बारिश की चेतावनी के बीच उपार्जन कार्य स्थगित, धान सुरक्षा को लेकर कलेक्टर के सख्त निर्देश
रेवांचल टाइम्स, जबलपुर।
राज्य शासन के निर्देशानुसार, आगामी दिनों में संभावित बारिश के मद्देनजर उपार्जित धान के सुरक्षित भंडारण के लिए जिला प्रशासन ने 30 दिसंबर से 1 जनवरी तक धान उपार्जन कार्य स्थगित रखने का निर्णय लिया है। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने इस संदर्भ में कड़े निर्देश जारी किए हैं, जिसमें किसानों और उपार्जन केंद्रों के जिम्मेदार अधिकारियों को धान की सुरक्षा सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए हैं।
खुले में धान रखने पर सख्ती:
कलेक्टर ने स्पष्ट किया है कि खुले में रखी धान को सुरक्षित करने की पूरी जिम्मेदारी किसानों और उपार्जन केंद्रों के प्रभारियों की होगी। यदि किसी भी स्तर पर लापरवाही पाई जाती है, जिससे धान खराब होती है, तो इसे गैर-मानक (Non-FAQ) धान को खपाने की साजिश माना जाएगा और संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
स्लाट अवधि में विस्तार:
जिन किसानों ने इन तीन दिनों के लिए स्लाट बुकिंग की थी, उनकी स्लॉट अवधि पांच दिन बढ़ा दी गई है। प्रशासन ने किसानों से अपील की है कि वे शनिवार और रविवार को उपार्जन केंद्रों पर धान लेकर न पहुंचें और अपनी उपज को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक प्रबंध करें।
नोडल अधिकारियों और प्रभारियों को निर्देश:
सभी उपार्जन केंद्र प्रभारियों को खुले में रखी धान को तत्काल गोदामों में शिफ्ट करने या अन्य तरीकों से सुरक्षित रखने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही, नोडल अधिकारियों, समिति प्रबंधकों और JSO (जूनियर सप्लाई ऑफिसर्स) को उपार्जन केंद्रों पर मौजूद रहकर सुरक्षा उपायों की निगरानी करने को कहा गया है।
विशेष निर्देश:
जिन किसानों की धान रिजेक्शन के कारण या तुलाई न होने की वजह से खुले में पड़ी है, उन्हें तत्काल बारिश से सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी।
यदि लापरवाही के कारण धान भीगती है या खराब होती है, तो संबंधित व्यक्तियों पर व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई होगी।
जिला प्रशासन ने सभी अधिकारियों को चेताया है कि किसी भी प्रकार की लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
बारिश का पूर्वानुमान:
मौसम विभाग के मुताबिक, जबलपुर जिले में अगले 48 घंटों में बारिश की संभावना है। ऐसे में प्रशासन ने किसानों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और अपनी उपज को सुरक्षित स्थान पर रखें।
जिम्मेदारी और पारदर्शिता:
कलेक्टर ने कहा है कि प्रशासन की प्राथमिकता किसानों की उपज की सुरक्षा है। किसानों और उपार्जन केंद्रों को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी प्रकार का नुकसान न हो।