मानव अधिकार आयोग भोपाल, ने मंगलवार 02 जुलाई, को 21 मामलों में से तीन मामले मंडला के लिया अपने संज्ञान में माँगा जबाब…

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रेवांचल टाईम्स – मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष श्री मनोहर ममतानी ने विगत दिवसों के विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित प्रथम दृष्टया मानव अधिकार उल्लंघन के ’ 21 मामलों में संज्ञान’ लेकर संबंधितों से जवाब मांगा है।
जिसमे 3 मामले मण्डला जिले के हैं। आयोग ने संबंधितों से जवाब मांगा है।

मण्डला -जिले के 3 मामले जो समाचार पत्रों मे प्रकाशित हुए थे जिसमें प्रथम दृष्टया मानव अधिकार का उल्लंघन है ऐसे मामले को संज्ञान मे लेकर संबंधितों से जवाब मांगा है। इस बात की जानकारी कार्यालय प्रभारी म. प्र. मानव अधिकार आयोग-मित्र, शिकायत प्रकोष्ठ शाखा मण्डला के वरूण विकास नीखर ने दी है।

स्थाई जाति प्रमाण पत्र बनवाने भटक रहे बैगा परिवार, बच्चों का प्रवेश भी अटका

मंडला जिले के बैगा परिवारों के लिये कई तरह की योजनायें संचालित है, लेकिन अफसरों की लापरवाही के चलते बैगा समाज के परिवारों को उनका लाभ नहीं मिल पा रहा हैं। उन्हें स्थाई जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिये कार्यालय के आॅफिस भटकना पड़ रहा है, लेकिन उनकी कोई सुन नहीं रहा हैं। जाति प्रमाण पत्र नहीं बनने के कारण उनके बच्चों को स्कूल में प्रवेश भी अटका हुआ है। इस कारण बच्चे शिक्षा का अधिकार- मानव अधिकार से वंचित रह रहे है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, मंडला से मामले की जांच कराकर जाति प्रमाण पत्र बनने में हो रहे विलंब तथा इस कारण शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश मे हो रही कठिनाई के सम्बन्ध में की गई कार्रवाई का प्रतिवेदन तीन सप्ताह में मांगा है।

खुलेआम बिक रही मांस-मछली पर रोक नहीं…..

मंडला जिले के प्रजनन काल में मत्स्याखेट, परिवहन, विक्रय प्रतिबंध और खुले में मांस मछली विक्रय पर रोक के बावजूद बिछिया साप्ताहिक बाजार में खुले में मछली का विक्रय हो रहा हेै। नगर परिषद और मछली पालन विभाग द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा हैं। खुले में मांस-मछली विक्रय होने से बाजार में आने वाले अन्य लोगों को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, मंडला से मामले की जांच कराकर की गई कार्रवाई का प्रतिवेदन तीन सप्ताह में मांगा है।

घरों में सप्लाई हो रहा दूषित पानी

मंडला जिले में कई क्षेत्रों में बारिश शुरू होने के साथ-साथ ही लोगों के घरों में दूषित पानी सप्लाई होने का मामला सामने आया है। लोगों का कहना है कि नगर पालिका के नल से जो पानी आ रहा है वह सामान्य पानी की तरह न दिख कर लाल रंग मिला पानी सप्लाई हो रहा है। दूषित पानी सप्लाई होने से शहरवासियों को कई तरह ही बीमारियां होने का खतरा बना हुआ है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एवं सीएमओ, नगर पालिका मंडला से मामले की जांच कराकर क्षेत्रों में स्वच्छ जल की उपलब्धता के संबंध में की गई कार्रवाई का प्रतिवेदन तीन सप्ताह में मांगा है।

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