167 वा बलिदान दिवस सम्मान समारोह एवं सामाजिक महापंचायत बैठक…

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रेवांचल टाईम्स – मंडला, ज़िले के नारायणगंज विकासखंड मुख्यालय में सर्व मूलनिवासी समाज ब्लॉक शाखा नारायणगंज के तत्वाधान में महाराजा शंकर शाह पुत्र कुवर रघुनाथ शाह बलिदान दिवस अवसर पर सम्मान समारोह एवं सामाजिक महापंचायत बैठक का भव्य आयोजन किया गया जिसमें टिकरिया चौराहा से महा शोभायात्रा कार्यक्रम स्थल बस स्टैंड परिसर तक भव्यता से डीजे के धुन में थिरकते हुए पहुंचे। जहां मचिय आयोजन में सर्वप्रथम पुरखा गोंगो पश्चात कार्यक्रम प्रारंभ करते हुए मंचीय अतिथियों का हल्दी चावल से तिलक वंदन कर स्वागत करते हुए कार्यक्रम की प्रस्तावना कलीराम मर्रापा सरपंच द्वारा विस्तृत रूप में रखा गया पश्चात अतिथियों का उद्बोधन क्रमशःहोते रहे।वहीं बीच बीच में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के क्रम में सैला नृत्य, रीना,विवाह गीत आदि भी कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किए गए।

अतिथियों के उद्बोधन में फग्गन सिंह कुलस्ते सांसद पूर्व केंद्रीय मंत्री द्वारा कहा गया कि हम मुसाफिर हैं उस गौरवशाली पाठ के जिस पथ पर हमारे पूर्वजों ने खुद कांटों पर चलकर अपनी गर्दन कटा कर हमारे लिए फूल बिछाए थे ऐसे बलिदान शिरोमणि शहीद महाराजा शंकर शाह मरावी और शहीद कुवर रघुनाथ शाह मरावी देश की स्वतंत्रता के लिए अपनी धरती मां जल जंगल जमीन अपने मान सम्मान स्वाभिमान व आने वाली पीढ़ी के खातिर आक्रमणकारी विदेशी अंग्रेजों से सन 1857 में क्रांति का बिगुल बजाया।जिनके विरासत स्वरूप बने महलों के संरक्षण के लिए मैं हमेशा प्रयासरत हूं।
व्यक्तव्य की इसी कड़ी में निवास विधायक चैन सिंह वरकड़े द्वारा महान गोंडवाना साम्राज्य के अंतिम शासक महाराजा शंकर शाह पुत्र कुंवर रघुनाथ शाह के महान बलिदान को नमन करते हुए समाज को संदेश देते हुए आग्रह किया कि आयोजकों के मेहनत से सजाए इन मंचो के माध्यम से मिलने वाले सामाजिक शिक्षा, एकता, आर्थिक संपन्नता सहित समाज को उचाइयो में ले जाने की जो संदेश विचारकों द्वारा बताया जाता है इन बातो पर गंभीर चिंतन करे जिससे हम विकास की राह में बढ़ सकें।
विचारों की कड़ी में विचार रखते हुए इंजी. भूपेंद्र वरकडे सदस्य जिला पंचायत द्वारा कहा गया कि गढ़ा मंडला मध्य गोंडवाना महाकौशल का नेतृत्व करते हुए गुलामी के खिलाफ देश के लिए पूरी निष्ठा और समर्पण भाव से लड़ाई लड़ी और संघर्ष किया विदेशी अंग्रेजों को घुटना टेकने पर मजबूर किया पर कुछ गद्दारों ने अपनी निजी स्वार्थों के लिए अंग्रेजों से मिलकर महाराज और कुंवर की गोपनीय जानकारी अंग्रेजों को दे दी। और 14 सितंबर 1857 को धोखे से उन्हें पकड़वा दिया हमारे पुरखे शहीद 13 अन्य साथियों के साथ बंदी बना लिए गए और 18 सितंबर की सुबह 11:00 बजे वर्तमान प्रशिक्षण महाविद्यालय के सामने सरेआम तोप के मुंह में बांधकर दोनों शहीद पिता व पुत्र को तोप से उड़ा दिया गया जिससे अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ विद्रोह और भड़क उठा और इसकी आग समूचे देश में फैल गई। जमी में विरले हैं ऐसे वीर शहीद जिन्होंने अपना घर परिवार विरासत सल्तनत राजपाट शानो शौकत सब छोड़ कर पुरुषार्थ और वीरता को चुना। हमें गर्व है कि हम ऐसे महान हस्तियों के वंशज हैं समुचे समाज को प्रेरणा लेनी चाहिए। साथ ही उपस्थित जनमानस से पेसा कानून को पढ़ने समझने का आग्रह किया।चूंकि वर्तमान में पेसा कानून ही हमारे लिए हथियार है जिसमें निहित अधिकारों से गांव समाज हित का खजाना छुपा है।हम जितना जानकर बनेंगे उतना ही मजबूत होंगे। उद्बोधन की कड़ी में मुल्लू सिंह मरावी, माखनलाल सोयाम, रतन सिंह ठाकुर , आसाराम भारतीया अध्यक्ष जन.पंचायत, पूरन सिंह मरावी,सेवाराम पंद्रो, नंदू नरेती,सहित अन्य अतिथियों द्वारा अपने विचार रखे गए। कार्यक्रम में विशेष सहयोगी के रूप में धन्नूलाल मरावी, रिंकू मरावी, अखिलेश वरकडे, सतीलाल सोयाम, गर्जन मरावी सहित युवाओं का अहम योगदान रहा। कार्यक्रम का सफल संचालन जयदेव मार्को, रतन वरकडे द्वारा किया गया।प्रशासनिक व्यवस्था पूरे कार्यक्रम में दुरुस्त रखने में विशेष सहयोग थाना प्रभारी गोपाल घासले व टीम द्वारा किया गया।मुख्यालय स्थित साप्ताहिक बाजार होने के बावजूद स्थानीय व्यापारियों द्वारा भी भरपूर सहयोग प्रदान किया गया। उपस्थित रहे आयोजन समिति सर्व मूलनिवासी समाज ब्लॉक शाखा नारायणगंज के समस्त पदाधिकारी कार्यकर्ता, समस्त जनपद सदस्य गण, समस्त सरपंच गण विकास खण्ड स्तर के समस्त मुक्कदम,ग्राम पटेल,मुखिया सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी कार्यकर्ता क्षेत्र भर के सामाजिक जन बड़े संख्या में उपस्थित रहे।

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