पुलिस प्रशासन की नाक के नीचे आबाद हो रहे जुआ फड, लाखों का लग रहा दांव…गरीब हो रहै है बर्बाद,….
रेवांचल टाईम्स – मंडला, जिले के निवास थाना क्षेत्र के अंतर्गत इस समय अवैध कारोबारी से जोर शोर से आबाद हो रहे हैं, सुबह से लेकर रात तक और रात से लेकर सुबह तक 52 पत्तों का खेल बन्द ही नही हो रहा है और इन जुआ के अड्डे में जुआड़ियों के लिए सभी व्यवस्था नाल काटने वाले ही करते है।
वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इन दिनों निवास पुलिस जुआ खिलाने वाले और और जुआड़ियों में मेहरबान नजर आ रही है वही नगर सहित पास के ही बगीचे में सुबह से शाम तक और रात से सुबह तक बेपरवाह जुआ चलने की जानकारी प्राप्त हुई हैं। वही जानकारी के अनुसार निवास सहित जबलपुर, शहपुरा, और आसपास के ग्रामों से शौक़ रखने वाले पहुँच रहे हैं, और और जुआ के अड्डे में जुआरियों का जमघट जुआ फंडों पर लगना शुरू हो जाता है परंतु निवास पुलिस प्रशासन को कोई खबर तक नहीं रहती, या खबर लेना नही चाहती है क्योंकि उसके पीछे निजी स्वार्थ लग रहा है जबकि मंडला पुलिस अधीक्षक द्वारा अनेकों बार जिले के सभी थानों को सख्त निर्देश हैं कि अवैध कारोबार पर कार्रवाई करते हुए उनपर लगाम लगाई जाए लेकिन ऐसा लगता है कि एसपी साहब के निर्देशों को निवास पुलिस आंख दिखाती नज़र आ रही हैं।
थाना क्षेत्र अंतर्गत निवास नगर से लगे बगीचा और नगर के ही घरों चल रहा 52 पत्तों का खेल
वही बता दे कि निवास क्षेत्र के अंतर्गत शाहपुरा रोड़ के पास एक बगीचा बना हुआ है जो सुर्खियों में बना हुआ है, बगीचा और आसपास के ग्राम जो नगर से जुड़े हुए है जो रोज शाम ढलते ही जुआ फड जमने शुरू हो जाते हैं जहां लाखों हजारों का दांव बिना पुलिस प्रशासन की दहशत के बेखौफ लगाया जाता है जबकि निवास थाना कि दूरी जुआ फंडों से कुछ ही दूरी पर है परंतु पुलिस प्रशासन का उदासीन रवैया अब भी बरकरार है।
दूसरे जिलों से आते है खिलाड़ी, क्षेत्र का हो रहा माहौल ख़राब
वही जानकारी के अनुसार, जुआ फड इतने बड़े स्तर में लग रहे है कि आसपास के जिलों से जुआरी अपनी किस्मत आजमाने यहां शाम ढलते ही पहुंचने लगते हैं जुआ के अवैध खेल के कारण क्षेत्र का माहौल ख़राब हो रहा है, स्कूली बच्चे भी इस खेल में धीरे धीरे लिप्त हो रहे हैं परंतु प्रशासन आंख पर पट्टी बांधे आराम फरमा रहा है। और गरीब और गरीब हो रहे है और पुलिस जनप्रतिनिधि और नाल काटने वाले दिन दुगनी रात चौगनी कर करे है तरक़्क़ी….