धोबाटोंरिया विभाग की सांठ-गांठ के चलते बढ़ रहा अतिक्रमण ज़िले में भूमाफ़िया का चल खुला आतंक…

अतिक्रमणकर्ता बता रहे स्वयं को राजनीतिक दलों का कार्यकर्ता…

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रेवांचल टाईम्स – मण्डला जिले में अतिक्रमण का व्यवसाय जोरों पर चल रहा है,अतिक्रमण का यह व्यवसाय चेहरा देखकर चलाया जा रहा है,जिसमे सबसे पहले अतिक्रमणकारियों को राजनीति का चोला पहनना पड़ता है।जिसका जीता-जागता सबूत है जिला मुख्यालय के नजदीक राजनीतिक दलों के बकोरी मण्डल अंतर्गत ग्राम पंचायत सेमरखापा एवं टिकरिया जहां अतिक्रमणकारियों द्वारा आये दिन शासकीय भूमि पर स्थाई कब्जा किया जा रहा है।
मण्डल अध्यक्ष-सरपंच अतिक्रमणकारियों को दे रहे संरक्षण
जिला मुख्यालय के नजदीक ग्राम पंचायत टिकरिया एवं ग्राम पंचायत सेमरखापा में अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद होने का मुख्य कारण है सत्ता पार्टी का संरक्षण।सरपंच एवं मण्डल अध्यक्ष के द्वारा अतिक्रमणकारियों को खुलेआम संरक्षण प्रदान किया जा रहा है,नतीजा विगत दिनों से ग्राम पंचायत सेमरखापा एवं टिकरिया में धेनुबाडी़,मड़ई मैदान एवं धोबाटोरिया के नहर में खुलेआम तेजी से अतिक्रमण हो रहा है,ग्राम पंचायत टिकरिया के कटंगी निवासी शैलेन्द्र चन्द्रोल द्वारा मड़ई मैदान में,सेमरखापा निवासी नेकल चन्द्रोल द्वारा धोबाटोरिया विभाग के नहर में,निशा ठाकुर द्वारा खेल मैदान में अतिक्रमण कर व्यापार हेतू पक्का निर्माण करने का मामला सामने आया है,अतिक्रमण को लेकर,सरपंच,तहसीलदार,पटवारी को भी शिकायत की गई,शिकायत को लेकर भाजपा के बकोरी मण्डल अध्यक्ष धर्मेन्द्र मिश्रा द्वारा स्पष्ट किया गया कि शैलेन्द्र चन्द्रोल,नेकल चन्द्रोल (अतिक्रमणकर्ता) भाजपा के कार्यकर्ता एवं सदस्य हैं और उनके अतिक्रमण पर हस्तक्षेप नहीं किया जावे।उसके खिलाफ की गई शिकायत वापस लिया जाए।इसी संरक्षण के चलते शैलेन्द्र चन्द्रोल,नेकल
चन्द्रोल,निशा ठाकुर द्वारा राजनीति का चोला पहनकर मुख्य सड़क मार्ग के शासकीय भूमि पर कब्जा कर पक्की दुकान-मकान का निर्माण कर स्थाई कब्जा किया गया है।जिम्मेदारों ने यह स्पष्ट किया कि अतिक्रमणकर्ता नेकल चन्द्रोल को विशेष रूप से शासकीय भूमि का एनओसी प्रदाय किया गया है।समाचार पत्र में प्रकाशित उक्त समाचार को लेकर धोबाटोरिया विभाग के उपयंत्री मुन्ना पटेल से मामले को लेकर जब बात की गई तो मुन्ना पटेल ने भी स्पष्ट किया कि अतिक्रमणकर्ता नेकल चन्द्रोल भाजपा पार्टी कार्यकर्ता हैं और मेरा रिश्तेदार भी है।आला अधिकारियों की यह चुप्पी शासकीय भूमि को बेचने तथा भ्रष्टाचार का साक्ष्य प्रदर्शित करता है।
राजनीतिक दल का चोला पहनकर शासकीय भूमि पर कब्जा करने का अतिक्रमणकारियों की रफ्तार-कतार बढ़ती जा रही है।अतिक्रमणकारियों को लेकर शासन-प्रशासन से शिकवा-शिकायत की गई थी, परन्तु अतिक्रमणकारियों के हौंसले बुलंद करने तथा अतिक्रमण को बढ़ावा देते हुए कुछ नेताओं द्वारा शिकायतकर्ता को फोन पर धमकाया गया कि उक्त अतिक्रमणकर्ता हमारे राजनीतिक दल के सदस्य हैं।जिला मुख्यालय के नजदीक ग्राम पंचायत सेमरखापा में एक बार फिर शासकीय भूमि पर कब्जा एवं स्थाई निर्माण करने का कार्य तेजी से फल-फूल रहा है।वहीं जिम्मेदारों द्वारा अपनी रिश्तेदारी निभाने को लेकर चुप्पी साधे बैठे हुए है,मामला तो तब गर्माया जब अतिक्रमणकर्ता नेकल चन्द्रोल द्वारा फर्जी मीडिया कार्ड दिखाकर स्वयं को पत्रकार बताकर शासकीय भूमि पर कब्जा करने तथा धोबाटोरिया विभाग के शासकीय नहर पर नेकल चन्द्रोल द्वारा अतिक्रमण कर पक्की दुकान निर्माण किया गया है।