गंभीर मरीज की स्थिति को सोशल मीडिया में छवि चमकाने का माध्यम मान कर वाहवाही लूटने वाले बीएमओ पर कार्यवाही की मांग…

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रेवांचल टाईम्स – मंडला जिले के विकास खण्ड नैनपुर के चिकित्सक के द्वारा एक फोटो सोशल मीडिया में छवि चमकाने और खुद को अति जिम्मेदार दिखाने का नशा बतलाने जो कुछ जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों पर इस कदर हावी हो चुका है कि वे अपने कर्तव्य से भटक कर सिर्फ शोसल मीडिया में अपनी कार्य करते हुए लोगो को कितना जिम्मेदार है और कितनी इनके कन्धे में जिम्मेदारी है ये सब लोंगो को बतलाना चाह रहे है क्या अच्छा क्या जनता तक जाना चाहिए क्या नहीं जाना चाहिए इन्हें कोई मतलब नही है इन्हें तो केवल अपनी फोटो वायरल करवाने और खुद का अघोषित जनसंपर्क विभाग चलाने के लिए दलाल नियुक्त कर बैठे है।

वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक ताजा मामला सिविल अस्पताल नैनपुर में सामने आया जहां 4 दिसंबर को नैनपुर के शांति नगर स्थित अंडर पास पर वार्ड क्रमांक 15 निवासी महेश यादव ट्रेन से टकरा कर बुरी तरह घायल हो गया, जिसे गंभीर स्थिति में सिविल अस्पताल नैनपुर ले जाया गया।
ज्ञात हो कि सिविल अस्पताल नैनपुर को स्थानीय राजनीति और अपने निजी क्लीनिक/ नर्सिंग होम संचालित करने की मंशा रखने वाले चिकित्सकों ने नर्क बना दिया है जहां संसाधन की कमी बनी रहती है। अतः खंड चिकित्सा अधिकारी को जानकारी थी कि मरीज को मेडिकल कॉलेज जबलपुर रेफर किया जाएगा।
इतनी गंभीर स्थिति होने के बावजूद खंड चिकित्सा अधिकारी पर छवि चमकाने का नशा इस कदर हावी था कि सिर्फ फोटो खिंचवा कर मरीज से मुंह मोड़ लिया गया, परिजनों ने लगातार एंबुलेंस की मांग की गई परन्तु उन्हें एंबुलेंस में ड्राइवर न होने का बहाना बता कर लगभग 4 घंटे इंतजार करवाया गया। जानकारी अनुसार थक हार कर परिजन निजी व्यवस्था बना कर मरीज को मेडिकल कॉलेज जबलपुर ले गए जहां अत्यधिक विलंब हो जाने और अधिक रक्तश्राव हो जाने से मरीज की मृत्यु हो गई।
घटना की जानकारी मृतक के परिजन और संबंधियों लगते ही नगर में आक्रोश का माहौल बन गया।

थाना नैनपुर के सामने घेराव कर सौंपा ज्ञापन

मृतक के परिजन, यादव समाज के सदस्यों, बजरंग दल के कार्यकर्ताओं एवं ने सामाजिक संगठन के द्वारा पुलिस थाना नैनपुर के सामने चक्का जाम करने का निर्णय लिया समझाइश के बाद कलेक्टर मंडला के नाम अनुविभागीय अधिकारी नैनपुर एवं थाना प्रभारी नैनपुर को ज्ञापन सौंपते हुए दोषियों पर कार्यवाही की मांग की गई।

पूर्व में भी हुआ है मामला दबाने का प्रयास

सिविल अस्पताल नैनपुर प्रबंधन की कार्यशैली और लापरवाही की चर्चा आम जान और नगर के चौक चौराहों में होती रहती है। कुछ दिनों पहले भी वार्ड क्रमांक 05 निवासी महिला की मृत्यु होने पर ड्राइवर का निलंबन कर बड़ी मछली को बचाया गया। हर बार कभी कनिष्ठ चिकित्सक कभी छोटे कर्मचारियों पर कार्यवाही कर मामला दबा दिया जाता है जबकि सर्वविदित है कि खंड चिकित्सा अधिकारी के खराब प्रबंधन और कर्मचारियों के खिलाफ षडयंत्र रचने में अतिरूचि ही सारी घटनाओं का कारण है।

ज्ञापन के विषय
विभिन्न समाजिक संगठनों द्वारा बीएमओ और अस्पताल प्रबंधन पर कार्यवाही की मांग को ले कर सौंपे गए ज्ञापन के मुख्य बिंदु थे कि 100 बिस्तरीय सिविल अस्पताल में 9 वाहन उपलब्ध होने के बावजूद अतिगंभीर मरीज को 4 घंटे इंतजार करवाने के पीछे क्या मंशा थी। घटना के समय अस्पताल परिसर में एंबुलेंस खड़े होने के बावजूद मरीज को एंबुलेंस क्यों नहीं दी गई। सर्वसुविधा युक्त आकस्मिक कक्ष और लगातार जानकारी देने वाले पेशेंट मॉनिटर उपलब्ध होने के बावजूद बीएमओ आखिर मरीज की नब्ज पकड़ कर जांच करते हुए फोटो निकलवा कर और सोशल मीडिया में प्रचारित करके क्या साबित करना चाहते थे। तथाकथित पत्रकार को सिविल अस्पताल परिसर में शरण देने पीछे की मंशा क्या है।
संगठन ने मांग की है कि ऐसी प्रबंधन की लापरवाही और बीएमओ के कृत्य पर जांच कर कार्यवाही की जाए।

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