लफरा ग्राम में हुआ लाखों का लफड़ा पी गए अमृत सरोवर परियोजना की सरकारी धन जम कर हुआ भ्रष्टाचार..

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47 लाख 43 हज़ार के सरोवर में भरी बरसात में भी नही है 50 बाल्टी पानी…

 

 

रेवांचल टाइम्स – मंडला, आदिवासी बाहुल्य जिले में भ्रस्टो और भ्रष्टाचार की एक अच्छी खासी किताब लिखी जाए तो भी उसके पन्ने कम पड़ जाएंगे बावजूद इसके न जिला प्रशासन के जिम्मेदारो के कानों में जू तक नही रेंग रही है, और न ही जनता के सेवक बने बड़े बड़े जो जनता ने जिन्हें चुना है, विधायक, हो या फिर सांसद इन के कानों में भी भ्रष्ट और हो रहे भ्रष्टाचार की जू तक नही रेंग रही है, या कहे कि जो जिले में भ्रष्टाचार चरम है वह सब इन्ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के जनप्रतिनिधियों की संरक्षण के चलते हो रहे है, आज जिले के नगर से लेकर गांव गया में जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों के वफादार सेवक कार्यकर्ता ठेकेदार बन बैठे है, और जनता के विकास के लिए आई राशि चाहे वह प्रदेश हो या फिर केन्द्र सरकार से हो सब पर खुल्लमखुल्ला ठेकेदारी की जा रही है, नाम मात्र के लिए निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायते है। सब मे ठेकेदारी प्रथा लागू है और कही कही तो खुद जनप्रतिनिधि स्वयं ठेकेदार बन बैठे है और उनके फर्मो के बिल सरकारी पोर्टल में आसानी से देखे जा सकते है न ही इनकी कोई दुकान है और न ही कही ये समान बेच रहे है हाँ पर इनके फर्मो के बिल जरूर दिखाई पड़ रहे हैं।

 

जनता के विकास में लग चुकी है जनप्रतिनिधियों के सेवको की नज़र

 

प्रदेश में यूं तो लगभग 20 सालों से भाजपा की सरकार सत्ता में है, वही पूरे देश में तीसरी बार प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश में विकास के रथ का पहिया दौड़ रहा है, भाजपा सरकार के केंद्रीय मंत्री से लेकर प्रदेश सरकार में वर्तमान मंत्री और मिनिस्टर तक डबल इंजन सरकार की तारीफ करते हुए दिन रात थकते नहीं परन्तु इसी डबल इंजन की सरकार के छुट भैया नेता जो जिले में बहुत वर्षों से पदों में आसीन हैं इनके द्वारा भ्रष्टाचार को अमली जामा पहनाने का काम किया जा रहा हैं।

 

जनपद पंचायत भुआ बिछिया की ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार चरम में,

 

वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ऐसा ही एक मामला मंडला जिले की बिछिया तहसील के अंतर्गत लफरा ग्राम पंचायत में देखने को मिल रहा है, और यह पंचायत हमेशा ही अपने और जनता के विकास के प्रति हुए कार्यो को लेकर आये दिन शुर्खियो में रही हैं और, ताजा मामला ग्राम पंचायत लफ़रा में बने अमृत सरोवर परियोजना के अंतर्गत बनाए गए लाखों रुपए के सरोवर का हैं, जहाँ पर अमृत योजना से बन रहे तालाब का न ही मौके में कोई सूचना पटल नहीं लगाया गया न ही निर्माण स्थल पर कोई जानकारी है कि क्या बन रहा कितने का है और निर्माण एजेंसी कौन है कितनी की लागत है ठेकेदार कोन है और निर्माण कार्य मे मजदूरी भुगतान कितनी दी जा रही है कब से प्रारंभ है कब पूर्ण होने ऐसी कोई भी जानकारी स्थल पर नही है।

