श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सुन भाव विभोर हुए लोग

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रेवांचल टाईम्स – मण्डला ज़िले के मवई विकास खंड की ग्राम भीमडोंगरी में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के कथा व्यास पंडित रमेश तिवारी ने विभिन्न प्रसंगों पर प्रवचन दिए। उन्होंने आज भगवान श्रीकृष्ण की अलग-अलग लीलाओं का वर्णन किया। प्रदुम्न चरित्र एवं सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कथा व्यास पंडित रमेश तिवारी ने बताया कि मित्रता कैसे निभाई जाए यह भगवान श्रीकृष्ण व सुदामा जी से समझा जा सकता है। सुदामा अपनी पत्नी के आग्रह पर अपने मित्र कृष्ण से मिलने के लिए द्वारिका पहुंचे। सुदामा ने द्वारिकाधीश के महल का पता पूछा और महल की ओर बढ़ने लगे लेकिन द्वार पर द्वारपालों ने सुदामा को भिक्षा मांगने वाला समझकर रोक दिया। तब उन्होंने कहा कि वह कृष्ण के मित्र हैं, इसपर द्वारपाल महल में गए और प्रभु से कहा कि कोई उनसे मिलने आया है। अपना नाम सुदामा बता रहा है। जैसे ही द्वारपाल के मुंह से उन्होंने सुदामा का नाम सुना सुदामा सुदामा कहते हुए तेजी से द्वार की तरफ भागे। सामने सुदामा सखा को देखकर उन्होंने उसे अपने सीने से लगा लिया। सुदामा ने भी कन्हैया कन्हैया कहकर उन्हें गले लगाया। दोनों की ऐसी मित्रता देखकर सभा में बैठे सभी लोग अचंभित हो गए। कृष्ण सुदामा को अपने राज सिंहासन पर बैठाया। उन्हें कुबेर का धन देकर मालामाल कर दिया। जब भी भक्तों पर विपदा आई है। प्रभु उनका तारण करने अवश्य आए हैं। कथा सुनकर श्रद्धालुओं भाव विभोर हुए, आँखे नम हुई।

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