ये कैसा वृक्षारोपण औऱ कैसा संरक्षण एक तरफ लग रहे पौधे औऱ बड़े होते ही उन्हें किया जा रहा नेस्तनाबूद…

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फलदार वृक्षों का किया कत्लेआम निजी स्वार्थ के लिये पर्यावरण से कर रहे खिलवाड़।

रेवाचंल टाइम्स – मंडला पूरे जिले में आज पूरा विश्व पर्यावरण को लेकर चिंतित है क्यों विकास के नाम पर दनादन वर्षों पुराने पेड़ फलदार हो या न हो उन्हें बेधड़क काटा जा रहा है और हर वर्ष छोटे छोटे पौधे लगाकर अपनी फ़ोटो शान से सोशल मीडिया में शेयर कर वाहवाही लूटी जा रही और दूसरे दिन उस पौधे का क्या अंजाम हुआ ये देखने की फुर्सत भी नही मिली जिस दिन पर्यावरण दिवस हुआ उसमे एक पौधा लगा दिए और फोटो खिंचवा कर लोगो को बतला दिया गया और एक सोलग्न लिख दिया कि एक पेड़ अवश्य लवाये पर आज तक किसी ने ये नही कहा कि बड़े पेड़ को न काटे उसे बचाये क्योंकि कहना औऱ लोगो को ज्ञान देने बहुत ही आसान होता है। आज जिस तरह से विकास के नाम पर जंगलों के सफाया किया जा रहा कभी सड़को के नाम पर तो का कभी मकान बनाने के नाम पर तो कभी प्लांट टिग के नाम पर वर्षों पुराने पेड़ धड़ाधड़ काटे जा रहे है और जिम्मदारों ने तो इस ओर न देखने की कसम ख़ा रखी हुई हैं।
वही अब धीरे धीरे पर्यावरण का संतुलन बिगड़ता जा रहा है प्रकृति के साथ जो खिलवाड़ किया जा रहा है उसका समूचे मानव जाति पर प्रभाव देखने को मिल रहा है विकास के नाम पर तो बडे बड़े बांध बनाये जा रहे हैं तो कही परमाणु संयंत्र लगाये जा रहे हैं। वहीं सड़‌कों के हाइवे निर्माण चाहे वो फोरलेन हो सिक्सलेन हो या एटलेन हो निर्माण कार्य बड़े बड़े पहाडों को काटकर सड़कों का निर्माण किया जा रहा है जिसमें हजारों लाखो पेडों को काट दिया जाता है और चिकनी सीधी सड़‌कें बनाई जाती हैं जिसमें वाहनों की हाई स्पीड होती है वहीं बात करें तो बड़ी बड़ी कालोनियों के डेवलपमेंट के चक्कर में उपजाउ भूमि को पडत भूमि बताकर बड़ी बड़ी अट्‌टालिकाओं का निर्माण किया जाता है साथ ही उन जगहों पर किसी भी प्रकार के फलदार पेड़ों को भी काट दिया जाता है। अब ऐसे में पर्यावरण संतुलन नहीं बिगड़ेगा तो क्या होगा।

वहीं आदिवासी जिला मण्डला में भी बहुतायात मात्रा में वन पाये जाते हैं पर लगातार अंधाधुंध कटाई होने से उन घने वनों की संख्या भी कम होती जा रही है व उनमें रहने वाले जंगली जीव जंतु की भी संख्याओं में कमी देखने को मिल रही हैं ये सब पर्यावरण असुंतलन को साबित करते हैं।
वहीं जानकारी के अनुसार विकासखंड बिछिया के ग्राम पंचायत धुतका में निजी स्वार्थ के चलते नत्थूलाल चंद्रोल के द्वारा अपने ही पुराने बगीचे मे लगे फलदार आम के लगभग ग्यारह पेड़ों को बालाघाट के एक लकड़ी ठेकेदारी हिमांशु जैन को बेच दिया इस ठेकेदार के द्वारा इन पेड़ों को मशीनों के द्वारा एक तरफ से सफाया कर काट दिया गया। नत्थू चंद्रोल के द्वारा यह बताया गया कि हमारे द्वारा ग्राम पंचायत धुतका से विधि पूर्वक इन पेडों की काटने के लिए ये अनु‌मति ली गई है इस ली गई अनुमति को देखने के बाद उसमें स्पस्ट रूप से लिखा हुआ है कि ये ग्यारह पेड़ जीर्ण शीर्ष हो चुके हैं पर मौके पर देखने से वे पेड हरे भरे एवं फलदार लगे हुए पाये गये है उससे यह स्पस्ट होता है कि नत्थू चंदौल एवं ठेकेदार और पंचायत की मिलीभगत के द्वारा उन फलदार आम के वृक्षों का कत्ले आम किया गया है औऱ पर्यावरण की बात करने वाले ग़ायब नज़र आ रहे है।