जबकि नियमानुसार निर्माण स्थल में कार्य प्रारंभ होने के पहले ही सूचना पटल लगाने के स्टीमेट राशि का उल्लेख होता है और उक्त कार्य के लिए राशि भी जारी की जाती हैं पर अधिकांशतह निर्माण एजेंसियों के द्वारा कोई भी सूचना पटल नहीं लगाते है और कार्य पूर्ण हो जाते है,। भारी लफ़ड़ा सामने आया है, एक तरफ इन दिनों बरसात लगी हुई हैं, और भरी बरसात में भी कुछ बूंदों के लिए सरोवर तरस रहा हैं। एक तरफ देश के यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी जी अमृत सरोवर तालाब की तारीफ करते हुए खुद का सीना चौड़ा करते हुए देश में ऐसे ही विकास का रथ निरंतर दौड़ता रहें और सभी लोग ईमानदारी से कार्य करें और देश को एक नित नई ऊंचाई पर पहुंचाने में सभी की जनभागीदारी की मांग कर रहे हैं।

 

सत्ता पक्ष और विपक्ष मिलकर दे रहे है, भ्रष्टाचार को अंजाम

 

वही जिले के नेता सत्ता पक्ष में रहते हुए भ्रष्टाचार को नित नई ऊंचाई पर पहुंचाने की कवायद जुटा रहें है, और इनके द्वारा भ्रष्टाचार को बड़ावा दिया जा रहा हैं, और निरंतर इस आश में जुटे हुए है की आम जनता का पैसे को कैसे पलीता लगाया जाए.! कितना ज्यादा से ज्यादा सरकारी धन को अपना धन बना लिया जाए, वही लफरा ग्राम पंचायत में चलने की जानकारी सामने आ रही है जहाँ पर लाखों रुपए की लागत से अमृत सरोवर निर्माण कर लफरा में सरकारी धन का लफड़ा किया जाने की जानकारी ग्रामवासियों के द्वारा दी जा रही है। जिम्मेदार विभाग और ठेकेदार की साठगांठ के चलते आज ये अमृत सरोबर तालाब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ते नजर आ रहा हैं।

 

सरकार लाख नियम कानून बनाये भ्रस्टो को कोई फर्क नही पड़ता

 

वही जब ग्राम पंचायत में लाखों की लागत से बने ग्रामीण यांत्रिकीय सेवा संभाग मंडला और ठेकेदार की साठगांठ की बू आ रही है और हो रहे कार्यों अमृत सरोबर तालाब की गुणवत्ता और उसमे किये गए कार्यों को लेकर जब दैनिक रेवांचल टाईम्स समाचार पत्र की टीम ने अमृत सरोवर योजना अंतर्गत बनाये गए अमृत सरोवर तालाब की उपयोगिता को लेकर ग्राम वासियों से पूछी गई तो लोगो ने कहा कि साहब ये ग्राम लफरा है और यहां पर ख़ुल्म खुला लफ़ड़ा होना आम बात हो चुकी है कोई भी इन भ्रस्टो पर नकेल नही कस सकता क्योंकि सब बड़े बड़े नेताओं के चेले चापाटे काम कर रहे है और कही न कही इन्हें भ्रष्टाचार करने का लाइसेंस मिल चुका है और तो कुछ ग्राम वासियों ने दबी जुबान कुछ एक ग्राम वासियों ने बतलाया की लाखों रुपए से बने तालाब में बरसात के मौषम जब 50 बाल्टी पानी भी नही दिखाई पड़ रहा है तो खाक इसमें पानी रहेगा जब भरी बरसात में पानी देखने को नहीं मिल रहा हैं। साथ ही आम जन मानस के लिए एक प्रतिशत भी उपयोगिता भी इस तालाब से नहीं लगती नज़र आ रही हैं। जहां एक तरफ बड़े से बड़े बांध इस साल की बारिश में लबालब भरे पड़े है छोटे मोटे ताल तलैया पानी की बूंदों से तर हैं।

 

जनता के लिए बनाये जा रहे अमृत सरोबर हो रहे है फैल

 

