प्रेम की पाठशाला में आप पास या फेल जानिए इनके जीवन में आए कितने खेल
पार्ट 2 (सत्य घटना पर आधारित)
> बारात आ गई थी और लड़की के पिता के हाथ में था प्रेमी का मैरेज सर्टिफिकेट
> लड़की ने अपने कोईभी मित्र को यह बात नही बताई
> लड़के ने क्या मांगा लड़की के पास पंजीकरण की शादी को हटाने के लिए
> प्रेम सच्चा ही तो कदर होगी और उसकी सारे जहा में असर होगी
> एक लड़की को मिले एक साथ 3 प्रस्ताव !?
> लेकिन उनमे से कोईभी प्रेम का प्रस्ताव नही था
> क्या हुवा आखिर उस लड़की के साथ और अंत में वो क्यों बनी एक संत
> यह दोनो किस्से में मार्गदर्शक कहा आया काम!? और क्यों जरूरी आपके जीवन में भी
नमस्कार आज हम प्रेम की पाठशाला में आप पास या फेल का दूसरा भाग बताने जा रहे है जो पूरी तरह सत्य घटना पर आधारित है ।
तो उसमे पहला किस्सा यह ही की एक सोनू नाम की लड़की गांव में से शहर में पढ़ाई करने आती हे। वहा उसके बहुत सारे ग्रुप और मित्र मंडल होते थे। लेकिन वह जब भी अपने खास मित्र सत्य को मिलने जाती तब वो ज्यादातर सभी बाते उसको शेर करती थी। इस सोनू और सत्य दोनो में इतनी अच्छी बनती थी के वह कभी कबार सत्य के घर पर जाती रहती , खाती पीती उसके मां बाप के साथ भी बहुत अच्छे तालमेल से रहती और हमेशा कहती के आप सत्य की शादी कोई अच्छी जगह करवाना हमे पूरी जिंदगी दोस्ती ऐसे ही रखनी है। और सत्य का क्या था वह तो अपने जीवन में मस्त नाम की तरह सही को सही बताने वाला।
ऐसे ही जब ग्रुप में मिलना होता तो सत्य और सोनू अपने फ्रेंड सर्कल के साथ मिल। इसमें सोनू हरबार 1 लड़के को सामिल करती और उसके साथ ही आती उस लड़के का नाम राहुल था। राहुल भी स्वभाव से बहुत अच्छा और सच्चे मन का लग रहा था। अब जैसे जैसे दिन बीतते गए तब सोनू की शादी की बात होने लगी सोनू और सत्य एक दूसरे से बात भी करते लेकिन फाइनल में सोनू की शादी रोहन नामक लड़के से फाइनल हो गई। और सगाई अपने गांव में रखी सोनू की सगाई में सत्य और उसके कितने सारे मित्र मंडल सामिल थे लेकिन वह राहुल नही आया था। और कुछ दिनों बाद राहुल का सत्य को कोल आया और बोला मुझे तुमसे मिलना हे सत्य ने बोला कोई बात नही हम मिलते है लेकिन वह मिलने नही आया और सोनू की शादी वाला दिन आ गया। और सोनू की शादी की रस्म में शायद 2 घंटे का समय रहा होंगा और वह राहुल ने अपनी और सोनू की शादी का पंजीकरण का लेटर सोनू के पापा के हाथ में किसी व्यक्ति के द्वारा पहुंचा दिया। और वहा सन्नाटा छा गया। उसने अपने बेटे को बुलाया और यह बात बताई उसने अपने चचेरे भाई को बोला के ऐसी घटना हुई हैं शादी का माहोल कभी भी बिगड़ सकता है। उस भाई ने कुछ सोचे बिना सत्य को कोल लगाया क्योंकि वो चचेरा भाई सत्य के बारे में बहुत जानकारी रखता था और उसे पता था की सत्य कभी भी कोईभी परिस्थिति में साथ देने से इनकार भी नही करेगा और जो सच ही वो बोल देगा। यहां सत्य एक सरकार के प्रोजेक्ट में लगा था और उसको कोल आया की ऐसा हूवा है और कोई राहुल के साथ सोनू की शादी हो चुकी है अब क्या करे?! और सोनू कुछ बता नहीं रही है वो बोलती हे मुझे यही शादी करनी हे बस।
पहले सत्य ने बताया की मुझे सोनू से बात करवा दो बाकी हम देख लेंगे।
