बालिका जन्म उत्सव मनाकर लाड़ली लक्ष्मी का स्वागत किया गया
मंडला 14 अप्रैल 2025
जिला चिकित्सालय मण्डला में जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग शालिनी तिवारी के मार्गदर्शन में वन स्टॉप सेंटर की प्रशासक मधुलिका उपाध्याय द्वारा बालिका जन्म उत्सव मनाकर लाड़ली लक्ष्मी का स्वागत किया गया। बालिका हेतु धात्री माता को बेबी किट बांटी गई एवं उपस्थित धात्री माताओं को स्तनपान का महत्व समझाया गया। बच्चों के लिये मां का पहला दूध अमृत होता है इसलिये जन्म के तुरंत बाद स्तनपान और 6 माह तक बच्चों को केवल स्तनपान कराने के बारे में जागरूक किया। इस प्रकार स्तनपान करवाकर ही प्रथम स्तर पर कुपोषण की रोकथाम की जा सकती है। साथ ही पोषण अभियान अंतर्गत धात्री माताओं को आंगनबाड़ी केन्द्र से प्राप्त टीएचआर (टेक होम राशन) के विभिन्न व्यंजनों को किस प्रकार बनाकर खाया जाये इसके बारे में जानकारी दी गई। तत्पश्चात प्रशासक/पर्यवेक्षक द्वारा आस-पास से आये हुये लोगों को बाल विवाह रोकने हेतु समझाइश दी गई। बाल विवाह से जुड़ी सामाजिक कुरीतियों और बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के अनुसार 21 वर्ष कम आयु का लड़का और 18 वर्ष से कम आयु की लड़की का विवाह बाल विवाह माना जाता है जिसमें जेल एवं आर्थिक दण्ड का प्रावधान है। इसके अलावा पॉक्सो एक्ट में कड़ी कार्यवाही भी की जाती है। इस प्रकार अधिनियम के तहत दोषी पाये जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति जो विवाह समारोह में शामिल होते हैं या सहयोग करते हैं। सभी के लिये उचित दण्ड का प्रावधान है, जिसमे माता-पिता के अलावा पुजारी, मौलवी, रिश्तेदार, बिचौलिये, केटरिंग, टेंट, नाई, ब्यूटी पार्लर, विवाह आयोजक, बैंड, प्रिंटिंग प्रेस वाले भी शामिल हो सकते हैं। बाल विवाह में पकड़े गये दोषियों को 2 वर्ष का कारावास एवं 1 लाख तक का जुर्माना या सजा दोनों हो सकता है।