वहीं लफरा ग्राम पंचायत में लाखों रुपए बर्बाद कर निर्मित किए गए अमृत सरोवर के इस तालाब में चंद बाल्टी पानी अमृत सरोवर योजना के तहत निर्माण किए गए इस तालब में मौजूद नहीं हैं। तो क्या ऐसी योजनाएं केवल देखने और विभाग और ठेकेदारों को फायदा पहुँचाने के लिए ही क्रियान्वयन की जा रही हैं जो लाखो रुपये पानी के लिए पानी की तरह बहा दिए गये हो और उसमे जब पानी ही न हो तो ऐसे योजनाएं से आखिर क्या काम की

 

ग्राम पंचायत में लग रहे है धड़ा धड़ बिल

 

वही जब पंचायत प्रतिनिधि और सचिव से इस सरोवर निर्माण में काटे गए बिलों की जानकारी मांगी गई तो पंचायत प्रतिनिधि और सचिव ने बतलाया की मंडला जिले के कोई एम एस अंश कंशट्रेक्शन के नाम से लाखों के बिलों का भुगतान किया गया है। अब सवाल यह उठता है, कि अंश कंशट्रेक्शन को लाखों रुपए का भुगतान करके आखिर क्यूं सरोवर में चंद बाल्टी पानी के लिए ग्रामीणों को तरसाया जा रहा हैं। ये अमृत सरोबर योजना से तालाब तो बन गया है पर इसके पीछे ग्रामीणों के बहुत कुछ चर्चा का विषय बन गया हैं।

 

वही मंडला जिले की जनपद पंचायत भुआ बिछिया की ग्राम पंचायत लफरा में और भी ऐसे अनेको सरकारी राशि मे किये गए लफड़े हैं, जिनका उजागर रेवांचल टाइम्स की टीम के द्वारा निरंतर विकास और विकास के ठेकेदारों के बारे में समाचार के माध्यम से उजागर कर जनता तक पहुँचाएगी।

वही जब ग्रामीण यांत्रिकीय सेवा संभाग के अनुविभागीय अधिकारी जो कि जनपद पंचापत  भुआ बिछिया में पदस्थ है जब रेवांचल की टीम ने इनसे उक्त तालाब जो कि अमृत सरोबर योजनाओं से निर्माण किया जा रहा है तो लगातार घँटी बजती रही पर उनके द्वारा कोई रिस्पॉन्स नही दिया गया और न ही कॉल उठाया गया जिससे विभाग के जिम्मेदार अधिकारी का पक्ष नहीं रखा जा सका।

इनका कहना है कि….

अमृत सरोबर तालाब की निर्माण ऐजेन्सी पंचायत नही ये कार्य विभागीय है आप RES ग्रामीण यांत्रिकीय विभाग से जानकारी ले सकते है मेरी जानकारी के अनुसार तालाब की लागत लगभग37 लाख  बताई जा रही है और डिमांड के अनुसार पंचायत से मास्टर दिए जाते है पर भुगतान निर्माण ऐजेन्सी के द्वारा ही किया जाता हैं।

                         भजन लाल साहू

                   सचिव ग्राम पंचायत लफरा 

                  ज. प. भुआ बिछिया मंडला

 

जहाँ पर तालाब बना है उस जगह में तो तीली भी बोने लायक़ जगह नही है और जो तालाब बना है उसे में तो क्या पूरा गांव संतुष्ट नही है मनमाने तरीके से कम काज करके सरकारी धन में लूट मचा रखी हुई है जहाँ काम होना चाहिए वहां कुछ नही हो रहा है और जहाँ नही होना चाहिए वहाँ बिना स्टीमेट बिना नक्शा के काम करके मनमाना काम करा के सरकारी राशि को बंदरबाट कर रहे है कितनी शिकायत करो कुछ नही होता है।

                           राधेलाल धनगर

                     पूर्व सरपंच ग्राम लफरा

                 ज.प. भुआ बिछिया मंडला

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