मंडला 11 मार्च 2025
जिला चिकित्सालय मंडला की गहन शिशु चिकित्सा इकाई में पिछली एक फरवरी से भर्ती नवजात शिशु को पूर्ण स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज कर दिया गया। 33 दिनों तक विशेषज्ञ देखरेख में किए गए सघन उपचार के द्वारा शिशु की जीवनरक्षा की गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. केसी सरौते ने बताया कि मवई विकासखंड के ग्राम खैरी निवासी बलराम मरावी की पत्नि अंजना का प्रसव एक फरवरी को घर से स्वास्थ्य केन्द्र पहुँचने के पूर्व रास्ते में हो गया था। जन्म के समय शिशु का वजन मात्र एक किलोग्राम था, शिशु ठीक से सांस नहीं ले पा रहा था तथा स्तनपान करने में भी सक्षम नहीं था। गंभीर हालत में उसे जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया।
जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन डॉ. विजय धुर्वे ने बताया कि नवजात गहन शिशु चिकित्सा इकाई में 6 माह तक के गंभीर शिशुओं को भर्ती कराया जाता है, जहाँ प्रशिक्षित विशेषज्ञ चिकित्सकों एवं नर्सिंग स्टॉफ द्वारा डेवलपमेंटल सपोर्टिव केयर तकनीक का इस्तेमाल करते हुए उपचार किया जाता है। धात्री माताओं को शिशुओं को स्तनपान कराने, गर्म कपड़े से लपेटने तथा संक्रमण से बचाने जैसे तरीकों के बारे में परामर्श दिया जाता है। गहन शिशु चिकित्सा इकाई प्रभारी डॉ. अंकित चौरसिया ने जानकारी दी कि भर्ती किए गए शिशु की स्थिति काफी गंभीर थी। लगातार उसके स्वास्थ्य पर निगरानी रखी गई। शिशु को नली से फीड कराया गया। ऑक्सीजन लेवल और पल्स की लगातार निगरानी की गई। सतत उपचार के बाद 6 मार्च को स्वस्थ होने पर शिशु को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। बच्चे के पिता बलराम मरावी ने बताया कि जिला चिकित्सालय की पूरी मेडीकल टीम द्वारा बहुत अच्छा उपचार किया गया। हमें डॉक्टर एवं नर्स द्वारा समय-समय पर समुचित जानकारी दी गई। चिकित्सालय के चिकित्सकों, नर्सिंग स्टॉफ के मधुर व्यवहार से हमें प्रसन्नता हुई। मैं समस्त मेडीकल टीम को धन्यवाद देता हूँ।
