आदिवासी अंचलों में भ्रष्टाचार की नई इबारत लिख रहे सरपंच-सचिव-रोजगार सहायक की तिकड़ी साहेबान, कोरे और धुँधले पन्ने में किये लाखों का भुगतान

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रेवांचल टाइम्स मोहगांव मंडला आप जानकर हैरान रह जाएंगे। भ्रष्टाचार नए-नए आवरण में लपेटकर पेश किया जा रहा है। ताजा मामला जनपद मुख्यालय मोहगांव की ग्राम पंचायत चंदवारा एवं रेयगांव का है, जहां पर कोरे पन्ने में लाखों रुपये के बिल लगाकर भुगतान कर दिया गया। जब इसकी पड़ताल की गई तो पता चला कि सचिव साहब ने अपने रिश्तेदार की तिजोरी भरने नियम कायदों को फूंक डाला। जानकारों का कहना है कि आदिवासी बाहुल्य जिले में गबन और भ्रष्टाचार आम बात हो चुकी है। सरकारी योजनाओं में कैसे गबन घोटाला करना है, ये सब जिले की जनपदों की ग्राम पंचायत के सरपंच-सचिव व रोजगार उपयंत्रियों को पता है कि कैसे फर्जी हाजिरी भरनी है, कैसे कोरे बिल लगाने हैं, बिना जीएसटी के बिल लगाना है और राशि आहरण करना है। इन्हें किसी का खौफ नहीं है, जहाँ पर काम हुआ या नहीं, पंचायतों में मटेरियल आया कि नहीं, अपने करीबियों या रिश्तेदारों के बिल लगाकर राशि आहरण कर लिया जाता है, इन्हें पता है ज्यादा से ज्यादा शिकायत होगी, जांच टीम में बैठे अधिकारियों को सिर्फ अपनी जेब भरने से मतलब है। आम जनता से क्या लेना-देना, ले-देकर रफा-दफा कर दिया जाता है। शिकायतकर्ता करे भी तो क्या करे, थक-हारकर चुप हो जाता है, लेकिन इन शिकायतों पर जनपद पंचायत में बैठे अधिकारी-कर्मचारी के द्वारा किसी प्रकार कार्यवाही या ये कहें कि केवल औपचारिकता के नाम पर छोटी मोटी जांच की जाती है, पर सवाल ये उठता है जांच में क्या पाया गया या जांच के बाद दोषी कौन है, इसका भी पता नहीं चलता है और वहीं जांच को बंद करके ठण्डे बस्ते में डाल दिया जाता है।

ऐसे बेधडक़ चल रहा फर्जीवाड़ा
ऐसा ही कारनामा जनपद मुख्यालय मोहगांव की ग्राम पंचायत चंदवारा एवं रेयगांव का सामने आया है जहां पर कोरे और धुँधले पन्ने में लाखों रुपये के बिल लगाकर भुगतान कर दिया गया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक लकी ट्रेडर्स के नाम से बिल क्रमांक 87 दिनांक 12/8/24 को 48900 का वहीं बिल क्रमांक 86 12/8/24 को 48900, लकी ट्रेडर्स बिल क्रमांक 85, 12/8/24 को 48900 के बिल एक ही दिनांक को लकी ट्रेडर्स के नाम पर भुगतान किए गए है। बिल क्रमांक 1 दिनांक 25/4/24 को 35400 लकी ट्रेडर्स बिल क्रमांक 55 दिनांक 16/5/24 48905 लकी ट्रेडर्स बिल क्रमांक 53 दिनांक 5/5/24 102553 रुपये लकी ट्रेडर्स बिल क्रमांक 54 दिनांक 5/3/24 को 41760 लकी ट्रेडर्स ग्राम पंचायत रेयगांव बिल क्रमांक 77 दिनांक 3/3/24 को 51000 लकी ट्रेडर्स बिल क्रमांक 84 दिनांक 12/8/24 को 98000 लकी ट्रेडर्स बिल क्रमांक 81 दिनांक 12/8/24 को 116359 लकी ट्रेडर्स बिल क्रमांक 82 दिनांक 12/8/24 को 201374 लकी ट्रेडर्स बिल क्रमांक 86 दिनांक 3/8/24 को 40000 का भुगतान लकी ट्रेडर्स वहीं गरिमा ट्रेडर्स का भुगतान 12/08/2024 को बिल नंबर 247 का 25000 का हुआ, साथ बिल नंबर 250 का भुगतान 25000 का एक ही दिनांक में हुआ है। जब इन बिलों को खोलकर देखा गया तो बिलों में जानकारी या विवरण तो लिखा ही नहीं है, कोरे पन्ने लगाकर भुगतान करा दिया गया।

करीबी रिश्तेदार की दुकान के नाम पर भुगतान
साफ नजर आता है कि फर्जी बिलों का भुगतान वर्तमान में पदस्थ चदवारा सचिव राजेन्द्र पटेल के द्वारा अपने करीबी रिश्तेेदार लकी ट्रेडर्स के नाम पर भुगतान कर दिया गया है। लकी ट्रेडर्स के नाम की दुकान कहीं पर भी संचालित नहीं है। ये सचिव के द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुये चदवारा रैयगाँव में लकी ट्रेडर्स के नाम पर लाखों रुपये के बिल लगाकर राशि का भुगतान कर लिया गया है।

एक ही बिल नंबर के दो बिल लगा दिए
एक ही बिल नंबर के दो पंचायत में लगे बिल पहला बिल क्रमांक 86 दिनांक 12/8/24 को 48900 चदवारा पंचायत और दूसरा बिल क्रमांक 86 दिनांक 3/8/24 को 40000 का बिल लगाया गया है अगर लकी ट्रेडर्स की जांच की जाए तो मोहगांव जनपद की कई ग्राम पंचायतों में इनके बिल मिल जायगे चदवारा सचिव के द्वारा फर्जी बिलों का भुगतान किया गया है, क्या इन बिलों की जांच की जायेगी या फिर जांच के नाम पर खानापूर्ति कर दी जाएगी।

मोहगांव ब्लाक में लग रहे लकी ट्रेडर्स के बिल

लकी ट्रेडर्स के बिल पूरे मोहगांव ब्लाक में लग रहे हंै। गुरुकृपा वाले के साथ मिलकर कार्य करते हैं। बिल लगाए गए हैं। निर्माण भी कराया गया है हम प्रूफ कर देंगे।
-राजेन्द्र पटेल, सचिव चदवारा मुनु

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