शुष्क दिवस पर बेखौफ मनमानी तरीके से एमएसपी और एमआरपी से अधिक कीमत पर बेची जा रही है ठेकेदारों के कुचियों के द्वारा देशी विदेशी शराब आबकारी विभाग बना मूकदर्शक…

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रेवांचल टाइम्स मंडला – मंडला, जिला आदिवासी बाहुल्य जिला होने के कारण यहां पर सब मनमाने तरीके से नियम कानून चल रहा है पैसे दो और जो भी अबैध कार्य है उसे बैध करो इस जिले में नोटों की चमक इतनी है कि कोई भी विभाग हो सब के सब नोटो के आगे दुम हिलाते नजर आते है और जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी जनप्रतिनिधि सब को केवल एक ही भूख है, कि कैसे कैसे जल्द से जल्द लखपति बन जाये और फिर जल्द से जल्द करोड़ पति बन जाये जनता को छोड़ो उनके हाल में क्योंकि उनकी सुनता कौन है वह तो बनी ही है शोषण के लिए, वही जब कोई गरीब आदिवासी अगर कच्ची शराब रखता अपने सेवन के लिए, तो पहली फुर्सत में और ठेकेदार के इशारे में उस गरीब को सलाखों के पीछे डाल दिया जाता है क्योंकि वह इतना बड़ा कार्य नही करता है जो आबकारी और पुलिस विभाग के जिम्मेदारो को नोटो की ताकत दिखा कर उन्हें रोक सकें अन्तः वह जेल यात्रा कर अपना सीधा साधा जीवन जीने के लिए मजबूर हो जाता है, और जिम्मेदार अपनी पूरी जिम्मेदारी ग़रीब पर दिखाते नज़र आते है।


वही जिले के मुखिया और शासन प्रशासन कितना भी सख्त निर्देश आदेशित कर दे लेकिन जब स्थानीय स्तर में बैठे उनके अधीनस्थ अधिकारी कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी को गंभीरतापूर्वक नहीं लेते है, जिस कारण जनता की जेब पर डकैती करने वालों की मौज बनी ही रहेगी वही जानकारी के अनुसार 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर पूरे प्रदेश में शुष्क दिवस घोषित कर दिया है और लाइसेंसी दूकानों को आबकारी विभाग के द्वारा बन्द करते हुए सील कर दिया गया है, पर बन्द के बाद भी खुलेआम जगह जगह देशी विदेशी शराब ठेकेदार के कुचियों के द्वारा अवैध रूप से नियत मूल्य से अधिक कीमत पर शराब का विक्रय कर रहें है, और अवैध रूप जगह जगह शुष्क दिवस के पहले ही जमाखोरों के द्वारा शराब को रख ली गई है और मनमानी कीमत पर शराब का भंडारण कर विक्रय किया जा रहा है, वहीं हाल घुघरी में संचालित लाइसेंसी शराब दुकान के ठेकेदार के द्वारा घुघरी सहित घुघरी से लगे अनेक क्षेत्रों में एक दिन पहले ही बोलेरो वाहन में जगह जगह अवैध रूप से कुचियों के यहाँ भेजकर शराब का विक्रय कराया जाता है, महँगी दामों में शराब को बेचा जा रहा है जिससे गरीब जनता को ठेकेदार और उनके कुचिया बन्द का पूरा फ़ायदा उठाते हुए खुलेआम लूट मचाते हुए लोगो की जेब मे डाका डाला जा है..
वहीं सूत्रों के अनुसार घुघरी में बस स्टैंड पर ही खुलेआम देशी विदेशी शराब का विक्रय खुलेआम किया जा रहा है, पुलिस थाना महज 100 मीटर की दूरी पर है पर पुलिस अधिकारियों को भनक तक नही लग रही है जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि जिले में पुलिस विभाग और आबकारी विभाग कितना चुस्त है, जो की व्हिस्की शराब दुकान पर लोगो को 150-200 के बीच मिलती है, और ठेकेदार के कुचिया वही शराब जो अवैध रूप से विक्रय करने पर 40-50 अधिक मूल्य पर बेच रहें है और वहीं जिनको इनकी जिम्मेदारी दी गई है, वही जनता कह रही है कि ये सब मिलीभगत और नोटों की चमक के आगे हर जिम्मेदार नतमस्तक नजर आ रहे हैं, आखिर क्यों गरीब जनता पर ही कार्रवाई की जाती है, रसूखदारों को अभयदान देते हुए उनपर किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं होती है, वहीं किसी गरीब आदिवासी खुद अपने लिए कच्ची शराब बनाकर उपयोग करे तो आबकारी पकड़ कर उस पर कार्रवाई करती है, जबकि सरकार के द्वारा आदिवासियों को पांच बटला तक देशी (महुआ)शराब रख कर सेवन करने की छूट दी गई है वावजूद इसके आबकारी इनके ऊपर कार्यवाही कर अपनी पीठ थपथपाती नज़र आती है और अपने विभाग के कागज़ों का पेट भर देती है और आबकारी विभाग के जिम्मेदार केवल लाइसेंसी ठेकेदारों के इशारे में ही कार्यवाही करते हुए नज़र आती है क्योंकि उन्हें पता है कि गरीब कहाँ जाऐगी और इनकी कौन सुनता है, वही लायसेंसी शराब दुकान होने के बाद भी जब अवैध रूप से मनमानी कीमत पर शराब का विक्रय करती है तो आखिर कार्रवाई क्यों नहीं होती है…

इनका कहना है
मैं अपने दोस्तों के साथ शुक्रवार की बाजार करने आया था और जब सब्जी और सामान खरीदकर जाने लगा तो शराब दुकान गया तो बंद थी जब पता किया तो बस स्टैंड में ही शराब मिल रही है लेकिन जब कीमत पता चला तो मैनें बोला कि शराब दुकान पर तो कम रेट में मिलती है और आप लोग मंहगे दामों में बेच रहे हों उनका कहना था कि बंद के बाद भी दारू दे रहे है सब को मैनेज करना पड़ता है तभी तो मिल रही है, लेना हो तो लो नही आगे बढ़ो..
महा सिंह
ग्रामीण

मैं हमेशा ही आता हूं और जब कभी शराब दुकान बंद रहती है तो बस स्टैंड में शराब मिल जाती है, लेकिन 40-50 रुपये पर अधिक पर आसानी से मिलती है और ये बात पूरी घुघरी को पता है कि कौन सी शराब कहा कहा और कौन कौन बेच रहे हैं बस आबकारी और पुलिस वालों को नही पता है…
यशवंत सिंह
ग्रामीण.

आज तो गणतंत्र दिवस के कारण शराब दुकान बंद है, लेकिन अगर कहीं अवैध रूप से देसी अंग्रेजी शराब बिक रही है तो मैं इसको दिखवा लेता हूं….
वेदराम हनोते
थाना प्रभारी घुघरी

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