शासन की गाईड लाइन कुछ और कहती है साथ ही राजपत्र में भी स्पस्ट उल्लेख किया गया है कि कोई भी फलदार पेड़ जो स्वस्थ् है उन्हें किसी भी कीमत में नही काटा जायेगा ।
इसमें यह बताया गया है कि अगर कोई पेड़ सढ़ जाता है (कमजोर) हो जाता है या जीर्णशीर्ण हो जाता हैऐसे ही पेड़ों को, काटने की अनु‌मति शासन के द्वारा दी जाती है पर यहाँ तो षडयंत्र पूर्वक गलत तरीके से अनुमति दी गई है जिसमें पंचायत की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है।
इस अवैध आम के पेडों के कटाई की जानकारी जैसे ही ग्रामीणों को लगी वैसे ही उनके द्वारा प्रशासन को सूचित किया गया वहीं यह पूरा मामला राजस्व विभाग के अंतर्गत आता है जो कि अंजनियां उप तहसील में आता है वहाँ के नायब तहसीलदार के द्वारा पटवारी हलका नंबर 36 राजस्व निरीक्षक खटिया नारंगी बिछिया एवं हलका पटवारी को मौके पर भिजवाया गया जहाँ पर आर आई: पटवारी के द्वारा पंचनामा बनाकर उक्त कटे हुए पेड़ों की लकड़ियों की गणना कर गॉव के लोगों के समक्ष पंचनामा तैयार किया गया जिसमें आर आई के द्वारा यह स्पस्ट कहा गया है कि पंचायत के द्वारा जो अनुमति पेड़ों को काटने के लिये दी गई है वह गलत है दी गई अनुमति में पेड़ों को जीर्ण शीर्ण होना बताया गया है पर मौके में सभी पेड़ स्वस्थ एवं फलदार पाये गये हैं। यह कटाई अवैध रूप से की गई है साथ ही पंचनामा एवं जप्ती की कार्यवाही के बाद वहीं के स्थानीय निवासी विनोद चंदौल को उक्त कटी हुई लकड़ी एवं एक ट्रैक्टर ट्राली लकड़ी से भरी हुई को सुपुर्द किया गया है यह सुपुर्दगी आगामी कार्यवाही तक यथावत रहेगी

वही अब देखना यह है कि ऐसी अवैध कटाई के खिलाफ स्थानीय प्रशासन सहित जिला प्रशासन भूमि स्वामी एवं ठेकेदार के ऊपर क्या कार्यवाही की जावेगी या फिर ऐसे ही बड़े बड़े पेड़ो की बलि चढते रहेगीं और और हम केवल वृक्षारोपण करने के बात कर आगे बढ़ते रहेगें हम पेड़ लागये और बड़े होने पर ठेकेदार उन्हें काट कर ले जायें।

इनका कहना है
मुझे नायब तहसीलदार के द्वारा दूरभाष से सूचित किया गया था कि धुतका ग्राम में अवैध रूप से आमों के पेड़ों की कटाई की गई है जिसका पंचनामा एवं प्रतिवेदन तैयार कर उच्च अधिकारियों को सूचित कर मेरे द्वारा जांच में फलदार पेडो की अवैध कटाई पाई गई है।
सुनुवा भलावी
राजस्व निरीक्षक खटिया लारंगी

आर आई साहब के द्वारा मुझे फोन पर घटना स्थल पर बुलाया गया जहाँ पर मेरे द्वारा पंचनामा जप्ती बनाकर गॉव के ही ग्रामीण को अवैध कटाई की गई लकड़ी को सुपुर्दनामा किया गया साथ ही अग्रिम कार्यवाही हेतु अनुविभागीय दंडाधिकारी बिछिया को प्रेषित किया गया है
रमेश जंघेला पटवारी
ह.नं.36

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