स्कूल शुरू होने के बाद पुलिस ने स्कूली वाहनों की जांच के लिए ना प्लांट लगाए और ना ही कोई कार्यवाही अभियान…
रेवांचल टाईम्स – स्कूली बस बिना मापदंडों के पुनः शुरू हो चुकी है जिसमे स्कूल संचालकों के द्वारा मनमाने तरीक़े से बसों का संचालन किया जा रहा हैं वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बिना लाइसेंस बिना वर्दी के चलाएं ऑटो में बस व आटो चालक
शहर में ऑटो और बस में जमकर छात्र छात्राओं कि ओवरलोडिंग कि जा रही है तेज रफ्तार में शहर कि सड़कों पर दौड़ने वाले वाहन खुलेआम नियमों कि धज्जियां उड़ाई जा रही कोई प्रायवेट बस का कमर्शियल उपयोग कर रहे हैं तो कोई एलपीजी से आटो चला रहा है मामूली चूक किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग को इसकी जरा भी फ़िक्र नहीं है स्कूल सत्र शुरू होने के बाद से अब तक नियम विरुद्ध दौड़ रहे स्कूली आटो और बस खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई
पिछले साल भी एक भी नहीं हुई कार्रवाई
पुलिस और परिवहन विभाग को स्कूली बच्चों की कितनी फिक्र है इसका अंदाज़ इसी से लगाए जा सकता है कि पिछले पुलिस द्वारा एक भी स्कूली वाहन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई
करतें हैं खानापूर्ती
स्कूल शुरू होने के बाद पुलिस ने स्कूली वाहनों की जांच के लिए ना प्लांट लगाए और ना ही कोई कार्यवाही अभियान चलाया पुलिस हर बार तरह इस बार वाहनों की जांच के लिए हादसों का इंतजार कर रही है आश्चर्य कि बात यह है कि जहां सुबह से लेकर रात तक ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी जवान तैनात रहते हैं लेकिन वहां भी स्कूली वाहनों की जांच नहीं की जाती
पुलिस वेरिफिकेशन नहीं
नियमानुसार स्कूल बस के ड्राइवर और कंडक्टर का पुलिस वेरिफिकेशन स्कूल द्वारा कराना जाना चाहिए है वही स्कूल वैन और ऑटो 90% से अधिक चालकों का पुलिस वेरीफीकेशन नहीं है
सिहोरा खितौला स्कूली वाहनों कि संख्या
स्कूल बस —-आटो
50 से 55 / 10 से12
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केस नंबर 1
गौरी तिराहा रोड़ पर ऑटो में स्कूली छात्रों को ठूंस ठूंस कर बिठाया जाता है चालक ने एक छात्र को सामने की सीट में अपने बगल में बिठाया था ऑटो में बच्चों की संख्या कितनी थी कि कुछ तो बैठने की चिंता किए बगैर ऑटो चालक तेज रफ्तार में चल रहा था
यह कर रहे हैं मनमानी
स्कूल ऑटो
निर्धारित क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाना
स्कूल के आर पार ऑटो खड़ा कर ट्रैफिक जाम
सीएनजी की जगह एलपीजी से चला रहे ऑटो
कई ऑटो चालक बिना लाइसेंस बिना वर्दी आप बिना कागज के दौड़ा रहे हैं
स्कूली बस
स्पीड गवर्नर का ना होना
अधिकतर बसों पर सीसीटीवी ना होना
स्कूल के स्थान प्राइवेट ऑपरेटर्स
क्षमता से अधिक बिठाना
क्या कहते अधिकारी
बस में जितनी सीट निर्धारित है उससे अधिक बच्चों को बसों में नहीं बैठाया जा सकता यदि ऐसा हो रहा है तो ऐसे निजी स्कूल संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। स्कूल बसों कि जल्द ही जांच का अभियान शुरू किया जाएगा।
रूपेश सिंघई, एसडीएम सिहोरा