मवई में डिजिटल स्टोरीटेलिंग प्रशिक्षण संपन्न आदिवासी लाइव्स मैटर द्वारा आदिवासी आवाज़

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दैनिक रेवांचल टाइम्स मंडला मवई जिटल स्टोरीटेलिंग प्रशिक्षण का आयोजन मवई के सामुदायिक भवन में विगत 6 से 8 दिसंबर तक किया गया। इस प्रशिक्षण में जिला मंडला के मवई,
बिछिया, घुघरी और जिला डिंडोरी के समनापुर, डिंडोरी, अमरपुर एवं छिंदवाड़ा और छत्तीसगढ़ के 45 से अधिक युवक एवं युवतियों के साथ तीन दिन का सत्र हुआ। इसके बाद इन प्रशिक्षनार्थियो को 7 दिनों का चैलेंज दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य आदिवासी युवाओं को फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, लेखन, सोशल मीडिया प्रबंधन और कंटेंट बनाने का कौशल सिखाना है। प्रशिक्षक नितेश महतो और तुम्लेश नेटी ने विभिन्न सत्रों का नेतृत्व कर डिजिटल मीडिया द्वारा आदिवासी पहचान, भाषा, और संस्कृति को संरक्षित करने पर जोर दिया गया।प्रशिक्षण प्राप्त किए हुए ये युवा भविष्य में अपने आदिवासी संस्कृति, पहचान एवं मुद्दों को डिजिटल प्लेटफार्मों पर लाने के लिए तैयार हैं।आदिवासी लाइव्स मैटर इन प्रशिक्षित युवाओं को साल भर तक कॉन्टेन्ट बनाने में मार्गदर्शन करने वाला है, प्रशिक्षित युवाओं में से कुछ को भारत के अन्य आदिवासी क्षेत्रों में भी जाने का अवसर मिलेगा।आदिवासी लाइव्स मैटर पिछले चार सालों में 400 से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित कर चुका है। झारखंड के फोटो जर्नलिस्ट आशीष बिरुली इसके सह संस्थापक हैं। उनका कहना है कि आदिवासी लाइव्स मैटर का उद्देश्य यही है कि भारत में निवास करने वाले 700 से अधिक आदिवासी समुदायों की बात सोशल और डिजिटल मीडिया में उसी समुदाय के युवाओं द्वारा आदिवासी संस्कृति, इतिहास, पहचान और मुद्दों की बात कही जाए वरिष्ठ समाजिक कार्यकर्ता चरन परते ने कार्यक्रम समापन को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में सोशल मीडिया एक सशक्त माध्यम है परन्तु इसमें आदिवासी समुदाय का इतिहास, संस्कृति और परम्परागत ज्ञान जैसा कंटेंट बहुत ही कम है।आपने उपस्थित युवक- युवतियों को आहवान किया कि आप इस जिम्मेदारी को संभालने के लिए आगे आएं।

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