परसवाड़ा में पटवारी नदारद, ग्रामीणों में आक्रोश
मंडला | जिले में राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। तहसीलों में पदस्थ पटवारियों की मनमानी चरम पर है—न वे मुख्यालय में रह रहे हैं, न ही नियमित रूप से अपने कार्यक्षेत्र में उपस्थित हो रहे हैं। नतीजतन, ग्रामीण अपनी समस्याओं के समाधान के लिए पटवारियों को खोजते फिर रहे हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही।
ताजा मामला नैनपुर तहसील के ग्राम परसवाड़ा का है, जहां पदस्थ पटवारी का तबादला दूसरी पंचायत में कर दिया गया, लेकिन उनकी जगह जो पटवारी नियुक्त किया गया, वह भी जिम्मेदारी निभाने में नाकाम साबित हो रहा है। इससे ग्रामीणों में असंतोष व्याप्त है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि पूर्व में पदस्थ पटवारी जनता की समस्याओं को गंभीरता से लेते थे, लेकिन अब हालात बदतर हो गए हैं। ग्रामीणों की मांग है कि पूर्व पटवारी को पुनः परसवाड़ा में पदस्थ किया जाए, ताकि क्षेत्र में राजस्व संबंधी कार्य सुचारू रूप से चल सकें।
प्रशासन की अनदेखी और पटवारियों की गैरमौजूदगी से किसानों और अन्य जरूरतमंद नागरिकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस पर क्या कार्रवाई करता है।
