जिले में झोलाछाप डॉक्टरों को आख़िर किनका मिल रहा संरक्षण सरकार के आदेश को ठेंगा दिखा कर खुलेआम खोल रहे है अबैध क्लिनिक

93

रेवांचल टाईम्स – मंडला, आदिवासी बाहुल्य जिले में पैसे के दम पर हर वह अबैध कार्य वैध तरीके से किया जा रहा है और स्थानीय प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन तक केवल नोटिस देकर या फिर जांच के नाम पर अपना निजी स्वार्थ साध कर उन्हें अभय दान दिया जा रहा है आज झोलाछापों ने पूरे जिले में कुकरमुत्तो कई तरह अपनी किलिनिक खोल कर जिला की स्वस्थ्य व्यवस्था की पोल खोल रहे है कि आज सरकारी अस्पतालों औऱ उनमें मिलने वाले इलाज से मरीज को कितना आराम है आज ग्रामीण सरकारी अस्पताल छोड़ ये गाँव गाँव मे बैठे अबैध किलिनिक खोलने वाले झोलाछाप डॉक्टर से महंगे दामों में इलाज कराना पसंद कर रहे है और जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी से बच रहे है


वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ये अवैध किलिनिक धारक महीना हप्ता का जिला चिकित्सालय से लेकर स्थानीय प्रशासन को देकर आज ये धड़ल्ले से अपनी किलिनिक में एलोपैथी पध्दतियों से इलाज कर रहे है शिकवा शिकायत में भी इनका कुछ नही बिगड़ रहा है एक दुकान बंद कर दूसरे दिन से इनकी किलिनिक वही ईलाज जारी रहता हैं

सी एम एच ओ से लेकर खण्ड चिकित्सा अधिकारी तक उड़ा रहे आदेश की धज्जियां..

केन्द्र सरकार से लेकर राज्य सरकार भी अच्छे जीवन और स्वास्थ्य को लेकर नित नयी नयी योजना संचालित कर रही है जिसमें आम जन जीवन के हितों के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं सभी शासकीय अस्पतालों में नये नये उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं..जिससे शहर से लेकर उप स्वास्थ्य केन्द्र में भी सारी सुविधा प्रदान किए जा सकें आम जनता के लिए मुख्य मंत्री ने एयर एंबुलेंस की भी शुरुआत की है जिससे गंभीर रूप से बीमार मरीजों को उचित इलाज समय पर मिल सके
स्वास्थ्य केन्द्र में भी समय पर निरीक्षण के भी आदेश दिए जाते हैं..
लेकिन आज ये सभी आदेश केवल कागजों तक ही सीमित हैं जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है…

स्वास्थ्य विभाग के आदेश के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई

ऐसा ही नया मामला तहसील मुख्यालय घुघरी का आया है जहां पर झोलाछाप डाक्टरों का बोलबाला नजर आता है,
डिग्री का पता नहीं और न किसी प्रकार का अनुभव फिर भी बेखौफ तरीके से दुकान खोलकर दवाई गोली के साथ बाटल चढ़ाने तक का सिलसिला चल रहा है…

ग्रामीण अंचल में मनमाने तरीके से चल रहे निजी क्लीनिक..
ग्राम अंचलों में संचालित अनेक ऐसे क्लीनिक हैं और अनेक ऐसे डाक्टर जिनके पास न वैध डिग्री है और न किसी प्रकार का अनुभव फिर भी बेखौफ कर रहे इलाज और समय से पहले ही आम नागरिकों को उतार रहे मौत के घाट..

गरीब जनता लुटने को मजबूर
झोलाछाप डाक्टर कहें या फिर बिना अनुभव के उपचार करने वाले इनको केवल अपनी जेब से मतलब है गरीब जनता को मनमाने इलाज और अपनी जेब का ही खयाल रहता है चाहे मरीज की तबीयत मे सुधार हो या न हो लेकिन अपनी जेब का खयाल पूरा रखते हैं..

