आरटीआई में हुआ बड़ा खुलासा, एक स्टॉप नर्स की दो दो अंकसूची, एक में प्रथम दूसरे में द्वितीय, लगा रही भोलेभाले लोगो इंजेक्शन…
दैनिक रेवांचल टाइम्स – मंडला आदिवासी बाहुल्य जिले में नोकरी पाने और सरकारी पद में बैठेने के लिए लोग किसी भी हद को पार करने में पीछे नज़र नही आ रहें है और जब इनकी शिकवा शिकायत होती है तो उन्ही विभाग के प्रमुख जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी अपने अधीनस्थ कर्मचारी के द्वारा किये अनैतिक गए कृत्य पर पर्दा डालने में पूरी भूमिका निभाते नजर आ रहे है और जॉच के नाम पर केवल उनके द्वारा किया गया अनैतिक कृत्य की शिकायत में बचाने का पूरा प्रयास जारी रहता हैं।वही जिले में सरकारी दफ्तरों में खुला भ्रष्टाचार, ग़बन, पद का दुरूपयोग होना आम बात हो चुकी है पर अब ऐसे मामले भी सामने आ रहे है जहाँ पर सरकारी सेवक बनने किसी भी हद पार करके नोकरी हथायने में पीछे नही है लोग अपने मतलब के लिए आखिर किस हद तक गिर जाते है और उन्हें बाद में होने वाले अंजाम तक पता नही होता है शासकीय सेवक बनने किसी भी प्रकार से जाली दास्तवेजो का सहारा लेकर किसी भी तरह से बस सरकारी नोकरी पाना चाहते है और यह भी इनके दिमाक में जरा भी ख्याल नही आता है कि अगर पकड़े गए तो नोकरी जायेगी ही जायेगी पर जेल भी जाना पड़ेगा और समाज परिवार में अलग थू थु हो जाएगी वावजूद इसके मंडला जिले के भिन्न विभाग जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, अन्य विभागों में फर्जी जाति प्रमाण पत्र, फ़र्जी अंकसूची में छेड़खानी करते हुए फर्जीवाड़ा कर छोटे से लेकर बड़े बड़े पदों पर आसीन है, मंडला तो मंडला जिले में बल्कि आसपास के जिले डिंडौरी, सिवनी, बालाघाट, में ऐसे अनेकों लोग फर्जीवाडा कर लोक सेवक बन बैठे है और एक पात्र योग्य व्यक्ति जो पूरी ईमानदारी से मेहनत करके अच्छे अंक बनाया है वह आज बेरोजगार का दंश झेल रहा है, ये फर्जी दस्तावेज बनाकर दूसरों का हक मार कर मलाई खा रहे हैं। इनकी शिकवा शिकायत होती भी है तो जांच अधिकारी कर्मचारी केवल जांच में खानापूर्ति कर और आपसी सामंजस्य बना कर उन्हें अभयदान दिया जा रहा है और वह बेखौफ अपनी नोकरी कर रहें है औऱ ऐसे ही कुछ फर्जीवाड़ा कर फर्जी अंकसूची के आधार पर शिक्षा विभाग में शिक्षक स्वास्थ्य कार्यकर्ता जेल की हवा खा चुके है।
डिग्रीधारी लोग काट रहे चक्कर औऱ फर्जी दस्तावेजों से बन बैठे नर्सिंग ऑफिसर
केन्द्र सरकार हो राज्य सरकार बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए पढ़े लिखे की भर्ती कर उन्हें एक बड़ा बेतनमान मुहैया करा रही हैं, जहा पर शासन शिक्षा को लेकर सजग है हर संभव प्रयास कर रही है शहर से लेकर गाँव कस्बो में स्कूल आँगनबॉडी का संचालन कर रही है जिससे कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित ना रह सके और करोड़ों की लागत से भवन निर्माण किया जा रहा है और प्रशिक्षित शिक्षको की भर्ती कर बच्चों को उच्च श्रेणी की शिक्षा निशुल्क दी जा रही है शासन की मंशा है कि कोई भी बच्चा शिक्षा से अछूता न रहे और पढ़ लिख कर अपना भविष्य बना कर देश का नाम रोशन करे।
