पंचायत में फैला फर्जीवाड़ा ग्रामीण हो रहे परेशान… ग्राम पंचायत खजरी ऐसी जहां बिजली के साथ विघुत उपकरण भी हुए लापता..

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रेवांचल टाइम्स मंडला- भारत डिजिटल इंडिया के नाम से जाना जाता है डिजिटल युग मे टेलीविजन कम्प्यूटर मोबाईल का युग आ चुका है, भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री का सपना है कि की देश के शहर से गांव गाँव तक हर घर को बिजली पानी आवास सड़क और शिक्षा को लेकर हर मूलभूत सुविधा मुहैया कराई जाए पर मंडला जिले में बैठे जिम्मेदार जनप्रतिनिधि हो या जिला प्रशासन सब के सब अपनी जिम्मेदारी से बचते नज़र आ रहे है औऱ ठेकेदारों के द्वारा जो रिपोर्ट दी जा रही हैं वही को सच मान कर ऊपर तक रिपोर्ट दी जा रही जबकि इसकी जमी हकीकत कुछ और ही बखान करती है इसका आखिर जिम्मेदार कौन हैं, जिले में ऐसे भी अनेक वनाचल दूरदराज में ग्रामीणों तक न बिजली पहुँची हैं और न सड़के और आज भी कुछ ग्राम ऐसे हैं जहाँ पर पहुँचना दूभर है ।


वही जानकारी के अनुसार जिले की जनपद पंचायत घुघरी में ऐसी भी ग्राम पंचायत है जहां के लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे है और सरकार की सरकारी योजनाओं से वंचित नज़र आ रहें।

वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ऐसा ही जनपद पंचायत घुघरी मुख्यालय से महज आठ- दस किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत खजरी का आया हैं जहां पर ग्राम पंचायत में तकनीकी उपकरण तो छोड़िए लगभग दो वर्षों से पंचायत में बिजली नहीं हैं. स्थानीय ग्रामीण छोटे छोटे कामो के लिये भटकते फिर रहे है वही ग्रामीणों ने सरपँच सचिब और जिम्मेदारो पर गंभीर आरोप लगाए जो कार्य सरकारी कर्मचारियों को करने चाहिए वो काम प्राइवेट लोगो से कराया जा रहा है मेट मोहन झरिया ही पूरे पंचायत की कमान सम्हाले हुए वही गॉव में ऑनलाइन की दुकान संदीप झरिया को सौप दी इसके साथ गई पंचायत की डी एस सी देकर सभी कार्य कराया जा रहा है, जो बिलो का भुगतान ऑनलाइन दुकान से होता है
वहीं जब रेवांचल की टीम ने ग्राम वासियों से बात की तो पता चला कि यहां पर महिला सरपंच को लोगो ने चुना है पर वह तो ग़ायब रहती है और उनकी पूरी जिम्मेदारी सरपंच के पति द्वारा निभाई जा रही हैं इसके साथ ही ये ग्राम पंचायत से लेकर जनपद तक पूरा काम करते हैं इस ग्राम की सबसे बड़ी समस्या प्रधानमंत्री आवास को लेकर हो रही है, जहां पर प्रमिला सोनवानी का मकान तीन वर्ष पहले गिर गया है उनके द्वारा पटवारी को बताया तो पटवारी के द्वारा कर पाँच हजार का मुआवजा बना था पर उन्हें केवल मिले सिर्फ पंद्रह सौ रुपये औऱ आज तक आवास नही मिला उसी प्रकार बसंत कुमार का भी दो वर्ष पहले मकान गिर गया इनके मकान को भी पटवारी के द्वारा बोला गया कि आठ से दस हजार की राशि मुआवजा को तोर पर मिलेगी लेकिन इन्हें भी मात्र बारह सौ मिले एक वृद्ध विकलांग महिला का घर लगभग चार वर्ष पहले जर्जर होकर गिर गया छत पर पन्नी लगाकर रहने को मजबूर है । औऱ घुघरी से मंडला तक आवास को लेकर चक्कर लगा चुकी पर समस्या का कोई सुनने वाला है और न ही इनकी समस्या हल आज तक नही निकला और पंचायत में किसी भी प्रकार के कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं जब बिजली ही नहीं है तो कागज भी कहां से होंगे पंचायत के उपकरण पंचायत कर्मी अपने घर ले गए

इनका कहना है.
कितनी बार सर्वे हुआ है लेकिन आज तक मेरा नाम नहीं आया मैं टूटे घर में रहता हूं

अरविंद झारिया
ग्राम वासी खजरी..

सचिव साहब बिना शराब पिये पंचायत नहीं आते और न पंचायत में नजर आते हैं..जब भी फोन लगाते हैं तो लगता नहीं है
धनेश्वर सोनवानी
ग्राम वासी..

मेरा मकान चार साल से गिरा हुआ है लेकिन आज तक मेरा नाम नहीं आया और सरपंच सचिव को बोलते हैं तो कोई ध्यान नहीं देता और न कोई सुनता है पन्नी लगाकर हम गुजर बसर कर रहे हैं..
विकलांग होकर भी हमें आवास नहीं दिया जा रहा है..
सावित्रीबाई
ग्राम वासी खजरी.

न मेरा आवास बन पाया और शौचालय तक नहीं बना है राशन कार्ड में नाम जुड़वाने के लिए भटकना पड़ रहा है..
सरपंच सचिव सुनते ही नहीं है..सचिव तो फोन ही नही उठाते न पंचायत समय पर नही खुलती है..
रोशनी झारिया
ग्राम वासी खजरी.

पंचायत में कंम्प्यूटर और लेपटॉप वो सब रोजगार सहायक के घर में लगे हुए हैं.ग्राम पंचायत में बिजली दो वर्ष से नहीं है..बिल पटाया गया था लेकिन फिर भी आज तक जोड़ा नहीं गया है..
शिवदास गायग्वाल
सचिव खजरी..

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