गलत इलाज के बाद भेज देते हैं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
अनेक ऐसी घटनाये हो चुकी हैं जिनमें विचार करने वाली बात ये है कि झोलाछाप डाक्टर जिनको किस मरीज को क्या समस्या है और किस प्रकार का इलाज करना है ये भी समझ नहीं आता गोली देने के बाद भी अगर सुधार नहीं होता तो इंजेक्शन लगाकर उपचार करते हैं…
और जब मरीज की हालत बिगड़ जाती है तो अपना पल्ला झाड़ते हुए पहुंचा देते है सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र…

खण्ड चिकित्सा अधिकारी भी नहीं देते ध्यान और झोलाछाप डाक्टर की लापरवाही पर डालते हैं पर्दा…
तहसील मुख्यालय घुघरी में घुघरी से लेकर सलवाह कुसमी भानपुर और पूरे क्षेत्र में अपनी निजी क्लीनिक चलाने वाले अनेक ऐसे डाक्टर हैं जिनके पास डिग्री भी नहीं है और न अनुभव फिर भी बेखौफ इलाज करते हैं और अगर मरीज की हालत गंभीर होती है तो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ये भी नहीं पूछते की आपने इलाज कहां कराया है या कौन सी दवाई आपने ली है..
और कहीं कोई बताता भी है तो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बैठे डाक्टर को कोई लेना देना नहीं है..
इलाज कर देते हैं ठीक हुआ तो सही वरना मरीज को जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया जाता है..

सलवाह क्षेत्र में दूसरों की डिग्री में चला रहे निजी क्लीनिक..
वहीं सूत्र बताते हैं कि सलवाह क्षेत्र में कुछ ऐसे भी झोलाछाप डाक्टर हैं जिनके पास खुद की डिग्री भी नहीं है लेकिन वो भी आम जनता और गरीब जिंदगी के साथ खिलवाड करते नजर आ रहे हैं..

बिना जांच किए ही लगा देते है बाटल..
ऐसे अनेक झोलाछाप डाक्टर देखने और इलाज करने में निपुण हैं जो कि बिना सुगर बी.पी चेक किए ही मरीज को लगा देते हैं बाटल फिर मरीज ठीक हो या न हो लेकिन उनकी फीस पूरी बनती है और अगर कहीं कुछ समस्या बढ़ती है तो सरकारी अस्पताल तो बैठा ही है इलाज करने…

सी एम एच ओ.के आदेश का नहीं हुआ पालन..
विगत दिनों मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से एक पत्र जारी किया गया था जिसमें झोलाछाप डाक्टर पर सख्त कार्रवाई करने के लिए अनुविभागीय अधिकारी घुघरी को पत्र क्रमांक 2024/4089 के माध्यम से 9/08/2024 को जानकारी दी गई थी और तहसील मुख्यालय में जितने भी अवैध रूप से संचालित हो रहे निजी क्लीनिक उन पर सख्त कार्रवाई करने को कहा गया था लेकिन उस पत्र पर भी कार्रवाई नहीं हुई और न किसी प्रकार से झोलाछाप डाक्टरों पर कार्रवाई की गई…जबकि उस पत्र में स्पष्ट रूप से लिखा गया था सर्वोच्च प्राथमिकता से कारवाई की जाये..

इनका कहना है
अभी कुछ समय पहले मेरी तबीयत खराब हुई थी तो मैं सलवाह के ही डाक्टर के पास गई थी वहीं से इलाज कराकर लौटी लेकिन दूसरे दिन फिर तबीयत खराब हो गई तो बेटा घुघरी के सरकारी अस्पताल लेकर गया था वहां से मेरी तबीयत ठीक हुई है..
सलवाह में सभी डाक्टरों की फीस ज्यादा है।
रमिया बाई बरवानी घुघरी

instagram 1
Leave A Reply

Your email address will not be published.