वही सूचना अधिकार के आवेदन से प्राप्त जानकारी के अनुसार मंडला जिले के जिला चिकित्सालय में कार्यालय सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक, जिला मंडला में श्रीमति उर्मिला मर्सकोले नर्सिंग ऑफिसर के पदस्थ पर अपने निजी स्वार्थ के लिए कूटरचित दस्तावेज के आधार पर 12वीं की अंकसूची जो कि माध्यमिक शिक्षा मंडल की अंक में छेड़खानी कर द्वितीय श्रेणी से अचानक ही प्रथम श्रेणी की बना कर स्टॉप नर्स बन कर अब अस्पताल में बैठ कर इलाज करते हुए दवाई गोली औऱ इंजेक्शन लगा कर लोगो के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे है।
आरटीआई में हुए बड़े खुलासे में इस बात का पता चला है।
सूचना अधिकार से प्राप्त जानकारी में ये भी खुलासा हुआ कि कार्यालय सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक से प्राप्त जानकारी के अनुसार विभाग के समक्ष प्रस्तुत अपने शैक्षणिक दस्तावेजो में छेड़खानी की गई है और इनके द्वारा जाली प्रथम क्षेणी की अंक सूची बनवा ली गई साथ ही वर्ष 2005 में हायर सेकंडरी सर्टिफिकेट परीक्षा में शिक्षा मंडल के पोर्टल में द्वितीय श्रेणी प्रदर्शित हो रही हैं। अब इनके पास दो अंकसूची का पता चला है, जहाँ एक में यह है तो दूसरे में प्रथम श्रेणी है। औऱ ये कैसे फर्जी अंकसूची की दम पर ये मैडम बाकायदा स्वास्थ्य विभाग में नर्सिंग आफिस की जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं। वही मिली जानकारी अनुसार स्टॉप नर्स में नियुक्त पाने विभाग के समक्ष प्रस्तुत दस्तावेजो में कूटरचित अंकसूची (फर्जी) लगाकर शासकीय सेवा में नियुक्ति पाकर शासन के साथ धोखाधड़ी एवं शासन को आर्थिक क्षति पहुँचाने की शिकायत की गई है, जानकारी के मुताबिक श्रीमति उर्मिला मर्सकोले पिता श्री मंगल सिंह निवासी उकवा तहसील बैहर जिला बालाघाट के द्वारा नर्सिंग ऑफिसर (स्टॉप नर्स) का पद प्राप्त करने हेतु कूटरचित (फर्जी) अंकसूची का प्रयोग कर बी एस सी नर्सिंग में प्रशिक्षण प्राप्त के शासकीय सेवा का लाभ ले रहै है एवं शासन के साथ धोखाधड़ी की जा रही है। जो कि धारा 420, 467, 471 भादवि की श्रेणी में आता हैं। जिसकी लिखित शिकायत विभाग के आला अधिकारियों से की गई पर एक साल से अधिक समय व्यतीत हो चुका है पर जांच आज भी लंबित है।
आरटीआई में मिली जानकारी इस प्रकार है
कूटरचित तरीके सेे तैयार की अंकसूची की जा रही मौज
वही उर्मिला मर्सकोले पिता मगंल सिंह मर्सकोले निवासी उकवा तहसील बैहर जिला बालाघाट म.प्र. के मूल निवासी है इनके द्वारा नौकरी जगने से पहले नर्सिंग अफिसर (स्टाफ नर्स) का बी.एस.सी. नार्सिग में प्रशिक्षण के लिये चयनित हुई इनके द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु कूटरचित अंकसूची (फर्जी अंकसूची) का प्रयोग कर शासन से धोखाधड़ी की गई है जिसकी जाँच कर दोषी पाये जाने पर पद से पृथक से करते हुये अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किये जाने की लिखित शिकायत की गई हैं। जिसमे यह आरोप लगाया गया है कि स्टाप नर्स उर्मिला मर्सकोले, बी.