लाखों रुपये से बना प्रयोगशाला एवं पुस्तकालय कक्ष हुआ ग़ायब

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रेवांचल टाईम्स – मंडला, आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला में गरीब बैगा आदिवासी बच्चों के साथ हो रहा है छलावा आदिवासी विकास जनजातीय कार्य विकास विभाग मंडला में शिक्षा का स्तर दिन व दिन गिरते जा रहा है और जिम्मेदार जबाब देने से आनाकानी करते नजर आ रहे हैं। और उनके द्वारा किये गए भ्रष्टाचार ग़बन पद का दुरूपयोग पर पर्दा डाल कर उन्हें बचाया जा रहा है और ये सब राजनीति संरक्षण के चलते रसखुदारो के हौसले बुलंद हैं!


वही सूचना के अधिकार का मजाक उड़ा रहे कुर्सी पर बैठे रसूखदार, प्रयोगशाला और पुस्तकालय निर्माण में हुए काले-पीले को छिपाने की कोशिश में जिम्मेदार

लाखों के भ्रष्टाचार पर पर्दा डाल रहे अधिकारी, लाखों का भवन हुआ ग़ायब

रेवांचल टाइम्स के संपादक मुकेश श्रीवास के द्वारा मंडला कलेक्टर को एक पत्र लिखकर यह अवगत कराया है और जांच की मांग की है कि मंडला विकास खण्ड के अंतर्गत संचालित पौंडी लिंगा शासकीय उ.मा. विद्यालय में आई टी डी पी / भाड़ा पॉकेट स्थापना एंव रख रखाव का अनुरक्षण निर्माण कार्य से स्वीकृत लाखों के निर्माण कार्य में की गई धांधली और जिम्मेदार प्राचार्य और विकास खण्ड अधिकारी के द्वारा सूचना के अधिकारी का उल्लंघन किए जाने की शिकायत की है। इस आशय का पत्र पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त शाखा जबलपुर (म.प्र., पुलिस अधीक्षक आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो जबलपुर (म.प्र.), पुलिस अधीक्षक कार्यालय मंडला, तथा सहायक आयुक्त को भी प्रेषित किया गया है। आवेदक मुकेश श्रीवास (संपादक रेवांचल टाइम्स) द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत 3/10/2020 को प्राचार्य शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक शाला पौंडी लिंगा मंडला को आई.टी.डी.पी. भाड़ा पाकेट स्थापना एवं रख रखाव का अनुरक्षण निर्माण कार्य से संबंधित जानकारी प्राप्त करने हेतु डाक के माध्यम से आवेदन प्रस्तुत किया गया था, परन्तु प्राचार्य शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक शाला पौंडी लिंगा जिला मंडला द्वारा आवेदन को लेने से इनकार कर दिया गया, जिसका उल्लेख उक्त लिफाफे में है। साथ ही लिफाफे में उल्लेख किया गया कि हमारे विद्यालय में 2017 / 2018 में कोई प्रयोगशाला एवं पुस्तकालय कक्ष का निर्माण नहीं किया गया है, अत: आवेदन को मूलत: वापस किया गया है। इस विवरण से स्पष्ट होता है कि प्राचार्य द्वारा पहले लिफाफे को खोलकर आवेदन पढ़ा गया तथा गुमराह करते हुए लेने से इंकार लिखकर वापस पोस्ट किया गया है, जो कि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20 के अंतर्गत नियम विरुद्ध है। साथ ही कार्यालय कलेक्टर (जनजातीय कार्य विभाग) मंडला के पत्र क्रमांक/सहा.आयु./बजट-निर्माण /2017 2018/1620 मंडला दिनांक 05/03/2018 में उल्लेख है की इस संबंध में प्राचार्य शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक शाला पौंडी लिंगा जिला मंडला को शासकीय बैंक खाता क्रमांक 314117266141 जिसका आईएफसी-सीबीआईएन 0012169 में 25, 61488 रु. जमा करने की स्वीकृति प्रदान की गई है। जो यह स्पष्ट करता है कि इनके द्वारा गबन किया गया है तथा जानकारी छिपाई जा रही है।
सहपत्र 1, दिनांक 03/10/2020 को प्राचार्य शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक शाला पाँडी लिंगा जिला मंडला को सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत प्रस्तुत आवेदन व संबंधित लिफाफे का अवलोकन किया जावे ।
सहपत्र 2 पत्र क्रमांक (सहा. आयु / बजट-निर्माण /2017 2018/1620 मंडला दिनांक 05/03/2018 का अवलोकन किया जावे ।

