जिले में संचालित स्कूलों में जमकर किया जा रहा है भ्रष्टाचार… भ्रष्टाचार को खुला संरक्षण दे रहा है, जनजाति कार्य विभाग? स्कूल की लड़ाई पहुंची थाने

विद्यालय के भ्रष्ट शिक्षक कर्मचारियों पर नहीं हो रही है कार्यवाही...

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रेवांचल टाईम्स – मंडला, क्या कभी आदिवासी बाहुल्य जिले में भ्रष्टाचार कम हो पाऐगे आज ऐसा कोई भी विभाग भ्रष्टाचार ग़बन से अछूता नहीं रहा क्योंकि जिले के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि और जिम्मेदार अधिकारियों ने गन्धारी की तरह आँखों में पट्टी बांध रखी हैं। या कहे कि हो रहे भ्रष्टाचार में खुला संरक्षण और अपना सेवा शुल्क चाहने के लिए अपना उन भ्रस्टो पर आशीर्वाद दे रहे हैं।


सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मंडला जिले के विकास खण्ड निवास के अंतर्गत संचालित पीएम श्री शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मनेरी के शिक्षकों एवं कर्मचारियों पर 1 लाख 68 हजार के गबन के अलावा कई अन्य गंभीर आरोप लगे हुए हैं यह लोग विद्यालय में नियमित नहीं आते हैं मनमर्जी से चले जाते हैं लड़ाई झगड़ा मारपीट इनके आए दिन की कहानी है वहां पढ़ रहे विद्यार्थियों का भविष्य डगमगा रहा है बच्चों के मन में असंतोष और भविष्य को लेकर चिंता है ग्रामीण बताते हैं कि विद्यालय में ना तो प्रार्थना होती है ना ही समय पर कक्षाएं संचालित हो रही हैं शिक्षा व्यवस्था अव्यवस्थित हो चुकी है विद्यालय में गुटबाजी राजनीतिकरण लड़ाई झगड़ा के अलावा कुछ भी नहीं होता अब यह लड़ाई झगड़ा स्कूल से लेकर पुलिस चौकी तक पहुंच चुका है जिसकी जानकारी सारे क्षेत्रीय लोगों के साथ-साथ विभाग को भी है किंतु विभागीय अधिकारी पता नहीं क्यों ऐसे भ्रष्ट शिक्षक कर्मचारियों को संरक्षण दिए हुए हैं?

भ्रष्टाचारियों का संरक्षण हीं बड़े घोटाले को आमंत्रण:-

वही जानकारी के अनुसार जनजाति कार्य एवं अनुसूचित जाति कार्य विकास विभाग भ्रष्टाचार ग़बन करने वालो पर अपनी छत्र छाया बना रखा है, और जिले के स्कूल में ऐसे बहुत से घोटाले हैं जिन्हें विभाग अधिकारी अपने निजी स्वार्थों के चलते और सेवा शुल्क लेकर छुपा रहे है, वही इतनी सुर्खियों के बाद भी उच्च अधिकारियों का शिथिल बना रहना इस बात की पुष्टि कर रहा है कि घोटाले में विभाग के अधिकारी संलिप्त है एक तरफ मूल जिलों से अन्य जिलों में संलग्नीकरण अटैच मेंट का खुला खेल धड़ल्ले से हो रहा है तो दूसरी ओर ट्रांसफर के नाम पर लाखों रुपए की रिश्वत मांगी जा रही है तो कहीं मनवांछित स्थान पर नियुक्ति प्रदान करने हेतु डिमांड की जा रही है ऐसे अनेको प्रकरण चलन में है, और अगर बात करें मनेरी में हुए भ्रष्टाचार पर कोई कार्यवाही न करना कहीं ना कहीं बड़े घोटाले होने की आशंका को जन्म देता है?
मनेरी में हुए विद्यालय रिपेयर कार्य में भी 181 पर शिकायत में दर्ज है जिन पर विभाग मौन बना हुआ है?

लगातार विवादों में रहा है मनेरी स्कूल और स्टाफ?

गौरतलब है कि मनेरी के शिक्षक एवं कर्मचारी आज से नहीं विगत दशको से इस संस्था में जमे है और अपनी स्वेच्छा अनुसार तानाशाही गुटबाजी करते हुए मनमाना राज चल रहे हैं यहां विवाद, चोरी, लड़ाई- झगड़ा भ्रष्टाचारी, मारपीट, की सैकड़ो शिकायतें प्राप्त हो चुकी है केवल ग्रामीण ही नहीं प्राचार्य ने भी प्रमाण सहित रिकॉर्ड विभाग में जमा किए हैं किंतु उन्हें दबाकर मोटी रकम लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है जिससे इंसाफ और इंसानियत दोनों प्रभावित हो रही है शासन प्रशासन द्वारा दी जा रही योजनाओं और उच्च गुणवत्ता युक्त शिक्षा छात्रों को प्राप्त नहीं हो रही है जिससे अभिभावकों में असंतोष व्याप्त है।

विद्यालय की लड़ाई पहुंची थाने
वही विभाग की लापरवाही या हठधर्मिता कहेंगे जो इतने अव्यवस्थित अनियमित और विसंगतियों पूर्ण शिक्षक कर्मचारियों को स्थानांतरण नहीं कर पा रहा है आज शिक्षा का स्तर ही नहीं शिक्षा की मर्यादा भी धूमिल होती जा रही है समाज का आईना कहे जाने वाले शिक्षक आज समाज के लिए कलंक बनते जा रहे हैं शिक्षक न्याय क्षमा अहिंसा का पर्यायवाची होता है किंतु मनेरी में शिक्षक हिंसा की सीमा पार कर चुके हैं,
शिक्षक कर्मचारी और प्राचार्य की लड़ाई में शिक्षक और कर्मचारियों पर हुई FIR फिर भी विभाग मौन इस चुप्पी की वजह कौन?
वही ये बात समझ से परे है कि हो रहें घोटाला गबन जो रसूखदारों और वजनदारी इंसानियत को तार तार करता नज़र आ रहा हैं, मनेरी स्कूल और हाथ पर हाथ रखकर चुपचाप देखता जनजाति कार्य विभाग विभाग और निशब्द निश्चल अपने बच्चों की उज्जवल भविष्य की आस लगाए गरीब ग्रामीण? बेचारे करें भी तो क्या करे क्योंकि उनके पास अपने बच्चों को किसी निजी स्कूलों में पढ़ाने के लिए पैसे नहीं है उनकी मजबूरी है कि अपने बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए सरकारी स्कूल का सहारा ले रहे है और जिन्हें उन बच्चों को अच्छी शिक्षा दीक्षा की जिम्मेदारी दी है वह केवल ओर केवल अपना निजी स्वार्थ साध रहें हैं।

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