एस.सी. नार्सिंग बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में अध्यनरत रही है जिसकी अंकसूची में सत्यापन के दौरान यह पाया गया कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मण्डला में जमा किये गये दस्तावेज के आधार पर हायर सेकेण्डरी सर्टिफिकेट परीक्षा (10+2) की अंक सूची में वर्ष मार्च 2005/ जिसका केन्द्र क्रमांक- 78002, संस्था क्रमांक पी.आर, रोल नम्बर- 257810008 एवं नामांकन/ पजीयन क्र (‘C 52 है, और सभी पांच विषयों का पुंर्णाक – 450 है जिसका प्राप्तांक- 259 है (द्वितीय श्रेणी से उत्तीर्ण है)
वही प्रशिक्षण के दौरान बी.एस.सी. नार्सिंग वरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल के समक्ष प्रस्तुत दस्तावेज जिसमें कक्षा 12वीं हायर सेकेण्डरी सर्टिफिकेट परीक्षा (10+2) की अंक सूची में वर्ष मार्च 2005 / जिसका कंन्द्र क्रमांक- 78002, संस्था क्रमांक- पीआर, रोल नम्बर- 257810008 एवं नामांकन / पंजीयन C-052 है और सभी पांच दिषयों का पूर्णांक 450 है जिसका प्राप्तांक 355 है (प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हैं) जो कि कुटरचित तरीके से प्राप्त अंकों के साथ-साथ छेडख़ानी कर अंकसूची को कूटरचित तरीके से बनाई गई है। वही उर्मिला मर्सकोले पिता मगंल सिंह मर्सकोले जो कि शासकीय हाई स्कूल एम. एल. बी. कन्या हायर सेकेण्डरी बालाघाट जिला बालाघाट की अंकसूची जो की वरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल में लगाई गई है। वहीं इनके द्वारा विभाग के समक्ष जो अंक सूची प्रस्तुत की गई है व फर्जी बनवाई गई है। वास्तविक अंकसूची का सत्यापन में दौरान पाया गया है कि वर्ष 2005 में उर्मिला मर्सकोले पिता मंगल सिंह मर्सकोले शासकीय एम. एल. बी. कन्या हायर सेकंडरी स्कूल बालाघाट जिला बालाघाट से प्राप्त अंकसूची के पूर्णाक 450 में से प्राप्तांक 259 है और शासकीय सेवक बनने के लिए विभाग के समक्ष जो अंकसूची प्रस्तुत की गई है उस अंकसूची में वर्ष वही रोलनंबर वही पूर्णांक 450 पर प्राप्तांक 355 की लगाई गई हैं।
पात्र व्यक्ति की छीना गया हक अपात्र छान रहे मलाई…
नर्सिंग ऑफीसर उर्मिला मर्सकोले के द्वारा कक्षा 12 वीं की अंकसूची में अंकित रोल पर शाला अभिलेखों के अनुसार अंकों के साथ छेड़खानी की गई है एंव संकुल से प्राप्त अंकसूची में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण है, इनकी दोनों अंक सूची एक ही वर्ष एक ही रोल नम्बर कि है और दोनों में अंक भिन्न भिन्न हैं। शासकीय सेवा में आने के लिए उर्मिला मर्सकोले के द्वारा विभाग के समक्ष जो अंकसूची प्रस्तुत की है वह उक्त अंकसूची कहा से प्राप्त की है, जो कि जाँच का विषय और उर्मिला मर्सकोले के द्वारा फर्जी दस्तावेज लगाकर किसी पात्र व्यक्ति का हक छीन कर शासकीय सेवा का लाभ ले रहै है, जो कि अपराधिक कृत्य की श्रेणी में आता है।
अनैतिक तरीके से सरकारी पद का ले रहे लाभ
