मंडल के परियोजना परिक्षेत्र नैनपुर के द्वारा कार्यवाही की गई है। इस कार्रवाई के दौरान मौके पर 36 नाग सागोन की पटिया और सिल्ली कुल मिलाकर के 0.330 घन मीटर माल ,por नंबर 255/11 दर्ज किया गया।ग्राम वासियों के सामने पंचनामा बना कर जब्तमाल को नैनपुर परिक्षेत्र के धनौरा गोदाम में जब्त कर रखा गया। इस कार्य वही पर उच्च अधिकारियों से संपर्क करने पर उनके द्वारा संतुष्टि पूर्ण ज़बाब नही दिया गया और कुछ भी कहने से बचते रहे। जिससे साफ जाहिर होता है। कि अधिकारी और चोरो में कितनी गहरी दोस्त यारी या यारायानाहै। कार्यवाही तो सिर्फ खानापूर्ति या दिखावा के लिए है।

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