नैनपुर पुलिस की पशु तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई: 24 मवेशियों को मुक्त कराया, ट्रक जब्त, तीन आरोपी गिरफ्तार
मंडला, 24 मार्च 2025 (दैनिक रेवांचल टाइम्स):** मध्य प्रदेश के मंडला जिले के नैनपुर थाना क्षेत्र में पुलिस ने पशु तस्करी के एक बड़े मामले का पर्दाफाश करते हुए प्रभावी कार्रवाई की है। इस ऑपरेशन में 24 मवेशियों को मुक्त कराया गया, एक 14 चक्का ट्रक जब्त किया गया, और तीन आरोपियों को हिरासत में लिया गया। यह कार्रवाई पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 और मोटर व्हीकल अधिनियम के तहत दर्ज की गई है, जो क्षेत्र में अवैध पशु तस्करी के खिलाफ पुलिस की सख्ती को दर्शाती है।
दिनांक 23 मार्च 2025 को नैनपुर थाना पुलिस को गश्त के दौरान विश्वसनीय सूचना मिली कि ग्राम डुंगरिया सूखा तालाब से एक ट्रक में मवेशियों को ठूंस-ठूंस कर भरकर ले जाया जा रहा है। सूचना मिलते ही पुलिस टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सालीवाड़ा की ओर जा रहे ट्रक (14 चक्का, पंजीयन क्रमांक MP20HB6351) का पीछा किया। कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने वाहन को रोक लिया और उसमें सवार व्यक्तियों से पूछताछ शुरू की।
ट्रक की तलाशी के दौरान पुलिस को चौंकाने वाला दृश्य देखने को मिला। वाहन में 23 बछड़े (पड़ा) और 1 भैंस को अमानवीय तरीके से ठूंसकर भरा गया था। मवेशियों की हालत देखकर यह स्पष्ट था कि उन्हें क्रूरता का शिकार बनाया जा रहा था। पुलिस ने तत्काल सभी 24 मवेशियों को मुक्त कराया और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की। पूछताछ में आरोपियों के पास मवेशियों के परिवहन से संबंधित कोई वैधानिक दस्तावेज नहीं मिले, जिसके बाद पुलिस ने ट्रक को जब्त कर लिया। इस भारी वाहन की अनुमानित कीमत करीब 20 लाख रुपये बताई जा रही है।
पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को हिरासत में लिया है, जिनकी पहचान इमरान कुरैशी (पिता इस्लाम, निवासी बरवा रसूलपुर, थाना बरौर, जिला कानपुर देहात, उत्तर प्रदेश), मुस्ताक कुरैशी (पिता मुख्तार अहमद, ग्राम भैसवाही, थाना नैनपुर), और नदीम कुरैशी (पिता नईम कुरैशी, ग्राम भैसवाही) के रूप में हुई है। इनके खिलाफ धारा 11(1)(घ) पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 और धारा 66/192(ए) मोटर व्हीकल अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किया गया है। प्रारंभिक जांच में पता चला कि ये आरोपी मवेशियों को अवैध रूप से परिवहन कर किसी अन्य स्थान पर ले जा रहे थे, संभवतः बूचड़खाने या अवैध व्यापार के लिए।
नैनपुर थाना प्रभारी ने बताया कि यह कार्रवाई पुलिस की सतर्कता और स्थानीय सूत्रों की मदद से संभव हुई। उन्होंने कहा, “हमारी प्राथमिकता पशुओं के साथ होने वाली क्रूरता को रोकना और अवैध तस्करी पर लगाम लगाना है। इस तरह के अपराधों के खिलाफ हमारी कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।” इस घटना ने एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों में पशु तस्करी की गंभीर समस्या को उजागर किया है, जिसके लिए पुलिस और प्रशासन को और सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
यह घटना न केवल पशु तस्करी के काले कारोबार की हकीकत को सामने लाती है, बल्कि पशुओं के प्रति समाज में संवेदनशीलता की कमी को भी रेखांकित करती है। पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत ऐसे अपराधों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में जागरूकता और सख्ती की कमी के कारण यह धंधा फल-फूल रहा है। नैनपुर पुलिस की इस कार्रवाई को स्थानीय लोगों ने सराहा है, साथ ही मांग की है कि मवेशियों की सुरक्षा और तस्करी रोकने के लिए ठोस नीतियां बनाई जाएं।
फिलहाल, जब्त ट्रक और मुक्त किए गए मवेशियों को पुलिस की निगरानी में रखा गया है। मवेशियों को उचित देखभाल के लिए स्थानीय पशु चिकित्सा विभाग के हवाले करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। वहीं, आरोपियों से गहन पूछताछ जारी है ताकि इस तस्करी के पीछे का नेटवर्क उजागर हो सके। पुलिस का मानना है कि इस मामले में अन्य संलिप्त लोगों की जानकारी भी सामने आ सकती है।
नैनपुर पुलिस की यह कार्रवाई न सिर्फ एक सफल ऑपरेशन है, बल्कि अपराधियों के लिए एक सख्त चेतावनी भी है कि कानून का उल्लंघन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
