कांग्रेस ने कमजोर प्रत्याशी को फिर बनाया लोकसभा का प्रत्याशी जनचर्चा का बना विषय बना लोक सभा चुनाव…..

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रेवांचल टाईम्स – मंडला लोक सभा चुनाव को लेकर भाजपा और काँगेस ने अपने अपने प्रत्याशी की घोषणा कर दी है वही दोनों पार्टी के प्रत्याशीयो के नाम की घोषणाएं होते ही पूरे लोक सभा क्षेत्र में तरह तरह की जनचर्चा का विषय बना हुआ है ।

डिंडोरी /मण्डंला महाकौशल क्षेत्र की आदिवासी बाहुल्य मंडला लोकसभा सीट के लिए बीजेपी और कांग्रेस से प्रत्याशियों का नाम उजागर हो गया है वहीं भारतीय जनता पार्टी से वर्तमान सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को लोकसभा मंडला से टिकट मिल चुकी है तो वहीं कांग्रेस के डिंडोरी विधायक ओमकार सिंह मरकाम को टिकट दे दी गई है टिकट मिलने के बाद दोनों पार्टियों में विरोध दिखाई देने लगा है भारतीय जनता पार्टी से मंडला के पूर्व विधायक शिवराज शाह शिवा भैया लोकसभा टिकट के इंतजार में थे और उन्हें विश्वास था कि अब मंडला लोकसभा से भारतीय जनता पार्टी उन्हें टिकट देगी लेकिन विधानसभा की तरह लोकसभा में भी शिवराज शाह शिवा भैया के हाथ कुछ नहीं लगा वही कुछ समय पूर्व हुए विधानसभा चुनाव में उन्होंने उम्मीद जताई थी कि पार्टी से विधानसभा की टिकिट दी जायेगी पर ऐसा नही हुआ जिसका विरोध उन्होंने किया और पार्टी से स्तीफा देकर पार्टी कार्यालय को दण्डवत प्रणाम कर के निकल गए थे पार्टी से बागी हुए शिवराज शाह को मानते हुए वरिष्ट पदाअधिकारियों के द्वारा अस्वस्थ किया गया था कि आगामी लोक सभा चुनाव में आपको टिकिट दी जायेगी पर ऐसा नही हुआ, भाजपा ने उन्हें टिकिट न देते हुए पुनः फग्गनसिंह कुलस्ते को अपना उम्मीदवार बना कर मैदान में उतार दिया है, अब एक फिर से पार्टी के अंदर अंतरकलह दिखाई पड़ रही हैं।
वहीं मंडला लोक सभा चुनाव में कांग्रेस से मंडला लोकसभा के प्रत्याशी डिंडोरी विधायक ओमकार सिंह मरकाम को बनाए जाने पर स्वयं कांग्रेसी भी मायूस नजर आ रहे हैं क्योंकि पिछले 2018 के चुनाव में इनके ऊपर गंभीर अरोप लगाए गए थे और इनके द्वारा प्रचार प्रसार नगरीय छेत्रो में नही किया गया था और अधिकांश वोटर इन्हें देखा तक नही की काँगेस के उम्मीदवार कौन है, और आज तक इन्होंने डिंडोरी तक ही राजनीति की है, कभी भी ये लोकसभा क्षेत्र में नज़र नहीं आये है इन्हें न सिवनी के लोकसभा क्षेत्र घंसौर, न ही नरसिंहपुर के गोटेगांव के क्षेत्रों में देखा गया है, शायद इस कारण से इन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा था वही दूसरी तरफ जनचर्चा का विषय भी बना रहा कि कही भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी से ही समझौते कर चुनाव को प्रभावित किया गया वहीं मंडला लोकसभा क्षेत्र मंडला से ही किसी जिम्मेदार को टिकिट देनी थी क्योंकि मंडला लोकसभा क्षेत्र में सबसे अधिक मतदाता है, नगर से लेकर ग्रामीण अँचलों तक ये जनचर्चा बनी हुई है कि कांग्रेस यदि कमजोरी की अपेक्षा यदि मजबूत प्रत्याशी को टिकट देती तो शायद भारतीय जनता पार्टी को लोकसभा से अपनी सीट बचना मुश्किल पड़ता सकता था लेकिन कांग्रेस की ओर से जिस प्रत्याशी को चुना गया है उनकी पहुंच केवल डिंडोरी तक ही सीमित है क्योंकि कांग्रेस की सरकार में भले ही मंत्री का पद रहते हुए क्षेत्र में विकास और क्षेत्रीय लोगों के कार्य करने की वजह से लोकसभा के वर्तमान कांग्रेसी प्रत्याशी की छवि सही नहीं है कांग्रेस यदि मंडला लोकसभा सीट के लिए प्रोफेसर संजीव उईके को या फिर डॉक्टर मर्सकोले को लोकसभा का उम्मीदवार बनाती तो कांग्रेस की जीत निश्चित ही रहती कांग्रेस के जीत दिलाने वाले प्रत्याशियों में बिछिया विधानसभा के वर्तमान विधायक नारायण सिंह पट्टा भी मंडला लोकसभा में कांग्रेस को जीत दिला सकते थे लेकिन कांग्रेस ने पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को पराजय का सामना करने वाले प्रत्याशी को एक बार फिर से मंडला लोकसभा से प्रत्याशी चुनकर है भारतीय जनता पार्टी के वर्तमान सांसद और आगामी लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी फग्गन सिंह कुलस्ते के लिए चुनाव आसान कर दिया है ।
वही अगर कांग्रेस समय रहते यदि एक बार फिर से मंथन कर ले तो भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को मंडला लोकसभा से जितना मुश्किल होगा केवल कांग्रेस को अपना मजबूत और जीत दिलाने वाला प्रत्याशी चुनना होगा बहरहाल कांग्रेस और बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के लिए मंडला लोकसभा सीट से प्रत्याशी चिन्हित कर दिया है अब देखना होगा कि कांग्रेस प्रत्याशी बदलता है या फिर एक बार फिर से हर का सामना करती है।
अब सही गलत का पता चुनाव सम्पन्न होने के बाद नतीजे ही बता पाऐगे की कौन किसके हिसाब से चुनाब लड़ा ओर मतदाताओं का रुझान किस ओर जा रहा हैं पर….
इनका कहना है….
सांसद जी मंडला लोक सभा सीट से लगातार जीत रहे है पर लोक सभा छेत्र में इनका विकास को लेकर बिल्कुल भी ध्यान नही है आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में लोगो को मुलभूत सुविधाएं नही मिल पाई है सड़क, बिजली, पानी आदि समस्याएं आज भी है चेहरा बदलना था।
मतदाता ग्रामीण
काँगेस में तो अब कोई बड़ा चेहरा ही नही रहा है और आज कांग्रेस आज पतन की ओर जा चुकी है आज जिसे पार्टी ने प्रत्यासी घोसित की है उन्हें डिंडौरी के अलावा कोई जनता ही नही उन्हें पिछला बार भी प्रत्याशी बनाया गया था पर जनता ने उन्हें देखा ही नही, कांगेस कमजोर प्रत्याशी पर दांव लगा रही हैं।
मतदाता नगरीय क्षेत्र

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