गाय के साथ अप्राकृतिक कृत्य के आरोपी को दस वर्ष का सश्रम कारावास औऱ एक हज़ार का अर्थदंड सहित सुनाई सजा…
रेवांचल टाईम्स – शनिवार दिनांक 30 नवंबर 2024 को माननीय सत्र न्यायाधीश छिंदवाड़ा श्री सुशांत हुद्दार द्वारा सत्र प्रकरण क्रमांक 57 /2024 में निर्णय पारित करते हुए आरोपी मधुकर घोरसे पिता काशीराम उम्र करीब 65 वर्ष, निवासी वार्ड नंबर 25, बारारीपुर, छिंदवाड़ा, थाना कोतवाली, जिला छिंदवाड़ा को दस वर्ष के सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए के अर्थदंड की सजा से दंडित किया गया है।घटना इस प्रकार है कि प्रार्थी संदीप गार्जलवार पिता दशरथ, निवासी वार्ड नंबर 25, बरारीपुरा छिंदवाड़ा द्वारा थाना कोतवाली में उपस्थित होकर मौखिक रूप से आरोपी मधुकर घोरसे के विरुद्ध रिपोर्ट लेख कराई थी कि घटना दिनांक 14 जून 2024 को सुबह करीब चार बजे जब प्रार्थी संदीप की पत्नी वर्षा गार्जलवार ने प्रार्थी को आवाज देकर उठाया और बताया कि देखो मधुकर एक काले रंग की गाय के साथ अप्राकृतिक कार्य कर कर रहा है ,तब प्रार्थी तुरंत उठा और उसने देखा कि मधुकर घोरसे बरारीपुरा में ही एक वकील साहब के घर के पास जहां पर 6_7 गाय बैठी थी ,वहां पर एक काले रंग की गाय के पीछे सटकर बैठ कर गाय के साथ अप्राकृतिक कार्य कर रहा था । प्रार्थी द्वारा घटना देखने पर आरोपी मधुकर को जोर से चिल्लाया गया तो आरोपी , प्रार्थी और उसकी पत्नी को देखकर वहां से भाग गया ,तभी मोहल्ले का एक और लड़का भी मौके पर आ गया था , तथा गाय भी वहां से उठकर चली गई थी ।प्रार्थी द्वारा की गई मौखिक शिकायत पर थाना कोतवाली पुलिस द्वारा आरोपी मधुकर घोरसे के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट लेख कर उसके विरुद्ध अपराध क्रमांक 415/2024 धारा 377 भारतीय दण्ड संहिता का पंजीबद्ध किया गया। पुलिस द्वारा विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, संबंधित काली गाय का तथा आरोपी का मुलाहिजा कराया गया। पुलिस द्वारा जांच कार्यवाही कर विवेचना पूर्ण होने पर आरोपी मधुकर के विरुद्ध न्यायालय में चार्जशीट पेश की गई। प्रकरण उपार्पण पश्चात सत्र न्यायालय छिंदवाड़ा में विचारण हेतु पहुंचने पर न्यायालय के समक्ष विचारण प्रारंभ होकर , समस्त अभियोजन साक्षियों के कथन न्यायालय में लेखबद्ध किए गए।साक्षियों के कथनों तथा आरोपी के विरुद्ध आई साक्ष्य के आधार पर माननीय सत्र न्यायाधीश महोदय छिंदवाड़ा श्री सुशांत हुद्दार द्वारा निर्णय पारित करते हुए, आरोपी को धारा 377 भादवि में दोषी पाते हुए, आरोपी मधुकर को दस वर्ष के सश्रम कारावास एवम एक हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया है। मध्य प्रदेश शासन की ओर से लोक अभियोजक अजय पालीवाल द्वारा पैरवी की गई।