16 जून से मत्स्याखेट पूर्णतया प्रतिबंधित
मण्डला 14 जून 2024
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने अधिसूचना जारी कर कहा है कि वर्षाऋतु में मछलियों की वंशवृद्धि के दृष्टिकोण से उन्हें संरक्षण देने के लिए म.प्र. नदीय मत्स्योद्योग अधिनियम 1972 के अंतर्गत 16 जून से 15 अगस्त तक की अवधि को बंद ऋतु के रूप में अधिघोषित किया गया है। म.प्र. शासन मछली पालन विभाग के अनुसार छोटे तालाब या अन्य स्त्रोत जिनका संबंध किसी नदी व नाले से नही है और जिन्हें निर्दिष्ट जल की परिभाषा के अंतर्गत नहीं लाया गया है, को छोड़कर समस्त नदियों, जलाशयों में बंद ऋतु में मत्स्याखेट पूर्णतया प्रतिबंधित रहेगा। साथ ही मत्स्य विक्रय या मत्स्य विनिमय अथवा परिवहन करना भी प्रतिबंधित हैं। इन नियमों के उल्लंघन पर म.प्र. राज्य मत्स्य क्षेत्र अधिनियम 1981 की धारा 5 के तहत उल्लंघनकर्ता को एक वर्ष का कारावास या 5 हजार रूपये तक का जुर्माना या दोनों से दण्डित किये जाने का प्रावधान है। मत्स्य समितियों, मत्स्य समूहों, निजी मत्स्यपालकों एवं जन साधारण को सूचित किया जाता है, कि वे 16 जून 2024 से 15 अगस्त 2024 तक किसी भी प्रकार का मत्स्याखेट, मत्स्य विनिमय, परिवहन न तो स्वयं करें, न ही इसमें किसी अन्य को सहयोग दें अन्यथा उल्लंघन करने पर उपरोक्त नियमों के तहत कानूनी कार्यवाही की जायेगी।