बच्चो को मुफ्त की शिक्षा दिलाने के लिए भटक रहे हैं अभिभावक

पोर्टल में गड़बड़ी के कारण बच्चो का नही हो पा रहा है स्कूलो में दाखिला

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दैनिक रेवांचल टाइम्स – शिक्षा के अधिकार नियम के तहत देश के हर बच्चे को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करना सरकार का दायित्व है आज के परिवेश में शिक्षा का महत्व मनुष्य में प्राणों के समान है देश के प्रत्येक बच्चो को अनिवार्य रूप से मुफ्त शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से आरटीआई के तहत शिक्षा का अधिकार कानून लाया गया ताकि छ से चौदह वर्ष के गरीब बच्चो को मुफ्त शिक्षा के साथ किताबे और गणवेश भी निशुल्क मिल सके ।शिक्षा एक संवैधानिक अधिकार भी है परंतु मुख्यालय की ग्राम पंचायत बजाग मॉल के बच्चो को सरकार की महत्वाकांक्षी योजना शिक्षा गारंटी कानून का लाभ मिलता दिखाई नहीं दे रहा है ऐसा बताया जा रहा हैं ग्राम पंचायत और शिक्षा विभाग की वेबसाइट में तकनीकी गड़बड़ी के चलते विगत तीन वर्षो से यहां के गरीब बच्चो को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है बच्चो के अभिभावक अपने नौनिहाल बच्चो को निशुल्क शिक्षा दिलाने का सपना लेकर निजी स्कूल की दहलीज तक पहुंच तो जाते है परंतु निजी स्कूल प्रबंधन पोर्टल में तकनीकी खामियां बताकर बच्चो का दाखिला नहीं कर पाने में असमर्थता जता रहे है वही बच्चो को निशुल्क शिक्षा दिलवाने का सपना संजोए बच्चो के पालकों को बगैर एडमीसन कराए ही मायूस होकर स्कूल से लौटना पड़ रहा हैं जानकारी के मुताबिक एक निजी स्कूल के शिक्षक ने नाम ना प्रकाशित करने की शर्त पर बताया की विगत तीन वर्षो से ग्राम बजाग मॉल के गरीब बच्चो के पालक हमारे स्कूल में बच्चो के एडमीशन के लिए आते हैं परंतु ग्राम पंचायत और शिक्षा विभाग की पोर्टल में बजाग मॉल का नाम आपस में मेल नहीं हो पा रहा हैं शिक्षा विभाग के पोर्टल में बजंग मॉल दर्ज करने पर सभी स्कूलों की जानकारी प्रदर्शित हो जाती हैं परंतु समग्र आई डी पोर्टल में बजाग मॉल होने के कारण डाटा एक्सेप्ट नही किया जा रहा हैं। पोर्टल में दो ग्राम वार्ड बना दिए गए हैं एक में बजाग मॉल तो दूसरे में बजंग मॉल दिखा रहा हैं पोर्टल में बजाग मॉल प्रविष्ट करने पर नो फाउंड का ऑप्शन प्रदर्शित हो रहा हैं और ऐसा बताया जाता है की इस वार्ड में कोई स्कूल नही है। तकनीकी खामियों के कारण बच्चो का निजी स्कूलों में दाखिला नहीं हो पा रहा है वर्तमान में नगर में संचालित हो रहे निजी विद्यालयो में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत गरीब बच्चो के दाखिले के लिए दर्ज संख्या के आधार पर एसवीएन में 9 शिशु मंदिर में 3 ,ज्ञान मंदिर में 2 और सुभाष चंद्र बोस में 4 सीटे आरक्षित हैं बजाग मॉल में निवास करने वाले उमेश साहू व लल्लू रजक तथा कई बच्चो के पालकों ने बताया की हम योजना के तहत दाखिले के लिए स्कूलों के चक्कर काट रहे है परंतु विभागीय खामियों की वजह से हमारे बच्चो को स्कूलों में प्रवेश नही मिल पा रहा हैं जबकि बच्चो को स्कूलों में दाखिले के लिए अब बहुत ही कम समय बचा है बताया गया है की पांच मार्च अंतिम तारीख तय की गई हैं पालकों ने प्रशासन से पोर्टल में जल्द सुधार की मांग की है।

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