वो भाई सोनू के पास गया वहा उसने बोला के सत्य तुमसे बात करना चाहता है। सत्य ने सोनू से पूछा सोनू यह मुझे क्यों नहीं बताया?! सोनू ने बोला की मेने दो तीन बार राहुल को बोला था उसने बोला के शादी के बाद ही बताएंगे लेकिन यह पंजीकरण कैसे हुवा वह नही जानती। जो के पंजीकरण अहमदाबाद के किसी गांव का था सोनू ने सारी बाते बताके सत्य को कहा के अब मुझे जो बारात लेने आई है उसी दूल्हे से शादी करनी हे में राहुल के साथ कोई भी रिश्ता रखना नही चाहती यह फाइनल है। सत्य ने कहा कोई बात नही और सत्य ने पहले वो पंजीकरण की फोटो मंगवाके अपनी पहचान का उपयोग कर सिर्फ 15 मिनिट में पता लगाया के यह सही हे शादी का पंजीकरण सही ढंग से किया गया हे। राहुल ने जो पंजीकरण सर्टिफिकेट भेजा है वह सही हे। अब सत्यम है उसे गांव के जहां शादी होने वाले थे वह शहर के पुलिस विभाग की मदद ली और उसको बोला कि ऐसा हुआ है तो आप हमें बैकग्राउंड दें और उसे बैकग्राउंड में पुलिस ने भी पूरा साथ दिया और वह शादी में हाजिर हुए लेकिन इन सब के बीच अचंभित करने वाली बात यह थी कि राहुल ना तो आया और ना तो कोई भी रुकावट हुई वरना राहुल चाहता तो कायदे से यह शादी रुक सकती थी लेकिन उसने कुछ नहीं किया थोड़े दिन बाद राहुल का सत्य को कॉल आता है और वह फिर से सत्य को मिलने की इच्छा जताता है सत्य ने बोला कोई बात नहीं तू आजा और इस बार सत्य और राहुल सोनू के शादी के 8 दिन बाद मिलते हैं सत्य को देखकर ही राहुल फुट-फुट के रोने में लगता है और बोलता है कि मैं उससे सच्चा प्यार करता था मेरे घर पर भी सोनू आई थी और हमने साथ में पूजा भी की है ।लेकिन यह क्यों हुआ वह मैं नहीं जान पाता हूं उसने मुझे बताया था कि सत्य को बोल दो तो वह हमारी हेल्प करेगा लेकिन मुझे लगा की शादी का पंजीकरण करने के बाद कुछ भी नहीं हो सकता मुझे नहीं पता था कि सोनू का दिमाग जैसे घूम जाएगा और वह शादी कर लेगी। लेकिन सत्य मैं उससे सच्चा प्यार करता हूं सत्य ने उसे समझाया कि प्यार का मतलब पाना ही नहीं होता है कभी कबार प्यार में चुकाना भी पड़ता है अगर जिससे प्यार करते हो वह खुश रहे तो उसके लिए उसका बिछड़ जाना भी सही है। वैसे तो हम अपने मां-बाप और परिवार को भी प्यार करते हैं लेकिन पानी की जिद नहीं करते हम अपने धर्म को भी प्यार करते हैं लेकिन पाने की जिद नहीं करते । बस वो खुश रहे ऐसी इच्छा रखते हैं तो राहुल ने भी बहुत प्रेम से वही बोला कि मैं भी वही चाहता हूं कि सोनू खुश रहे और तुम उसके माता-पिता को बता देना कि जब भी वह पंजीकरण हटाना हो मैं साइन कर दूंगा मुझे कोई दिक्कत नहीं है लेकिन मैं एक बार सोनू से बात करके साइन करूंगा। बस फिर किया था वह दिन भी आ गया जब राहुल ने सोनू से बात की और जाना कि सोनू सही में शादी करके खुश है और उसे कोई दिक्कत नहीं है राहुल ने अपने प्यार की कुर्बानी दे दी और अपना प्यार खुश रहे इसके लिए कोई भी शरत के बिना वह पंजीकरण हटाने के कागज में साइन कर दी। अभी राहुल की भी शादी हो गई है और सोनू के बच्चे भी है लेकिन दोनों अपनी-अपनी जिंदगी में खुश और मस्त है।
