सीएमओ देवलाल तिवरे की मनमानी नगर पालिका नैनपुर ने पूर्व में बनाये गए मटन मछली मार्केट चबूतरों को किया ध्वस्त
सीएमओ नैनपुर मुख्यमंत्री के आदेशों का नगर पालिका के अधिकारी ने कर दिया दरकिनार
रेवाचंल टाइम्स नैनपुर मंडला प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सुशासन लालने की कयावद जारी है। मगर मुख्यमंत्री के आदेशो का स्थानीय अधिकारी पर आज एक माह बीत जाने के बाद भी कोई असर नहीं हो पाया है। मटन मछली मार्केट को अन्य जगह संचालित करने का आदेश जारी कर दिया है। मगर सीएमओ देवलाल तीवरे साहब की मनमानी हिटलर से कम नहीं है। वे मुख्यमंत्री के आदेश का पालन नहीं कर रहे है। जबकि नगरपालिका के द्वारा वर्ष 2017 में मटन मछली मार्केट वार्ड क्रमांक 10 में पटवारी हल्का नंबर 17 स्थित खाली भू-खंड खसरा क्रमांक 483/1 रकबा 0.898 हेक्टेयर नजूल मत की भूमि से रकवा 1785 वर्ग फूट पर लगभग 6 लाख रूपये की लागत से कांक्रीट युक्त चबूतरो का निर्माण कराया गया था जिसपर मटन मछली मार्केट लगाया जाना आज तक सम्भव नहीं हो सका। मुख्यमंत्री डाक्टर मोहन यादव के आदेशानुसार मटन मछली मार्केट उक्त स्थल पर स्थापित करने प्रक्रिया की गई जिसके चलते मुख्य नगरपालिका अधिकारी डी एल तिवरे के द्वारा उपयंत्री अभिलाष श्रीवास की उपस्थिति में पूर्व निर्मित चबूतरे को अनुपयोगी बताकर जे सीवी मशीन के माध्यम से 13 जनवरी 2024 को तुड़वा दिया गया । जिससे अब मटन मछली मार्केट स्थापित करना उक्त स्थल पर कढिन ही नहीं बल्कि असम्भव हो गया है। ज्ञात हो कि उक्त निर्णय कार्य का भुगतान भी सम्बंधित ठेकेदार को आज दिनांक तक नहीं किया गया है। जिससे ठेकेदार के सामने नई समस्या बनी हुई है। साथ ही मुख्य मंत्री मोहन यादव जी के आदेश का आज पूरा एक माह बीत जाने के बाद मटन मछ्ली मार्केट को उपयुक्त स्थल पर स्थापित किया जाना राजनैतिक संयंत्र प्रतीत हो रहा है। मगर सीएमओ नैनपुर की मनमानी जोरो पर है। वे किसी का आदेश मानने को तैयार नहीं है। जिसके चलते आज तक नैनपुर में विकास कार्य नही करवा सकें है। मगर कागजों में जमकर कमीशन लिया है।
केविनेट मंत्री जी का आदेश के बाद निर्माण कार्य शुरू
मध्यप्रदेश शासन की कैबिनेट मंत्री श्रीमति सम्पतिया उईके के द्वारा भी मटन मछली मार्केट को तत्काल उपयुक्त व सुरक्षित व्यवस्था बनाकर स्थापित करने आदेश दिया गया है। अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री व केविनेट मंत्री के आदेशों का स्थानीय अधिकारी कितना पालन कब तक करते हैं।या फिर नाम बड़े दर्शन छोटे जैसा काम कर मामले को गोलमाल कर दबा दिया जाता है। क्यों की सीएमओ साहब को लक्ष्मी के बिना कुछ दिखाई नहीं देता है। जिसके चलते नगर का विकास रुक सा गया है।