नए शिक्षा विधेयक और डिजिटल अरेस्ट के मुद्दे पर बोले विधायक अभिलाष पांडे: शिक्षा माफिया और साइबर अपराध पर बड़ा प्रहार

7

जबलपुर, दैनिक रेवांचल टाइम्स।

मध्य प्रदेश विधानसभा के हाल ही में संपन्न सत्र में उत्तर मध्य विधानसभा के भाजपा विधायक अभिलाष पांडे ने कई अहम मुद्दे उठाए। इनमें नए शिक्षा विधेयक, डिजिटल अरेस्ट, नशे का बढ़ता प्रभाव, और पत्रकार सुरक्षा कानून जैसे विषय प्रमुख रहे। सदन में अपने संबोधन के दौरान श्री पांडे ने शिक्षा व्यवस्था को पारदर्शी और जनहितैषी बनाने के लिए नए शिक्षा विधेयक की सराहना करते हुए इसे “शिक्षा माफिया पर बड़ा प्रहार” बताया।

नया शिक्षा विधेयक: अभिभावकों की जीत

श्री पांडे ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह की मंशा के अनुरूप लाए गए इस विधेयक से प्रदेश में फीस वृद्धि पर अंकुश लगाया जाएगा। उन्होंने कहा, “निजी स्कूल संचालकों और उनसे जुड़े कॉपी-किताब और यूनिफॉर्म विक्रेताओं की सांठगांठ को खत्म करने का यह विधेयक मील का पत्थर साबित होगा।”

विधेयक के तहत, 25,000 रुपये सालाना से अधिक फीस लेने वाले स्कूलों को तीन-स्तरीय फीस निर्धारण समिति से अनुमति लेनी होगी। पहली समिति जिला स्तर पर, दूसरी विभाग स्तर पर, और तीसरी राज्य स्तर पर शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में होगी। श्री पांडे ने इसे “अभिभावकों के साथ हो रही लूट को समाप्त करने का क्रांतिकारी कदम” बताया।

शिक्षा माफिया पर कार्रवाई

जबलपुर प्रशासन ने शिक्षा के क्षेत्र में माफियाओं पर कड़ा प्रहार करते हुए 150 करोड़ रुपये की अतिरिक्त वसूली गई फीस वापस करने का आदेश दिया है। श्री पांडे ने बताया कि अब तक 25 स्कूलों की जांच में 84 लोगों के खिलाफ अपराधिक मामले दर्ज हुए हैं। “यह सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति का नतीजा है,” उन्होंने कहा।

डिजिटल अरेस्ट और साइबर अपराध पर चिंता

डिजिटल युग में साइबर अपराध एक गंभीर समस्या बन चुका है। इस पर श्री पांडे ने सदन का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा, “प्रदेश की 8.5 करोड़ की आबादी में मात्र 30 लाख लोगों को जागरूक करना पर्याप्त नहीं है। साइबर अपराधों के समाधान के लिए अधिक प्रभावी कानून, विशेषज्ञों की नियुक्ति, और संसाधनों की जरूरत है।”

राज्य मंत्री नरेंद्र पटेल ने जवाब देते हुए बताया कि 2024 में 26 साइबर अपराध दर्ज हुए, जिनमें 12 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी हुई। अब तक 72 लाख रुपये की राशि वापस कराई गई और 38 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। श्री पांडे ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि डेटा लीक करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और पुलिस मित्र योजना को प्रभावी तरीके से लागू किया जाना चाहिए।

नशे और पत्रकार सुरक्षा पर जोर

सत्र के दौरान श्री पांडे ने नशे के बढ़ते प्रभाव और पत्रकारों की सुरक्षा पर भी चर्चा की। उन्होंने पत्रकार सुरक्षा कानून को जल्द लागू करने की मांग की और कहा कि नशे की समस्या से निपटने के लिए पुलिस और प्रशासन को सामूहिक प्रयास करना होगा।

जनहित में सुझाव

श्री पांडे ने सदन से आग्रह किया कि हर विधायक अपने क्षेत्र में डिजिटल फ्रॉड के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाए। उन्होंने कहा, “यह समस्या केवल कानून और पुलिस के भरोसे हल नहीं होगी। जनता की सक्रिय भागीदारी जरूरी है।”

 

विधायक अभिलाष पांडे के इन सुझावों और प्रयासों ने सरकार और जनता के बीच संवाद की एक नई दिशा खोली है। चाहे वह शिक्षा माफिया पर लगाम लगाने की बात हो या साइबर अपराध से बचाव का उपाय, उनके प्रयास निश्चित रूप से मध्य प्रदेश की व्यवस्था को मजबूत और पारदर्शी बनाने की ओर अग्रसर हैं।

instagram 1
Leave A Reply

Your email address will not be published.