जनपद पंचायत घुघरी की पंचायतो में लग रहे फर्जी बिल सरकारी धन में मची है लूट, लूट सको तो लूट लो कि तर्ज में चल रहा कार्य…

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रेवांचल टाइम्स – मंडला आदिवासी बाहुल्य मंडला जिले की जनपद पंचायत घुघरी में इन दिनों फर्जी ट्रेडर्स और फर्जी बिलों की सुर्खियों में बनी हुई है और कहे तो भ्रष्टाचार और भ्रस्टो कि परत दर परत खुल रही है औऱ आखिरकार जिम्मदारों किस तरह सरकारी धन में लूट पाट मचाए हुए है। ये बात आज जिला प्रशासन से लेकर स्थानीय प्रशासन और जनता तक आम हो चुकी हैं।

घुघरी के पूर्व जनपद पंचायत के सी ई ओ भ्रष्टाचार में जा चुके है जेल

वही बात घुघरी जनपद की पंचायतों में हो रहे भ्रष्टाचार की बात करे तो यह पहले से ही चला आ रहा है और इस भ्रष्टाचार की भेंट पूर्व मुख्य कार्यपालन अधिकारी नागेंद्र यादव और उनके सहयोगियों ने भ्रष्टाचार गबन के मामले में सालाखों के पीछे जा कर जेल की हवा खा चुके है और वर्तमान में भी वही भ्रष्टाचार ग़बन घोटाले अपने चरम पर है और जिम्मेदार मुख्य कार्यपालन अधिकारी, पंचायत इंस्पेक्टर, एस डी ओ, सब के सब अपना अपना हिस्सा बटोरने में लगे हुए है और अपनी आँखों मे पट्टी बांध ग धन्धारी बन बैठे और भ्रस्टो को खुली छूट दे दी है कि लूट लो आज सरकारी पोर्टल की ये स्थिति बन गई है कि कोरे कागज़ को लोड कर दो और जो चाहो वह राशि निकला लो क्योंकि पंचायत दर्पण का पोर्टल में निगरानी के लिये कोई नही बैठा है और घुघरी के सरपंच सचिव, रोजगार सहायक, उपयंत्री, औऱ ट्रेडर्स, मटेरियल सप्लायर ऐजेन्सी सब मिल कर जनता की जनकल्याणकारी योजनाओं पर बंदरबांट कर लूट मचा रखी हैं, औऱ कहे कि भ्रष्टाचार की बाढ़ सी आ गई है, जनपद पंचायत की ऐसी एक पंचायत इस फर्जीवाड़े से अछूती नही है, आज पंचायत दर्पण में जिस किसी भी पंचायत में देखें तो अनाप सनाप तरीके से बिल लगाए हुए है। पंचायत में किसी का ख़ौफ़ नजर नही आ रहा है। जनप्रतिनिधि ठेकेदारी करके अपनी तिजोरी भर रहे हैं तो कहीं फर्जी बिल बाउचर से शासकीय राशि की लूट मची हुई है कोई न कहने वाला न सुनने वाला .
ऐसा ही एक मामला जनपद पंचायत घुघरी के ग्राम पंचायत सहजर का सामने आया है जहां पर सरपंच सचिव एवं उपयंत्री ने अपनी सारी हदें पार कर दी है और इनकी मनमानी चरम सीमा पर है। या कहे कि इन्हें अपने पद का अभिमान है जो आम जनता के पैसों की जमकर होली खेल रहे है और जनता को ही रौब दिखा रहे है वहीं ग्राम पंचायत सचिव रम्मू सिंह परस्ते के भी इस समय बोल बिगड़े हुए हैं, आम जनता से लेकर पत्रकार भी अगर कोई जानकारी लेना चाहे तो जानकारी तो छोड़िए फोन उठाकर बात करना भी पसंद नहीं करते और गलती से फोन उठा भी लिए तो बदत्तमीजी से बात करते है।
वहीं सहजर ग्राम पंचायत में जनवरी 2024 से लेकर जून 2024 तक ऐसे ऐसे बिलों पर भुगतान किया गया है जिनकी राशि 2,50,000 से लेकर 3,00,000 तक है लेकिन अगर पंचायत दर्पण में बिलों की जानकारी देखनी है, बिल तो छोड़ दे कोरे कागज में बिल लगाकर राशि का भुगतान कर दिया गया है..

