सकल दिगम्बर जैन समाज व्रती नगरी पिंडरई के तत्तवाधान में पूज्य निर्यापक श्रमण मुनि श्री समता सागर महाराज जी के ससंघ सानिध्य में…
रेवांचल टाईम्स – मंडला, जिले के ग्राम पिंडरई में गुरु पूर्णिमा में सकल दिगम्बर जैन समाज व्रती नगरी पिंडरई के तत्तवाधान में पूज्य निर्यापक श्रमण मुनि श्री समता सागर महाराज जी के ससंघ सानिध्य में श्री जिनेन्द्र प्रभु जी के अभिषेक एवं शांतिधारा के माध्यम से दिन की मांगलिक शुरुआत हुई मुनि श्री के मुखारविंद मंत्रोत्तचारण के माध्यम से उपस्थित जनों को रक्षा सूत्र बंधा गया। दोपहर में इस युग के भगवान, ब्रह्मांड के देवता आचार्य श्री विद्या सागर महामुनि राज की समाज के द्वारा सामूहिक पूजन की गई। तत्पश्चात नागपुर से आए नाटककार श्री महावीर जैन जी एवं श्री विद्या संस्कार प्रमाणिक पाठशाला के बच्चों के माध्यम से गुरु पूर्णिमा पर विशेष नाटिका प्रस्तुत की गई। तदुपरांत मुनि संघ के मांगलिक प्रवचन हुए.. सर्व प्रथम ऐलक श्री निजानंद सागर जी महाराज जी ने आचार्य भगवन के द्वारा रचित हाइकु एवं उनकी गहराई सभी को बतलाई। ऐलक श्री निश्चय सागर महाराज ने गुरु का वास्तविक अर्थ बतलाया गु+ र+ उ= जो गंभीर हो, जिन शासन के रहस्यों को उद्घाटित करने वाले हो और जो उदार होते है वे गुरु कहलाते है। अंतिम में पूज्य निर्यापक श्रमण मुनि श्री समता महाराज श्री पूरे विश्व में एकमात्र भारत वर्ष में ही गुरु शिष्य की परम्परा है अन्य कहीं नहीं बताते हुए जैन सिद्धांत के अनुसार गुरु पूर्णिमा की कथा बतलाई। शाम को पाठशाला के बच्चों ने मुनि श्री से कुछ विशेष नियमों को अंगीकार किए। सभी मिलकर ने अनेक दीपकों से मुनि श्री की आरती करके आज दिन का समापन भक्ति के साथ किया।