कलेक्टर कर रहे परिणामकारी प्रयास भ्रष्ट तंत्र के पेट में हो रहा दर्द- लेकिन कलेक्टर की दृढ़ इच्छा शक्ति के आगे सभी नतमस्तक
रेवांचल टाईम्स – मंडला, जिले में पहली बार कोई कलेक्टर मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य मंडला जिले में बेहतर काम कर रहे हैं। इन्हें किसी भी कीमत पर कम से कम दो तीन साल नहीं हटाना चाहिये ऐसा मंडला जिले के अधिकांश नागरिक चाह रहे हैं। सरकार से नागरिकों की मांग है कि यदि मंडला जिले में विकास की गंगा बहाना है तो मंडला कलेक्टर सोमेश मिश्रा को जनहित में किसी भी परिस्थिति में हटाने की कार्यवाही नहीं की जावे। ज्ञात हो कि जबसे कलेक्टर का कार्यभार संभाले हैं तब से इस जिले में विकास की गतिविधियां तेजी के साथ आगे बढ रही हैं। पूरी ईमानदारी के साथ विकास कार्यों को अमली जामा पहनाने के लिए लगातार प्रषासनिक तंत्र की कसावट कर रहे हैं। यह बात अलग है कि भ्रष्ट सरकारी तंत्र को हो सकता है कलेक्टर की कार्यषैली से भ्रस्टो औऱ कामचोर अधिकारी कर्मचारीयो के पेट में दर्द हो रहा हो लेकिन जिले के नागरिक भारी राहत महसूस कर रहे हैं। इन्होने जिलास्तरीय जनसुनवाई कार्यक्रम को अत्यंत जन उपयोगी बनाने के लिए बढिय़ा प्रयास किया है। आवेदको से सम्मान जनक तरीके से आवेदन पत्र लिए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि आवेदकों को अपने समक्ष कुर्सी में बैठाकर उनकी समस्याओं को सुनकर उनकी समस्याओं का तत्काल निराकरण किया जा रहा है। सूत्रों से पता चला है कि जनसुनवाई कार्यक्रम में जो गोलमाल होता था आवेदन पत्रों का पता ही नहीं चलता था। क्या निराकरण किया जा रहा है इसकी कोई जानकारी आवेदकों को नहीं मिलती थी बल्कि संबंधित जानकारी पोर्टलों में दर्ज की जा रही थी, वह सब धीरे-धीरे समाप्त किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि लगातार जनसुनवाई की समीक्षा की जा रही है और आवेदन पत्रों का पता लगाकर निराकरण किया जा रहा है। लगातार पूरे जिले में आकस्मिक निरीक्षण की शानदार पहल इनके द्वारा शुरू की गई है जो उपयोगी लग रही है। कलेक्टर की सक्रियता की वजह से शासन-प्रषासन के सभी विभाग सक्रिय भूमिका निभाने के लिए मजबूर हो रहे हैं। चूंकि इस जिले में चुनौतियां भी अधिक हैं, ढेर सारी समस्याओं का अंबार लगा हुआ है लेकिन कलेक्टर विषेष रणनीति बनाकर शिक्षा स्वास्थ्य, सड़क, यातायात, रोजगार, उद्योग, पर्यटन, कृषि उद्यानिकी, वानिकी, बिजली पानी इत्यादि के लिए विषेष प्रयास कर रहे हैं। इसके अलावा निरक्षरता गंदगी बीमारी धांधली व बेरोजगारी को दूर करने के लिए भी कलेक्टर द्वारा परिणामकारी प्रयास भी शुरू कर दिए गए हैं। नागरिक इनके कार्यों से संतुष्ट हैं और कलेक्टर से काफी उम्मीद है कि इस पिछड़े जिले को निष्चित रूप से विकास कार्यों से जोड़ेंगे और जनहित के तमाम मुद्दों को लेकर हकीकत के धरातल में परिणामकारी प्रयास करेंगे। जनापेक्षा है कलेक्टर को जनहित में इस जिले में लंबे समय तक पदस्थ रखा जावे ताकि यह जिला विकसित हो सके। कलेक्टर के प्रयासों पर फेर रहे पानी – मध्यप्रदेश के मंडला जिले में समस्याओं का ग्राफ दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। सीएम हेल्पलाईन और जनसुनवाई असफल हो चुके हैं। आवेदन पत्रों का निराकरण नहीं किया जा रहा है। वर्षों से जमे अधिकारियों के तबादले नहीं किये जा रहे हैं। कई अधिकारी तो विगत 15 वर्षों से इस जिले में जमे हुए हैं। अधिकांष प्रभारी बड़े अधिकारियों की कुर्सी पर कुंडली मारकर बैठ गए हैं। कलेक्टर लगातार अधिकारियों व कर्मचारियों को सक्रिय कर रहे हैं और विकास कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए विषेष ध्यान दे रहे हैं लेकिन भ्रष्ट सरकारी तंत्र इनकी प्रयासों पर पानी फेरने की तैयारी में लगा हुआ है। जनापेक्षा है सरकार ध्यान दे।
वही ग्रामीण अँचलों में संचालित स्कूल भवनों के मरम्मत कार्यो में हुई धांधली की बिना काम हुए ठेकेदारों को भुगतान किया साथ ही जिले में शिक्षा व्यवस्था दिन ब दिन चौपट होती जा रही है जिसको लेकर कुछ जागरूक लोगो ने कलेक्टर से निवेदन किया है कि अपने संज्ञान में लेकर हुए भ्रष्टाचार गबन कि जांच करवाकर दोषियों पर कार्यवाही की मांग की है।