परिवहन विभाग के सेटिंगबाज आर.टी.ओ. अधिकारी व बाबु पर सरकार की ट्रांसफर पॉलिसी बेअसर, अफसर भी नतमस्तक
दैनिक रेवाचल टाइम्स – सिवनी मध्यप्रदेश की मुख्यमंत्री मोहन यादव सरकार की ट्रांसफर पॉलिसी का प्रभाव परिवहन विभाग के अफसरों पर लागू नहीं हो रहा है. सिवनी के आरटीओ कार्यालय में तैनात आर टी ओ देवेश बाथम व बाबु के कार्यकाल पर नजर डालें तो ट्रांसफर पाॅलिसी बेमानी साबित हो रही है.
सिवनी मध्यप्रदेश की मुख्यमंत्री मोहन यादव सरकार की ट्रांसफर पॉलिसी का सिवनी के आरटीओ कार्यालय में तैनात अधिकारी व बाबु पर कोई असर नहीं होता. इन सेटिंगबाज अधिकारी व बाबु के आगे परिवहन विभाग के सीनियर अफसर नतमस्तक हैं. पिछले कई साल से अधिकारी व बाबू आरटीओ कार्यालय में अंगद के पैर की तरह अपना पैर जमाए हुए हैं. इनका तबादला होता ही नहीं है. ऐसा लगता है जैसे इनके लिए ट्रांसफर पॉलिसी बनी ही नहीं है. कार्यालय के हर काम में इन्हीं बाबु की चलती है.
परिवहन विभाग में ट्रांसफर पॉलिसी बेअसर….
सूत्र बताते हैं कि ऊपर तक अच्छा खासा हिसाब किताब है. इसलिए अफसर इधर अपनी नजरें ही टेढ़ी नहीं कर पाते हैं. आर. टी. ओ. देवेश बाथम 7 वर्ष से सिवनी आरटीओ कार्यालय में अपनी जगह पक्की किए हुए हैं. लगभग 7 वर्ष पहले टीकमगढ़ से ट्रांसफर के बाद सिवनी आरटीओ में ज्वाइन किया और लगभग 7 साल होने को है यहीं पर तैनात हैं. पिछली बार भी ट्रांसफर पॉलिसी आई, लेकिन इनका कुछ न कर पाई. सिवनी आर.टी.ओ. देवेश बाथम सिवनी कार्यालय ज्वाइन किया तब से यहीं पर जमे हैं. ऐसे में इन्हें काफी समय सिवनी में ही हो गया. ट्रांसफर पॉलिसी आती-जाती रही, इन पर कोई असर न हुआ.
सिवनी आरटीओ में ही तैनाती रही. लंबा समय सिवनी आरटीओ कार्यालय में गुजार लिया है. अब नेतागिरी के दम पर ट्रांसफर पॉलिसी का असर अपने ऊपर नहीं होने दे रहे हैं.
शासकीय कर्मचारी होने के बाद भी सिवनी आरटीओ कार्यालय प्राइवेट कर्मचारियों के भरोसे में संचालित हो रहा है आरटीओ कार्यालय में होने वाले कार्यों पर विशेष भूमिका प्राइवेट कर्मचारियों की है विश्वसनीय सूत्र यह भी बताते हैं कि यह कर्मचारी लाइसेंस शाखा फिटनेस शाखा व अन्य कार्यों को संभालते हैं आरटीओ भाषा CF रिश्वत के पैसे प्राइवेट कर्मचारियों के द्वारा एजेंटो से वसूलने का कार्य करते हैं यह CF का पैसा अधिकारी व बाबू तक पहुंचाने का कार्य करते हैं प्राइवेट कर्मचारी अधिकारी व बाबू अधिकारियों से काम नहीं आरटीओ में होने वाले सभी कार्यों पर विशेष भूमिका रहती है यदि उनके द्वारा यदि किसी कार्य को मना कर दिया गया अधिकारी भी उन कामों पर विशेष रुचि नहीं दिखाते हैं आरटीओ में आने वाले शहरी व ग्रामीण लोगों को इन्हीं प्राइवेट कर्मचारियों से संपर्क कर अपने कार्यों को करवाना पड़ता है
क्या बीजेपी सरकार ऐसे भ्रष्ट अधिकारी व बाबू की जांच कर पाएंगे
क्या बीजेपी सरकार आरटीओ देवेश बाथरूम और बाबू का ट्रांसफर कर पाएंगी
क्या सिवनी आरटीओ पर प्राइवेट कर्मचारियों से छुटकारा मिलेगा
क्या लाइसेंस गाड़ियों की फिटनेस व अन्य कार्यों में CF के नाम पर वसूलने वाले पैसे में से लोगों को मुक्ति मिलेगी?