“ग्राम पंचायत भुरसी ने आठ माह से खुला छोड़ रखा है पानी से लबालब भरा, मनरेगा का अधूरा कुंआ”
ग्राम पंचायत की लापरवाही से कभी भी हो सकता है हादसा इस कुएं में जा चुकी है बकरी की जान जनपद के अधिकारियों को नही दी गई थी अधूरे निर्माण की जानकारी
दैनिक रेवांचल टाइम्स बज़ाग – जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत भुरसी के अंतर्गत बाबा कोन्हा ग्राम में मनरेगा योजना के तहत कराए गए सार्वजनिक पेयजल कूप के अधूरे निर्माण में ग्राम पंचायत की घोर लापरवाही देखने को मिली है वन ग्राम तरच से चिखला टोला मार्ग पर बाबा कोन्हा में सड़क किनारे ढाई लाख की लागत से सार्वजनिक पेयजल कूप का निर्माण वित्तीय वर्ष 2023-24 में स्वीकृत हुआ था जिसका खनन कार्य फूलमत बाई के खेत में विगत गर्मी के सीजन में मार्च अप्रैल को प्रारंभ किया गया था ग्राम पंचायत द्वारा उक्त कुएं की खुदाई करीबन दस मीटर तक करवाई गई है जिसके सात माह बीत जाने के बाद भी कुंआ की स्थिति जस की तस बनी हुई है और यह आज भी अधूरा पड़ा हुआ है खुदाई करने के बाद कुएं को खुला छोड़ दिया गया गया है कुंआ काफी गहरा है और इसमें जमीन की ऊपरी सतह तक लबालब पानी भरा हुआ है जिससे कभी भी गंभीर हादसा हो सकता है कुएं के आसपास सुरक्षा की दृष्टि से कोई घेरा भी नही बनाया गया है ग्रामीणों के अनुसार कुछ माह पहले इसी कुएं में ग्राम के ही अघनू नाम के व्यक्ति की एक बकरी गिरकर मर गई थी इसके बावजूद ग्राम पंचायत ने कोई ध्यान नही दिया है। ग्रामीणों ने बताया कि अधूरे कुएं से घटनाओं की आशंका बनी रहती है आसपास निवास करने वाले परिवारों के छोटे छोटे बच्चे खेलते रहते है जिन्हे हमेशा खतरा बना रहता है ग्रामीणों ने बताया की हम लोग मजदूरी करने या कृषि कार्य से कही चले जाते है तब हमे अधूरे कुएं के कारण अपने बच्चो की चिंता सताती रहती है अधूरा कुंआ सड़क किनारे बना हुआ है और इसके किनारे से स्कूल जाने वाले छात्रों सहित दिन भर लोगो की आवा जाही बनी रहती है ग्राम के पालतू मवेशी भी आसपास चरते है जो कभी भी हादसे का शिकार हो सकते है ग्राम के अघनु सिंह,भद्दू सिंह,गोलू,बुध सिंह आदि ग्रामीणों ने बताया कि बाबा कोन्हा में चार पांच परिवार ही निवास करते है इस स्थान पर शुद्ध पेयजल का कोई भी स्रोत नहीं है जिसके वजह से यहां पेयजल कूप स्वीकृत हुआ था जो की ग्राम पंचायत ने आधा अधूरा बनाकर छोड़ दिया है जिससे ग्रामीणों की परेशानी बढ़ गई है।ग्रामीणों ने बताया की पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं होने के चलते हम लोग नजदीक ही बहने वाली नदी का पानी विगत कई वर्षों से पी रहे है बारिश में नदी का मटमैला और दूषित पानी पीना पड़ता है अधूरे कुएं के संबंध में ग्राम पंचायत ने बताया की कुएं के निर्माण के लिए स्वीकृत राशि काफी कम है आठ दस मीटर कुंआ खोदने के उपरांत इसमें मजदूरी की राशि लगभग एक लाख बत्तीस हजार रुपए खर्च हो गए है मजदूरी की राशि खत्म हो जाने से काम बंद कर दिया गया है अब आगे कुएं की खुदाई कर पाना संभव नहीं है अभी सिर्फ सामग्री की राशि ही बची है ग्राम पंचायत का कहना है कि पर्याप्त राशि नही होने के कारण अधूरे कुएं को असफल घोषित किया जा सकता है अधूरे कुएं का निर्माण में ग्राम पंचायत की लापरवाही साफ तौर पर देखी जा सकती है यहा सवाल यह है कि राशि की कमी के कारण सात माह पहले काम बंद कर दिया गया ।परंतु इस अधूरे निर्माण की जानकारी पंचायत ने जनपद के अधिकारियों और तकनीकी अमले को नही दी। जिससे कि इसके पूर्ण निर्माण के लिए आगे का रास्ता निकाला जा सके। अधूरे निर्माण पर ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहे। और हादसे का इंतजार कर रहे है
इनका कहना है,
आपके द्वारा जानकारी प्राप्त हुई है।सचिव द्वारा बताया गया है कि मजदूरी भुगतान की राशि खत्म हो जाने से कार्य बंद कर दिया गया है। इस विषय पर तकनीकी अमले से चर्चा कर प्रावधान के तहत अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।
एमएल धुर्वे
सीईओ जनपद बजाग डिंडोरी