फर्जी बनाए जा रहे कर्मगार मंडल के प्रमाण पत्र
ठेकेदार पर आरोप, पंजीयन के बाद योजनाओ का लिया जा रहा लाभ शिकायत के बाद भी नही हुई कोई कार्यवाही...
रेवांचल टाईम्स – मंडला जिले में फर्जी प्रमाण पत्र बनाने के मामले लगातार सामने आ रहे है। गत दिवस क्योस्क सेंटर से फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने खुलासा हुआ है अब मप्र भवन एवं अन्य सनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के बिना काम किए हुए श्रमिको का नब्बे दिवस प्रमाण पत्र जारी किया जा रहा है।
वही ठेकेदार पर गंभीर आरोप लगाए गए है कि उनका लोक निर्माण विभाग में किसी भी तरह का पंजीयन भी नहीं है और श्रमिको को प्रमाणित किया जा रहा है। इन प्रमाण पत्रो के माध्यम वे मप्र भवन एवं अन्य सनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल की योजनाएं का लाभ ले रहे है। इसकी शिकायत कलेक्टर मंडला श्रम अधिकारी मंडला और जनपद पंचायत मंडला को होने के बाद भी अभी जिला प्रशासन के द्वारा आज तक कोई जांच कार्रवाई नहीं की जा रही है।
बताया गया है कि बड़ी खैरी निवासी गिरीश पटेल पिता विजय पटेल जो लोक निर्माण विभाग के तहत पंजीकृत ठेकेदार नहीं है। और इनके द्वारा श्रमिको के फर्जी 90 दिनो के कार्य करने का प्रमाण पत्र जारी किया जा रहा है। इसकी शिकायत श्रम विभाग को दर्ज कराई गई है। यहां से जांच में जनपद पंचायत मंडला से प्रतिवेदन प्रेषित किया गया कि उक्त गिरीश पटेल पंजीकृत ठेकेदार नहीं है। इनके द्वारा जारी किए गए नब्बे दिवस श्रमिक प्रमाण पत्र फर्जी बनाए जा रहे है। जिस पर कार्रवाई प्रस्तावित है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। आरोप है कि श्रमिको 90 दिवस प्रमाणीकरण के लिए तथाकथित ठेकेदार के द्वारा पांच हजार रूपए लिए जाते है। बता दें कि मध्य प्रदेश भवन एवं अन्य सनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल योजनाओं का संचालन करता है। जिनमें श्रमिको विवाह सहायता योजनाएं मुख्यमंत्री आवास योजना, सुपर 5000, खिलाड़ी प्रोत्साहन योजनाए और आयुष्मान भारत योजना शामिल है। फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए आपात्र श्रमिक भी इन योजनाओ का लाभ ले रहे है। जिससे शासन की योजनाओ का लाभ आपात्रो को मिल रहा है। और पात्रता रखने वाले गरीब भटक रहे है। मांग की गई कि तथाकथित ठेकेदार के द्वारा जारी किए प्रमाणीकरण को निरस्त कर जाँच करते हुये कार्रवाई की जाए।
