सोमवती अमावस्या पर सूर्य ग्रहण का साया, जानें कब और कैसे करना होगा स्नान-दान
हिन्दू धर्म में अमावस्या तिथि काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. पंचांग के अनुसार अभी चैत्र महीना चल रहा है और इस माह की अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है. इस साल की सोमवती अमावस्या पर सूर्य ग्रहण का साया पड़ने वाला है इसलिए ये खास मानी जा रही है. साल का पहला सूर्य ग्रहण चंद्र ग्रहण की तरह भारत में नहीं दिखेगा. हम आपको बताने जा रहे हैं की सूर्य ग्रहण के साय में सोमवती अमावस्या का दान-स्नान कब और कैसे किया जाएगा.
कब से है अमावस्या तिथि?
वैदिक पंचांग के अनुसार चैत्र महीने की अमावस्या तिथि की शुरुआत 8 अप्रैल को सुबह 3 बजकर 21 मिनट पर हो रही है. वहीं, इसका समापन रात 11 बजकर 50 मिनट पर होगी. ऐसे में 8 अप्रैल को सोमवती अमावस्या मनाई जाएगी.
सूर्य ग्रहण की अवधि
साल का पहला सूर्यग्रहण 8 अप्रैल को रात 9 बजकर 10 मिनट पर लगेगा और 9 अप्रैल को सुबह 2 बजकर 22 मिनट पर खत्म हो जाएगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण के 12 घंटे पहल ही सूतककाल लग जाता है. लेकिन ये सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा इस कारण से सूतक काल समेत कोई भी नियम लागू नहीं होगा.
सोमवती अमावस्या और सूर्य ग्रहण
8 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा. इस कारण से सोमवती अमावस्या का स्नान-दान आप शुभ मुहूर्त में कर सकते हैं. स्नान-दान का मुहूर्त सुबह 4 बजकर 32 मिनट से लेकर सुबह 05 बजकर 18 मिनट तक रहेगा. वहीं, पूजा करने का शुभ समय सुबह 9 बजकर 13 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 48 मिनट तक रहेगा.