वही शासन से धोखाधड़ी व आर्थिक क्षति पहुँचाते हुए नर्सिंग ऑफीसर उर्मिला मर्सकोले के द्वारा उक्त फर्जी अंकसूची का प्रयोग कर नियम विरुद्ध अपराधिक कृत्य किए गये है, तथा कूटरचित दस्तावेजो के आधार पर शासकीय सेवा में नियुक्ति पाकर शासन के साथ धोखाधड़ी की नीयत व शासन को लगातार आर्थिक क्षति पहुँचाई जा रही है।
अपराध दर्ज कर शासकीय धन की हो रिकव्हरी
वही फर्जी अंक सूची के अधार पर उर्मिला मर्सकोले पिता श्री मंगल सिंह मर्सकोले के द्वारा कूटरचित तरीक़े तैयार की गई अंकसूची कि सूक्ष्मता से जाँच की जाये तो वास्तविकता स्वयं ही सामने आ जायेगी, एवं इनके द्वारा विभाग के समक्ष झूठे शपथ पत्र के साथ साथ दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए शासकीय सेवा का लाभ ले रहे हैं।
वही उर्मिला मर्सकोले के द्वारा विभाग के समक्ष प्रस्तुत शैक्षणिक दस्तावेजों की सूक्ष्मता से जाँच करते हुए, इनके विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज करने व पद से पृथक करते हुए आज दिनांक तक शासन से प्राप्त वेतन की रिकवरी कर निष्पक्ष जांच की जाने की माँग करते हुए एक लिखित शिकायत मय साक्ष्य के आर टी आई कार्यकर्ता के द्वारा कलेक्टर महोदय मंडला, मुख्य चिकित्सा एव स्वास्थ्य अधिकारी मंडला, एंव पुलिस अधीक्षक मंडला को की गई है अब शिकायत कर्ता को जांच में क्या पाया जाता है उसका इंतजार है अगर जांच सही नही की जाती है जल्द इस मामले को लेकर माननीय न्यायालय के समक्ष रखा जाने की जानकारी प्राप्त हुई हैं।
इनका कहना है कि….
शिकायत में कार्यवाही जारी है हमने सी एस से की गई कार्यवाही के संबद्ध पत्र लिखा क्या कार्यवाही की गई जल्द ही आपको अवगत करा दिया जायेगा।
डॉक्टर के. सी. सरोते
सी. एम. एच. ओ. मंडला
शिकायत प्राप्त हुई है और प्राप्त शिकायत में अंकसूची को लेकर लगे आरोप की जांच वेरवीकेशन कराने के लिए कार्यालय से सचिब माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल को भेज दी गई जैसे ही वहाँ से जानकारी आती है वैसी कार्यवाही की जाऐगी।
डॉक्टर विजय धुर्वे
सिविल सर्जन जिला चिकित्सालय मंडला
सूचना अधिकार के आवेदन से स्टाप नर्स श्रीमति उर्मिला मर्शकोले की जानकारी जिला चिकित्सालय से प्राप्त की है औऱ प्राप्त दस्तावेज के अनुसार उनकी 12 वी की अंकसूची प्रथम श्रेणी की है, औऱ वही 12 की ही अंक सूची माध्यमिक शिक्षा मंडल के पोर्टल में द्वितीय श्रेणी प्रदर्शित हो रही हैं। ऐसे कैसे एक वर्ष में एक ही व्यक्ति की दो दो अंकसूची हो सकती हैं, जिसकी शिकायत मेरे द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी मंडला एंव कलेक्टर महोदय मंडला व पुलिस अधीक्षक मंडला से लेकर समस्त विभाग में कर दी है पर एक साल हो चुके है जांच नही हो पाई है जल्द जांच नही होती है, समस्त दस्तावेज को लेकर माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के समक्ष जांच कर कार्यवाही की मांग की जावेगी।
मुकेश श्रीवास
आर टी आई कार्यकर्ता मंडला
वही जब दैनिक रेवांचल टाइम्स की टीम ने नर्सिग ऑफिसर श्रीमती उर्मिला मर्सकोले जी के ऊपर लगे गंभीर आरोपों को लेकर उनका पक्ष जानना चाहा तो मोबाईल से संपर्क करना चाहा तो उनसे संपर्क नहीं हो पाने के चलते उनका पक्ष नहीं रखा जा सकें।