कोरे कागज़ अपलोड कर आहरण की जा रही है राशि

वही पंचायत दर्पण में स्पस्ट देखा जा सकता है कि जो बिल अपलोड किए गए है जिनमें न दुकान का नाम है न ट्रेडर्स का पता और न राशि की किस काम के लिए किस मद से कितनी राशि किस ट्रेडर्स को भुगतान किया गया है। दिनांक 10/05/2024 को बिल नंबर 103 को अनूप भगत को भुगतान किया गया राशि 50,000 रुपये जिसके बिल की जगह कोरे कागज लगाये गये हैं। वहीं रामगोपाल जिनके बिल नंबर 39 पर 08/05/2024 को भुगतान की गई राशि 23500 लेकिन इनके बिल की जगह पर भी कोरे कागज लगे हुए हैं वहीं लवली इंटरप्राइजेज के 14/04/2024 की दिनांक पर बिल नंबर 122 पर 31000 का भुगतान किया गया लेकिन लवली इंटरप्राइजेज किस वस्तु की दुकान है और बिल लगा किस सामग्री का है .19/04/2024 का बिल नंबर 06 ज्ञान लाल साहू का लगा है जिसकी राशि 20200है लेकिन दुकान किसकी है किस सामग्री का भुगतान किया गया है उसकी जगह कोरे कागज लगाये गये हैं..
आखिर ये लाखों के भुगतान कोरे कागजों पर कैसे….

जनपद पंचायत घुघरी के जनप्रतिनिधि औऱ अधिकारी कर्मचारी गहरी नींद में,

ग्राम पंचायतों के ऊपर जनपद पंचायत में मुख्य कार्यपालन अधिकारी को मुखिया के रूप में बैठाया गया जहाँ पर सरपंच सचिव उपयंत्री की मनमानी पर रोक लगाने और निगरानी के लिए चार चक्के का वाहन दिया गया है कि जिन ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्य चल रहे है जाकर निरीक्षण करना
अनिमित्तये में रोक लगाना निर्माण कार्यों में गुणवत्ता और सरकारी पैसा का सही उपयोग हो रहा है या नही औऱ दोषियों पर कार्यवाही करना पर अगर जिम्मेदार खुद ही ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाने के चक्कर मे आ जाये तो फिर उस जनपद पंचायत और उनकी पंचायतों का तो बंटाधार ही है।

घुघरी जनपद के सी ई ओ दे रहे है भ्रस्टो और भ्रष्टाचार ग़बन को बढ़ावा,

आज घुघरी जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को ग्राम पंचायतों में हो रहे फर्जीवाड़े की पूरी की पूरी जानकारी है पर उनमें रोक लगाने की अपेक्षा लगातार भ्रष्टाचार ग़बन घोटाले जारी है आज घुघरी सहित पूरे पंचायतों में एक अजीब तरह का फर्जीवाड़ा चल रहा है जहाँ पर न मटेरियल सप्लायर है और न ही ट्रेडर्स फिर भी धड़ाधड़ मटेरियल औऱ ट्रेडर्स के बिल अनाब सनाब लग रहे है जिसकी सम्पूर्ण जानकारी जनपद पंचायत के जिम्मदारों को है और रेवांचल समाचार पत्र की टीम ने अनेकों बार मुख्य कार्य पालन अधिकारी श्री गायत्री जी को कार्यालय में जाकर अवगत कराया है और प्रत्येक ख़बरो में उनका वर्जन लागते हुए उन्हें अवगत कराया है पर वह सब जानकर भी अनजान बन रहे है और अधीनस्थ पंचायतों के जिम्मदारों को खुली छूट दे रहे है और भ्रष्टाचार करने अभयदान भी दे रहे है और जब भी उनसे ग्राम पंचायतों में चल रहे फर्जीवाड़े के सम्बंध में बात करे या फिर वर्जन ले तो उनका एक रटा रटाया जबाब की आपके माध्यम से जानकारी लगी है जल्द ही जांच करवा ली जावेगी पर आज आठ से दस माह बीत चुके है पर न कोई कार्यवाही हुई और न ही पंचायत दर्पण में बिल लगना बन्द हुए है इससे या प्रतीत होता कि जो भ्रष्टाचार हो रहे है वह मुख्य कार्यपालन अधिकारी, एस डी ओ, औऱ जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों के सहयोग से ही ग्राम पंचायतों के सरपंच सचिव, औऱ उपयंत्री को भ्रष्टाचार ग़बन घोटाले करना में बढ़ावा देने और शासकीय राशि का बंदरबांट करने में मिलीभगत नजर आ रही है, जो कि साफ तौर से सचिव से लेकर अधिकारियों की सांठ-गांठ की तरफ इशारा करती है

