मंडला जिले के घुघरी जनपद पंचायत में भ्रष्टाचार चरम सीमा कर रहा है पार, पहली बारिश में ही भ्रस्टो के द्वारा किया गया भ्रष्टाचार की खुली पोल लाखो की लागत से बना अमृत सरोवर बनते ही ढह गया…
रेवांचल टाइम्स – मंडला, आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र मंडला जिले में इन दिनों भ्रष्टाचार और घटिया निर्माण कार्य की बाढ़ से आ गई है जहाँ भ्रस्टो के द्वारा किये गए कार्य के मामले दिनों दिन सामने आ रहे हैं, और न ही जिम्मेदार भ्रस्ट अधिकारी कर्मचारी में कोई सुधार हो रहा है, औऱ न ही भ्रष्टाचार में अंकुश लग पा रहा है कैसे कैसे शासकीय राशि का बंदरबांट किया जा रहा है ये इस जिले के अधिकारी कर्मचारीयो से पूछे कीआख़िर कैसे जनता को मिलने वाली योजनाओं में डाका डाला जाता है।
आज ये भ्रष्टाचार पूरे जिले में देखने मिल रहा है, कहीं कागजों में निर्माण पूरा तो कही आधे अधूरे निर्माण कार्यो को पूर्ण बताकर सरकारी राशि का बंदरबाट किया जा रहा है, जिले के अंदर जिला प्रशासन या कानून का भय नजर नही आ रहा है या कहे कि भय मुक्त भ्रस्टाचार का खेल चल रहा है और सब मिल कर बाट रहें हैं शायद इसी कारण से आज किसी भी भ्रष्ट औऱ भ्रस्टाचारीयो पर कार्यवाही नही हो रही जिस कारण आज जिले की हर पंचायत में सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक बगुले की तरह निगाहें जमाये बैठे हुए और जिन्हें निर्माण कार्यों की गुणवत्ता के लिए उपयंत्री, एस डी ओ नियुक्त किया गया है वह घर मे बैठे बैठें गुणवत्ता और कार्य का मूल्यांकन कर भ्रस्टो भ्रष्टाचार करने की खुली छूट दे रहे है और मौके का मुआयना न करने के लिए अच्छी खासी मोटी रकम भी वसूली जा रही है, या कहे कि चोर चोर सब मौसेरे भाई आज सरकारी योजनाएं में चल रहे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता किस तरह देखी जा रही है वह कुछ समय मे दिखाई पड़ जाता हैं
वही सरकारी योजनाओं को अपनी निजी संपत्ति समझकर सरकारी खजाना खाली कर अपनी जेब भरने का कार्य किया जा रहा है निर्माण कार्य मे गुणवत्ता से कार्य हो रहा या नही किसी को देखने की फुर्सत नही है सिर्फ कमीशन से मतलब है इन्हें पता है कि हमे तो कुछ समय के लिये रहना है अगर शिकायत होती है तो कही और ट्रांसफर करा लेंगे जब तक है, औऱ हमे इस जिले से जब रहना ही नही है तो क्या लेना देना काम हो या न हो हमे तो अपना देखना है निर्माण कार्य से हमे क्या लेना देना अपना काम बनता भाड़ में जनता की तर्ज पर निर्माण कार्य चल रहे है।
वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ऐसा ही मामला तहसील मुख्यालय घुघरी की ग्राम पंचायत सलवाह का आया है जहां पर ग्रामीण यांत्रिकीय सेवा संभाग क्रमांक एक के माध्यम से लगभग चालीस लाख का अमृत सरोवर जो कि वार्ड नंबर 2 चितराही मोहल्ला में बन रहा है जो कि उस कार्य की गुणवत्ता पहली बारिश ने खोल के रख दी जहाँ पर अमृत सरोवर का निर्माण कार्य तो कराया गया है पर गुणवत्ता से कार्य नही कराया गया निर्माण कब कराया गया है कितनी लागत से कराया गया है निर्माण स्थल पर निर्माण कार्य से सम्बंधित कोई सूचना बोर्ड भी नही लगाया गया है।
वहीं जब अमृत सरोवर योजना से बन रहे तालाब के विषय पर रेवांचल की टीम ने ग्राम वासियों से चर्चा की तो जानकारी मिली कि सलवाह ग्राम पंचायत से लगे चितराही मोहल्ला में बने अमृत सरोवर की लागत 40 लाख रूपये की है लेकिन काम में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया है दिवालो पर आधी अधूरी पिचिंग की गई है। और पिचिंग के लिए बड़े पत्थरों का होना था वहीं छोटे छोटे पत्थरों के माध्यम से पिचिंग कर केवल खानापूर्ति कर दी गई जो अभी बारिश की शुरुआत ही हुई है और पानी भरा भी नही औऱ निर्माण किये सरोवर का वेस्ट वेयर के पास की दीवार पानी के भराव को झेल भी नही सकी और वेस्ट वेयर के पास की दीवार टूट कर बह गई जिससे साफ नजर आ रहा है कि किस तरह से गुणवत्ताविहीन कार्य करने के लिए उपयंत्री से लेकर निर्माण एजेंसी ने अपना हिस्सा बटोरकर अपनी जेब तो भर ली लेकिन कार्य इतना बेहतर हुआ है, जो साफ साफ नजर आ रहा है, आखिर हुए इस भ्रष्टाचार पर कोई कार्यवाही होगी या फिर जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर कागजो का पेट भरकर रददी में रख दिया जाएगा।
इनका कहना है..
अमृत सरोवर तालाब में जो कार्य हुआ है वह बहुत ही घटिया तरीके से किया गया है जिसको गांव वालों ने एस.डी.ओ.साहब को अनेको बार बताया था लेकिन कोई सुधार नहीं किया गया, इसकी लागत लगभग चालीस लाख बताई जा रही है, जिस हिसाब से सरकार से पैसे ले रहे है उस हिसाब काम नही किया जा रहा हैं और निर्माण हुआ है वह पहली बारिश में पता चल गया कि निर्माण किस तरीके से किया गया है।
ग्रामीण चितराही घुघरी
तालाब में बड़े पत्थरों की जगह छोटे पत्थरों से पिचिंग की गई है, एक दम घटिया काम किया गया है सब अपना अपना कमीशन देख रहे थे कि कितना बचना है, एभी बरसात हुई ही नही की दीवाल भी बह गयी है, आगे पता नही क्या क्या बहेगा पर एभी जो हुआ है जिससे साफ देख सकते हैं काम कितना अच्छा हुआ है।
प्रेम लाल मरकाम…
ग्राम वासी चितराही घुघरी
अभी पूरा प्रेमेंट नही हुआ है डेढ़ साल पहले सात लाख मिला है बारिश के बाद काम पूरा कर दिया जाएगा
तरुण राठौर
ठेकेदार
लेबल देखने के बाद फिलिंग करा दी जाएगी अभी पूरा पैक नही किया गया है, तेरह से चौदह लाख का भुगतान किया गया है अभी कार्य पूर्ण नही हुआ है।
पारस चौरसिया
उपयंत्री घुघरी मंडला