जिम्मेदार दे रहे अनाप शनाप जानकारी

प्राचार्य शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक शाला पौंडी लिंगा जिला मंडला के द्वारा उपरोक्त वर्णित आवेदन लौटाने के बाद इस संबंध में प्रथम अपीलीय अधिकारी महोदय खंड शिक्षा अधिकारी विकासखंड मंडला जिला मंडला के समक्ष मेरे द्वारा अपील प्रस्तुत की गई तथा उक्त संबंध में पूर्ण जानकारी दी गई। फलस्वरूप पत्र क्रमांक /ख.शि.अधि./शि.स्था./2020/1153 मंडला दिनांक 11/11/2020 द्वारा मुझे जानकारी दी गयी कि उक्त कार्य हेतु इस कार्यालय को एवं विद्यालय प्रबंधन को किसी भी प्रकार का आबंटन प्राप्त नहीं हुआ है। और न ही वि‌द्यालय प्रबंधन ‌द्वारा भवन निर्माण कार्य कराया गया है। उक्त भवन निर्माण कार्य जिला शिक्षा अधिकारी मंडला (क्र्ररूस््र) के द्वारा पूर्व एवं वर्तमान कराया जा रहा है, परन्तु कार्यालय कलेक्टर (जनजातीय कार्य विभाग) मंडला के पत्र क्रमांक /सहा.आयु./बजट-निर्माण /2017 2018/1620 मंडला दिनांक 05/03/2018 में उल्लेख है कि उक्त संबंध में प्राचार्य शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक शाला पौडी लिंगा जिला मंडला को शासकीय बैंक खाता क्रमांक 314117266141 जिसका आईएफसी-सीबीआईएन 0012169 में 2561488 रु. जमा करने की स्वीकृति प्रदान की गई है।

मंडला जिले में सरकारी धन से खुलेआम खेली जा रही है होली

आवेदक को परेशान कर रहे अधिकारी
खंड शिक्षा अधिकारी विकास खंड मंडला जिला मंडला द्वारा प्राचार्य शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक शाला पौंडी लिंगा जिला मंडला को सहयोग करते हुए आवेदक को परेशान किया जा रहा है तथा खंड शिक्षा अधिकारी विकास खंड मंडला द्वारा सहयोग करना साबित करता है की उक्त गबन में यह भी सम्मलित है तथा इनके द्वारा भी जानकारी छिपाने में सहयोग किया गया। सहपत्र 3 पत्र क्रमांक / ख.शि.अधि./शि.स्था./2020/1153 मंडला दिनांक 11/11/2020 का अवलोकन किया जावे। सहपत्र 2 पत्र क्रमांक /सहा. आयु./ बजट-निर्माण /2017- 2018 /1620 मंडला दिनांक 05/03/2018 का अवलोकन किया जावे ।
वही सहायक आयुक्त सन्तोष शुक्ला के कार्यकाल के चर्चें तो आम है और वह आदिवासी जिले को चिन्ह चीन्ह के पद में असिन हो रहे है और जिस जिले में भी इनका कार्यकाल रहा है उस जिले में अनेकों छात्रावास ख़रीदी भवन निर्माण कार्य किये गए है पर कैसे औऱ कहा ये तो उनके अधीनस्थ शिक्षक या अधीक्षक जानते है कि कितने की खरीदी हुई क्या निर्माण हुआ और कितनी राशि निकाल ली गई है सहायक आयुक्त जी जिन जिन जिले में पदस्थ रहे उनके चर्चे आज भी जाने जाते है ये तो कही न कही इनकी पकड़ या राजनीति संरक्षण के चलते ही संभव है जो आज बड़े बड़े कारनामो के बाद भी सहायक आयुक्त जैसे बड़े पद पर बैठ कर हर वह नियम विरुद्ध कार्य को नियम से कर रहे है और इनके लिए हर वह कार्य संभव है।
अब देखना है कि जो लाखों रुपये से जो लैब स्कूल में बच्चों के लिए स्वीकृत हुआ था उसकी जांच होती है या फिर ये मामला भी ठंडे बस्ते में चला जाएगा क्योंकि इनके आगे सब की बोलती बंद हो जाती हैं।

लाखों का लैब भवन आखिर कार गया कहा

डीईओ ने आगे बढ़ा दिया आवेदन
खंड शिक्षा अधिकारी विकास खंड मंडला जिला मंडला के पत्र क्रमांक /ख.शि.अधि./शि.स्था./2020/1153 मंडला दिनांक 11/11/2020 से प्राप्त जानकारी अनुसार आवेदक ‌द्वारा उक्त जानकारी प्राप्त करने हेतु 02/12/2020 को जिला शिक्षा अधिकारी के समक्ष सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत आवेदन प्रस्तुत किया गया। फलस्वरूप जिला शिक्षा अधिकारी जिला मंडला द्वारा पत्र क्रमांक /सू.का. अधि./3509 दिनांक 04/12/2020 से अवगत कराया गया कि उक्त निर्माण कार्य से संबंधित दस्तावेजों हेतु आपका आवेदन कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग जिला मंडला को सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा (6) की उपधारा (3) के अंतर्गत अंतरित किया गया है।

आखिरकार क्यों छिपाई जा रही निर्माण की जानकारी?

कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग मंडला संभाग मंडला द्वारा पत्र क्रमांक/3990/सू.लि./2019-20 से अवगत कराया गया की उन्हे उक्त संबंध में कोई आबंटन प्राप्त नहीं हुआ है और ना ही उन्होंने कोई निर्माण कार्य कराया है। इस विवरण से स्पष्ट है की प्राचार्य शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक शाला पौंडी लिंगा जिला मंडला व खंड शिक्षा अधिकारी विकासखंड मंडला, जिला मंडला द्वारा आवेदक को भ्रामक जानकारी दी गई तथा शासन से प्राप्त प्राचार्य शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक शाला पौंडी लिंगा जिला मंडला को शासकीय बैंक खाता क्रमांक 314117266141 जिसका आईएफसी-सीबीआईएन 0012169 में 25,61488 रु. सरकारी राशि का गबन किया गया जिसका सबसे बड़ा प्रमाण मौके में निर्माण कार्य का नहीं होना व निर्माण कार्य से संबंधित जानकारी छिपाना है।
वही जब डिंडौरी में पदस्थ तत्कालीन सहायक आयुक्त संतोष शुक्ला से रेवांचल टाईम्स की टीम डिंडोरी में उनसे मिलकर जब यह जानना चाहा कि आपके कार्यकाल मंडला में वर्ष 2017/18 में स्वीकृत लैब भवन जो कि लगभग 25 लाख 61 हज़ार 488 रुपये का जिस जगह बनना था उस जगह पर मौजूद नही है तो उनका कहना था कि ये मेरी जानकारी में नही है और आप जो पत्र दिखा रहे है वह प्रथम दृस्टिया में तो फर्जी प्रतीत हो रहा है और यह तो रिकॉर्ड देख कर ही बताया जा सकता है। वही जब रेवांचल की टीम जब दूसरा सवाल किया तो वह बचते हुए साफ इंकार कर दिया गया कि मुझे कुछ नही पता आप पांच छः साल पुरानी बात कर रहें हैं। सही भी शुक्ला जी अपने कार्यकाल के दौरान किये गए कौन कौन सा कार्य याद रखेंगे उन्हें तो ये भी पता नही की वह अपने कार्यकाल में झाबुआ से लेकर मंडला, डिंडौरी जैसे आदिवासी बाहुल्य जिले में ऐसे कितने कारनामे किये है किन किन को याद रखें इनका तो साफ कहना है कि काम करो आगे बढ़ो जो होगा देखेगे इनकी इस साफ सुथरी बातों से साफ लगता है कि इनकी कितनी मजबूत राजनीति पकड़ है जो ये आज खुलेआम मनमर्ज़ी से हर कार्य कर रहे है न ही जिला प्रशासन कुछ कर पा रहा और न ही स्थानीय जनप्रतिनिधि औऱ न ही विधायक सांसद सब के सब इनकी पकड़ के आगे बौने नजर आ रहें हैं।…… शेष अगले अंक में
इनका कहना है कि….
मेरे द्वारा सूचना अधिकार से जानकारी माँग की पर जानकारी आधी अधूरी ही दी गई पौड़ी लिंगा स्कूल मंडला में सहायक आयुक्त कार्यालय में पदस्थ तत्कालीन सहायक आयुक्त सन्तोष शुक्ला जी के कार्यकाल के समय ऐसी अनेको वित्तीय अनिमित्ताये हुई और सरकारी राशि में बंदर बाट किया गया है पर राजनीति संरक्षण के चलते बचते चले आ रहे है और आज फिर पुनः उसी पद में बैठ कर वही कार्य कर रहे है और पद का दुरूपयोग करते हुए अनेकों संलग्नीकरण अटैचमेंट कर रहे है, औऱ उसके एवज में मोटी रकम वसूलने की जानकारी लग रही हैं, औऱ हमने जो जानकारी निकाली है उसके अनुसार लाखों रुपये का भवन बना ही नही है और राशि का भी पता नही कहा गई जिसकी जांच के लिए मेरे द्वारा शिकायत की गई पर इस जिले में जांच के नाम पर केवल अबैध वसूली कर औऱ कागजो का पेट भर जांच बन्द कर दी जाती हैं, दुर्भाग्य है इस जिले के बच्चों का जो सरकारी लाभ सरकार से उन्हें मिलने वाली योजनाओं में अधिकांश अधिकारी कर्मचारी अपना हक समझ कर उनके मुंह का निवाला छीन रहे है।
मुकेश श्रीवास
RTI कार्यकर्ता मंडला
हम तो एभी एभी कार्यभार संभाले है, पर आप जो बतला रहे है ऐसा कोई भवन स्कूल परिसर में नज़र तो नही आ रहा है रही बात राशि की तो वह रिकॉर्ड देखकर बतलाना पड़ेगा क्योंकि उस समय प्राचार्य कोई औऱ थे और मेरी जानकारी में नही है में रिकॉर्ड देख कर बतला सकता हूँ।
एस के डोंगुरिया
प्राचार्य नर्मदा शा. उ. मा. शा. पौड़ी लिंगा मंडला

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