ऐसे ही इस वाक्य से हमें यह जानना चाहिए कि प्यार का मतलब हमेशा पाना या पागल होना नहीं होता है प्यार का मतलब कभी कबार सही दिशा मिलने पर छोड़ देना होता है।
एक ऐसे ही दूसरे किससे में एक फेनी नाम की लड़की अभी 17 18 साल की हुई होगी वह 12वीं कक्षा में पढ़ाई कर रही है। और चिंटू पिंकू गोली और सत्य यह चारों उस लड़की को जानते थे। एक बार बात चली कि यह तो मेरे साथ ही आएगी तो चिंटू पिंकू और गली में यह हॉड लगी कि हम उसको पाले लेकिन सत्य की तो बात ही अलग थी वह कभी भी कंपटीशन में विश्वास ही नहीं रखता। अब ऐसा हुआ कि इन तीनों लड़कों ने एक ही दिन में फेनी को लेटर दे दिया जो कि तीनों के प्यार का इजहार करता हुआ लेटर था। अचानक एक साथ तीन लव लेटर मिलने से फेनी कंफ्यूज थी। और उसकी सहेलियां अभी उस जल रही थी वह भी बता रही थी कि इसको हां बोल दे इसको हां बोल दे एक दिन यह चारों मित्र फिर से बैठते हैं और यह तीनों मिलकर शर्त लगाया की फेंनी को पा लेंगे। यानी कि सत्य ने समझ लिया था कि यह कोई प्यार बिहार नहीं है यह तो एक कंपटीशन है जो सिर्फ और सिर्फ एक दूसरे को जलाने के लिए हे इसमें फेनी का सिर्फ उपयोग ही होगा। इसलिए यह सत्य पहली बार किसी लड़की को अपने पास बुलाता है और उसे समझाना है कि इसके पीछे का कारण कोई प्यार बीयर नहीं है लेकिन सिर्फ और सिर्फ एक शर्त है और कंपटीशन है। फेनी यह बात सुनकर रोने लगती है सत्य उसे बताता है कि तू रो मत तू अभी जिंदगी के उसे पड़ाव में है के जहां से फिसलना बहुत आसान है तेरी पांच बहने हैं पहले उसको आगे बढ़ने दे और तू अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें बाद में सोच लेना तो जिससे बोलेगी उस में तेरी बात करवा दूंगा। यह सुनकर फनी शांत होती है और समय प्रसार होता है समय के साथ-साथ फेरी की दो बहने भाग कर शादी कर लेती है और वह ससुराल में दुखी होती है। यहां सत्य और फेनी एक बार मिलते हैं और प्रभु के दर्शन के द्वारा बातचीत करते हैं और सत्य बताता है की यही मार्ग सही है। फेनी उससे भी ज्यादा समझदार निकलती है और वह परमात्मा का मार्ग चुन लेती है और दीक्षा लेकर संत बन जाती है आज भी कभी कबार सत्य उनके दर्शन करने जाता है।
तो यह दोनों चीजों में यही समजाना है कि प्यार की परिभाषा प्रेम की परिभाषा कभी भी सिर्फ पाना नहीं होता है। अगर आप प्यार को को भी दो फिर भी आपका प्यार सच्चा हो तो आप प्रभु के मार्ग पर भी जा सकते हो। कभी भी अपनी जिंदगी में अपने धर्म कर्म और माता-पिता से ऊंचा स्थान अपने प्रेम को ना दे। क्योंकि एक बात हमेशा याद रखना की
सच्चे प्यार की तो सारे जहां में कदर होगी
अगर नहीं हुई तो समझ लेना कि तेरे प्यार में कसर होगी
और आज इस घटना में दिए गए सभी पात्र अभी भी यंग हे और अपने आप में बहुत बढ़िया जिंदगी जी रहे है। उस किसी की जीवनी को असर न पड़े इसलिए यहां सभी पात्रों के नाम बदल दिए गए हैं और आप समझ ही गए होंगे की सत्य वो प्रेम का पर्याय है। और जीवन में जब भी आप प्रेम में पढ़ो या प्रेम करो तो सत्य मार्गदर्शन की हमेशा जरूरत रहेगी और सत्य जेसे एक मार्गदर्शक को आप साथ में रखना जिससे आप कोई भी गलत कदम न उठा लो।बस जीवन में प्यार बांटते रहो प्यार करते रहो।
जय हिंद जय भारत
लेखक प्रतिक संघवी राजकोट