बीईओ साहब अलका गिरेवाल और नेहा झारिया कहाँ हैं… ज्ञान के मंदिर को बना दिया शॉपिंग मॉल जब मन लगे तो आओ ओर जब मन लगे तो जाओ…

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रेवांचल टाइम्स – मंडला, जिले के शिक्षा व्यवस्था लचर हो चुकी है और जेब जेब भर भर के तनख्वाह लेने वाले गुरु जी बच्चों के भविष्य से कोई लेना देना नही है इन्हें तो केवल अपनी ड्यूटी करनी है, जब मन करे तो आ गए जब मन करे तो चले गए कौन है जो देखने वाला है।
आज अधिकारी दूर दराज के स्कूलों में पदस्थ शिक्षक शिक्षका जो अपने मुख्यालय छोड़ कर जिला मुख्यालय या फिर विकास खण्ड मुख्यालय में रहना होता है और फिर स्कूल जाने आने के लिए बसों का इंतजार करना पड़ता है और सर मेडम बस के समय मे स्कूल पहुँच रहे है और सब के समय मे घर जा रहे है स्कूल बच्चे खोल रहे है बच्चे स्कूल बंद कर रहे है। क्योंकि बच्चों को पढ़ना है सर मेडम आये या न पर बच्चे समय मे पहुँच कर स्कूल खोलकर पढ़ना शुरू कर देते है और मेडम सर आकर उनकी हाज़री लेते है और फिर उन्हें होमवर्क देकर जाने की तैयारी कर लेते हैं, औऱ अगर शिकायत होती है तो जांच अधिकारी मौके जाकर शिकायत कर्ता को सैट कर मामले को दबा दिया जाता है और फिर पुनः मेडम ओर सर की रूटीन नही सुधर पा रही हैं।
इसी तर्ज में मंडला जिले के वीजादांडी में कुछ स्थानीय लोगो ने आरोप लगाया कि खण्ड शिक्षा अधिकारी जो कि मुँह देखा व्यवहार कर रहे है और अपनी मनमानी कर रहे है कौन शिक्षक कब आ रहा है कब जा रहा है इन्हें कोई मतलब नहीं है क्योंकि ये स्वंय ही अपडाउन कर रहै तो इन्हें पता है कि कितना दुख होता है समय मे आना और जाना इस लिए ये अपने अधीनस्थ कर्मचारियों का दुख समझ रहे है और उन्हें खुली छूट दे रखी है कि जब आना हो तो आईए ओर जब जाना हो तो जाइये औऱ बस हमारा ख्याल रखिए बाकी शिकवा शिकायतें सब हम देख लेंगे क्योंकि जांच तो हमे करनी है,
वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार शासकीय मॉडल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की प्रचार्या ने विद्यालय को शॉपिंग मॉल बना दी है ! औऱ मेम साहिबा शॉपिंग की तर्ज जब लगा आ गई !जब लगा चली गई, बे लगाम साहिबा की कार्यशैली से शिछक भी बे-लगाम है!,इनकी हरकतों से ज्ञान का मंदिर शॉपिंग मॉल बन गया !बच्चो का भविष्य काल के गाल समाना तय है ! शिक्षा समिति के अध्यक्ष विजेंद्र यादव अपनी टीम के सांथ गत दिन मॉडल स्कूल का औचक निरीक्षण में पाया कि प्रभारी प्रचार्या अलका गिरेवाल और नेहा झारिया शिक्षका 12 बजे तक उपस्थित नहीं थी ! बीईओ साहब को फोन के माध्यम से पूछा गया प्रचार्या अलका गिरेवाल नेहा झारिया कहाँ है जबाब मिला मेरे को जानकारी नहीं है ! मॉडल स्कूल की बड़ी मेम साहिबा मॉल शॉपिंग की तर्ज में 12:25 इंट्री रही है ! इन साहिबा की घोर लापरवाही पंचनामा में अंकित है ! इसकी लापरवाही से बच्चो का भविष्य अंधकारमय है ! बे -लगाम मेम साहिबा में लगाम लगना बहुत जरूरी है ! बच्चो का भविष्य संवर सके बताया गया की ज्ञान के मंदिर की बड़ी मेम साहिबा कालपी से आना जाना करती हैं !कभी समय पर नहीं पहुंचती सरकार का समय इनकी हाँथ की कठपुतली हैं ! जब यह मंदिर आ गई वही इनका समय हैं जब मन हुआ तब चली गई इनके मन माफिक रवैया से शिक्षक भी भरपूर फायदा उठा रहे हैं ! तो आप समझ सकते है कि इन जैसे शिक्षकों के कारण बच्चों का भविष्य क्या होगा और इन जैसे शिक्षक शिक्षकों को बच्चो के भविष्य से कोई लेना देना नहीं हैं !जहाँ प्रचार्या ऐसा हो तो वहां मास्टर कैसे होंगे। बस इन्हें तो महीना आने के पहले ही तनख्वाह की चिंता सताने लगती हैं।
अब देखा यह कि क्या शिक्षक बच्चों के भविष्य की चिंता करेगे या फिर केवल फरमल्टी निभाते रहेगें। औऱ इन जैसे लापरवाह शिक्षको पर कोई कार्यवाही होती या फिर यथावत चलता रहेगा।

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