मंडला बस यात्रियों की सुविधाओं पर ध्यान नहीं, गंदगी से बजबजा रहे गलियारे, कदम-कदम पर पसरी बदइंतजामी…

चौदह करोड़ का बस स्टैण्ड ओपन बार में तब्दील हो गया

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रेवांचल टाईम्स – मंडला जिला मुख्यालय के बीचों बीच बना अंतराज्यीय बस स्टैंड जिसमें सैकड़ों की संख्या में दिन भर बसों का आवागमन होता है। जहा पर वर्ष 2018 में करोड़ों रुपए की लागत से यात्रियों की सुविधाओं के लिये बनाया गया बस स्टैंड जहाँ हर जगह नीचे से लेकर ऊपर तक गंदगी का अंबार लगा है। भवन के ऊपरी हिस्से में पानी की टंकियां खुली पड़ी हैं। शाम होते ही शराबियों का वहाँ जमावड़ा लग जाता है। जगह जगह गंदगी का अंबार लगा हुआ हैं नगर पालिका मंडला केवल वसूली अभियान चला रही हैं जिन्हें किसी साफ सफाई या फिर यात्रियों की समस्याओं से कोई लेना देना नही है वर्तमान में बस स्टैंड सुर्खियों में बना हुआ है कुछ मिले या न मिले पर हर जगह शराब, अण्डे बिरयानी औऱ गंदगी अव्यवस्था आसानी से मिल जायेगी बाहर से आने वाले यात्री मंडला नगर को पवित्र नगरी मान कर वाह वाह करते नज़र आते है, वहीं शराबियो के द्वारा शराब पीकर शराब की बोतलें फोड़ दी जाती हैं औऱ फिर वर्षों से इसके रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। रेवाचंल टाइम्स की टीम ने मौके पर पहुंचकर अस्त व्यस्त बस स्टैंड का जायजा लिया तो पता चला कि आईएसबीटी चारों खूंट गंदगी से बजबजा रहा है। इस तरतफ संबंधित विभाग के द्वारा साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था की ओर ध्यान तक नहीं दिया जा रहा है।


यात्री प्रतीक्षालय तक बदहाल
प्रतीक्षालय में यात्रियों की सुविधा के लिए पंखे तो लगे हंै, पर इन पंखों में मकडिय़ों ने जाल बुन लिया है। दीवारों को गुटखा और पान की पीक से बदरंग कर दिया गया है। प्रतीक्षालय की कुर्सियों के नीचे इस कदर कचरा फैला है कि कोई भी यात्री इस जगह पल भर भी नही बैठ सकता।

आए दिन नाली में गिरते हैं लोग
प्रतीक्षालय के सामने बनी नाली से बदबू आ रही है। नाली के ऊपर लगी जालियां नदारद है, जिससे आने-जाने वालों यात्रियों के गिरने का खतरा बना हुआ है। बताया जाता है कि कई मुसाफिर यहां पर गिरने से घायल भी हो चुके हैं परंतु जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।

बसों का मैकेनिक जोन चल रहा
यहीं पर बसों का सुधार कार्य भी किया जाता है और कचरा ग्रीस, ऑइल फेंक दिया जाता है। उसकी सफाई पर बस संचालकों का ध्यान बिल्कुल नहीं है। बस स्टैंड के अंदर संचालित दुकानों का कचरा भी अंदर ही फेंक दिया जाता है, जिसके कारण जगह जगह कचरे के ढेर आसानी से देखने को मिल जाएंगे।

सीढिय़ों को टायलेट बना दिया
लोगों के द्वारा सीढ़ी पर शौच किया जा रहा है। पीने के पानी की कोई उचित व्यवस्था नहीं दिखाई दे रही है। प्रतीक्षालय के बाजू में एक हैंडपंप है, वहाँ पर भी कचरे और गंदगी का अंबार लगा होने से हैंडपम्प अनुपयोगी साबित हो रहा है बस स्टैंड के सामने संचालित दुकान के मालिकों द्वारा भी अपनी अपनी दुकानों का कचरा भी बस स्टेंड परिसर में डाला जा रहा है।

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