एसएनसीयू में नवजात को मिला नया जीवन जिला अस्पताल मंडला में 28 दिनों तक चला इलाज
रेवांचल टाईम्स – मण्डला जिला मुख्यालय स्थित जिला चिकित्सालय में एक नवजात को 28 दिनों तक चले गहन इलाज के बाद जीवनदान मिला है। पूरे इलाज के दौरान चिकित्सक एवं उनकी टीम द्वारा लगातार बच्चें का स्वास्थ्य परीक्षण एवं मॉनिटरिंग की गई। इस पूरी प्रक्रिया में मां एवं परिजनों को इलाज की प्रक्रिया में शामिल किया जाता है ताकि बच्चे की हालत में सुधार जल्दी आए। जानकारी के अनुसार बेबी ऑफ रीना साहू इसका जन्म मंडला जिला अस्पताल में नॉर्मल डिलेवरी से हुआ। जन्म के समय का वजन 2 किलो 200 ग्राम था नवजात जन्म के समय ठीक सेरोया नहीं उसे सांस लेने की गंभीर समस्या हुई। नवजात को सीपीएपी मशीन पर रखा गया। बच्चे की हालत काफी गंभीर होने लगी थी। बचने की बहुत ही कम संभावना लग रही थी, पर जिला अस्पताल के डॉक्टर्स ने हार नहीं मानी और उसका हर हाल में करने का फैसला किया। नवजात को खून की कमी हुई बच्चे को तीन बार खून की बोतल लगी। नवजात को कड़ी निगरानी में रखा गया, केएमसी मां के द्वारा दी गई और डेवलपमेंट सपोर्टिव केयर तकनीक का इस्तेमाल किया गया। मां की ममता और आईसीयू के स्टाफ की कड़ी मेहनत के बाद 28 दिनों के इलाज के बाद बच्चा स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुआ। उसके बाद बच्चे का डेवलपमेंट और मानसिक स्थिति सही बनी रहे। जिसके लिए अस्पताल के आरबीएसके केंद्र में फिजियोथैरेपी ऑक्यूपेशनल यूनिट बनाया गया है।समय-समय पर डॉक्टर की निगरानी में उसका डेवलपमेंट असेसमेंट किया जाता है इसके साथ ही उसमें सुधार रखने की प्रक्रिया जारी रहती है।
वही शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अंकित चौरसिया ने बताया कि जो बच्चे जन्म के तुरंत बाद ठीक से रोते नहीं हैं। उनमें सांस लेने की दिक्कत और झटके आने की समस्या आती है। ऐसे बच्चों को एसएनसीयू में रखकर ट्रीटमेंट दिया जाता है और सुधार आने पर मां एवं परिजनों को इलाज की प्रक्रिया में शामिल किया जाता है ताकि बच्चे की हालत में सुधार जल्दी आए।