सरपँच सचिव को नही है जांच का भय, भय मुक्त हो रहा है भ्रष्टाचार

वहीं जब रेवांचल की टीम ने सहजर ग्राम पंचायत के सचिव रम्मू सिंह परस्ते से फोन के माध्यम से जानकारी लेना चाही तो उनका कहना था कि आपको क्या समस्या है कोरे बिल लगें या खाली पन्ना लगाकर भुगतान करें इसमें आपको क्या समस्या है ये सरकारी पैसा है इस का इसका उपयोग कहां और कैसे करना है ये हमें आपको बताने की जरूरत नहीं है.हमारे बी.पी.ओ और सी.ई.ओ. साहब नहीं पूछते तो आप कौन होते हैं पूछने वाले..और हम आपको बताने के लिए नहीं बैठे हैं…

अपनी डी एस सी का उपयोग कर रहा है कोई और सचिव ने लगाये अधिकारियों पर आरोप..

वहीं जब सचिव से पूछा गया कि आपकी डी.एस.सी का उपयोग आप करते हैं या कोई और से बिल लगाकर भुगतान कराते हैं तो उनके द्वारा बताया गया कि आप कौन होते हैं पूछने वाले हम खुद बिल लगायें या न लागये हमारी मर्जी है कहीं और से लगवायें डी.एस.सी हमारी हम कुछ भी करें सब को कमीशन देते हैं तभी तो कोई जांच नहीं करता और न कोई देखने आता कि भुगतान कहां किसको कितना कर रहे हैं..

कोरे बिल की बात पर भड़क गये सचिव.
कोरे बिल लगायें या खाली पन्ना आज तक कितने बिल बाउचर लगाये जा चुके है लेकिन कहीं कोई जांच नहीं हुई है..आप जानकारी ले भी लोगे तो बी.पी.ओ साहब ही आयेंगे उनको तो हम उनका हिस्सा दे देते हैं जांच में कहीं कुछ नहीं होगा…

इनका कहना है..
कोरे बिल लगायें या खाली पन्ना सबको हिस्सा देते हैं, कुछ नही हो सकता ऐसी बहुत शिकायत औऱ जांच हुई और होती रहेगी तुम्हे लगता है तो तुम भी करो हमे कोई फर्क नही पड़ता औऱ जांच हो तो सब की हो क्योंकि बिना कमीशन लिए कोई काम पंचायत में नही आता है और न होता है सब को खुश रखने के लिए ये सब करना पड़ता है और ये सभी जगहों के हालत है।
रम्मू सिंह परस्ते
सचिव
ग्राम पंचायत सहजर.

मैं अभी मीटिंग में हूं अभी कोई जानकारी नहीं दे सकता आपसे बाद में बात करता हूँ।
अमृत लाल उइके
खण्ड पंचायत अधिकारी
जनपद पंचायत घुघरी मंडला

डी.एस.सी का उपयोग कोई भी करे लेकिन जिम्मेदार सचिव ही है, और डी.एस.सी किसी और से उपयोग कराने का तो नियम ही नहीं है. सचिव को पता होना चाहिए कि कहां कौन से बिल लगाए है, जानकारी होना चाहिए अगर कोई कार्यवाही होती है तो सचिव के ऊपर ही होगी क्योंकि वह सरकारी कर्मचारी है और जिम्मेदार भी है।
गायत्री कुमार सारथी
मुख्य कार्यपालन अधिकारी
जनपद पंचायत घुघरी मंडला

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