धोबाटोरिया विभाग के उपयंत्री मुन्ना पटेल ने बताया कि नेकल चन्द्रोल आदिवासी अंचल साप्ताहिक समाचार पत्र का संवाददाता है तथा मेरा रिश्तेदार हैं इसलिए मामले को रफा-दफा कीजिए,इस तरह जिम्मेदारों द्वारा मामले को रफा-दफा करने पर जोर दिया जाएगा तो एक दिन ऐसा आएगा कि शासकीय दफ्तरों को घरों पर संचालित करना होगा और लोगों को चलने लिए सड़क मार्ग भी नहीं होंगे,क्योंकि मुन्ना पटेल जैसे शासन के नुमाइंदों द्वारा नेकल चन्द्रोल जैसे अतिक्रमणकारियों से अपनी कीमत वसूल कर शासकीय भूमि को खुलेआम बेचा जा रहा है।
जहां आये दिन नगर पालिका एवं जनपद पंचायत द्वारा अतिक्रमण हटाने को लेकर ऐंडी़-चोटी का जोर लगाया जा रहा है वहीं प्रशासनिक जिम्मेदार नाममात्र खानापूर्ति कार्यवाही कर अपनी भ्रष्टाचारी को छुपाने के हर संभव प्रयास करने में जुटे हुए है।
जिले में अतिक्रमणकारियों की कतार में सबसे तेज राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने दौंड़ लगा रखी है।जिसको संरक्षण नेता-मंत्रियों द्वारा दिया जा रहा है।इसके पहले भी जनपद पंचायत मण्डला अंतर्गत ग्राम पंचायत टिकरिया में कटंगी के शैलेन्द्र चन्द्रोल द्वारा शासकीय मड़ई मैदान पर अवैध स्थाई कब्जा कर किराना दुकान के नाम पर दारू,जुआं,सट्टा का कारोबार चलाया जा रहा है,जिसमें पुलिस एवं आबकारी विभाग द्वारा उसकी कीमत वसूल कर संरक्षण प्रदान किया जा रहा है,परन्तु जिम्मेदारों द्वारा अभी तक कोई वैधानिक कार्रवाई नहीं की गई,वहीं भाजपा के बकोरी मण्डल अध्यक्ष धर्मेन्द्र मिश्रा ने समाचार प्रकाशन को लेकर शैलेन्द्र चन्द्रोल द्वारा शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा को लेकर की गई शिकायत वापस लेने के लिए शिकायकर्ता को यह कहा गया कि उक्त अतिक्रमणकारी पार्टी कार्यकर्ता हैं इसलिए उसके द्वारा किए गए अतिक्रमण को लेकर शिकायत नहीं किया जावे।इसी अतिक्रमण और सत्ता पार्टी के संरक्षण के चलते ग्राम पंचायत बकोरी में भी व्यापारी अनिल गुप्ता द्वारा शासकीय हाट-बाजार स्थल पर निजी कब्जा कर लिया गया,मामले को लेकर जब पटवारी एवं पंचायत सचिव से बात की गई तो पटवारी द्वारा मीडिया को यह जवाब दिया गया कि व्यापारी अनिल गुप्ता द्वारा सरकार की जमीन पर कब्जा किया गया है आपकी जमीन पर नहीं अवैध कब्जा को लेकर जब सरकार को कोई परेशानी नहीं हो रही है तो मीडिया को किस बात की समस्या हो रही है।जिम्मेदारों की इसी लापरवाही और भ्रष्टाचारी के चलते जिले में अतिक्रमण एवं अवैध कब्जा का जाल तेजी से फल-फूल रहा है।जिले में इस तरह सरकारी बेशकीमती जगहों पर अतिक्रमण विगत वर्षों से जिला मुख्यालय पर प्रशासन की नाक के नीचे सिविल लाइन में बिछिया और मण्डला विधायकों के बंगलों के बीचों-बीच तेजी से किया जा रहा है।मजे की बात यह है कि जिला प्रशासन के ज्यादातर प्रशासनिक अधिकारियों के बंगले और उनके कार्यालय भी यहीं है,परंतु किसी को भी यह अतिक्रमण नही दिख रहा है प्रशासन की इसी लापरवाही का खामियाजा सरकार भुगत रही है जहां ये अतिक्रमण अस्थाई से स्थायी होते जा रहे है।
अतिक्रमणकारियों को क्यों दिया जा रहा है शासकीय योजनाओं का लाभ
शासन-प्रशासन के नाक के नीचे जहां अतिक्रमणकारियों द्वारा व्यवसाय किया जा रहा है।वहीं अतिक्रमणकारियों के लिए सोने पे सुहागा पालिका प्रशासन द्वारा नल कनेक्शन एवं विधुत विभाग द्वारा बिजली कनेक्शन भी दिया गया है,नतीजा अतिक्रमणकारियों के हौसले दिनों-दिन बुलंद हो रहे हैं।

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