मंडला भी गजब है साहब…अपात्र अंदर, पात्र बाहर!
ग्राम पंचायत भड़िया में नियम की अनदेखी, मोबेलाइजर की फर्जी भर्ती का खुलासा
रेवांचल टाईम्स – मंडला जिले के जनपद पंचायत नैनपुर के अन्तर्गत आने वाली ग्राम पंचायत भडिया में सत्र 2020 में पंचायत द्वारा विज्ञापन जारी कर मोबेलाइजर की भर्ती हेतु आवेदन स्वीकार किया गया, जिसमें शासन के नियम अनुसार भर्ती किया जाना था, किंतु पंचायत सचिव/ रोजगार सहायक एवं पीसीअो बैरागी सिंह के द्वारा नियम कानून को ताक पर रखकर अपात्र डिग्रीधारी की भर्ती कर पात्र डिग्रीधारी को बेरोजगार किया गया। ग्राम के आवेदक शंकर उईके का कहना है कि पंचायत के द्वारा मोबेलाइजर की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था, जिसमें शासन के नियम अनुसार भर्ती किया जाना तय था। शासन की नियमावली में स्पष्ट लिखा हुआ था कि जिस आवेदक का चयन किया जाना है, उसकी उम्र 18 वर्ष की होनी चाहिए, ग्राम पंचायत की मतदाता सूची में उसका नाम होना चाहिए एवं एक साथ दो नियमित डिग्री नहीं होनी चाहिए, किंतु पंचायत सचिव प्रेमसिंह सल्लाम, पीसीओ बैरागी सिंह एवं रोजगार सहायक के द्वारा सभी नियम कानून दरकिनार करते हुए अपने निजी स्वार्थ साधते हुए और अपने चहेते को फायदा पहुँचाने शासन की नियमावली की धज्जियाँ उड़ाते हुए अवहेलना की गई है और ऐसे अभ्यर्थी का चयन किया गया जिसका नाम ग्राम की मतदाता सूची में भी नहीं है। और जिसकी उम्र 18 वर्ष की भी नहीं है एवं उसके पास एक साथ दो नियमित डिग्री भी है। साथ ही इसकी कंप्यूटर की डिग्री नियुक्ति के समय अपूर्ण थी। अपूर्ण डिग्री की जांच ना कर उसकी भर्ती कर अपात्र अभ्यर्थी का चयन कर उसे प्रत्यक्ष लाभ देकर वित्तीय अनियमितता की गई एवं आवेदक को बेरोजगार किया गया जो सरासर अन्याय है।
नहीं किया गया शिकायतों निराकरण…
आवेदक ने बताया कि ग्राम पंचायत मोबिलाइजर भर्ती में हुए फर्जीवाड़ा को लेकर उनके द्वारा ग्राम पंचायत सचिव/जनपद पंचायत सीईओ नैनपुर एवं जिला पंचायत सीईओ मंडला को भी शिकायत की किंतु अधिकारियों के द्वारा आज तक उनकी मांग को गंभीरता से संज्ञान में ना लेते हुए इसे न्याय प्रदान नहीं कराया गया जो आज तक बेरोजगार है। आवेदक का कहना है कि सारे साक्ष्य प्रस्तुत करने के उपरांत भी आखिर अधिकारियों के द्वारा इसकी शिकायत पर जांच कर उसे न्याय क्यों नहीं दिया जा रहा है जो एक संशय का विषय बना हुआ है कि आखिर उच्च अधिकारियों के द्वारा सबूतों को नजर अंदाज कर आरोपियों को संरक्षण क्यों प्रदान किया जा रहा है उन पर कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है द्य इससे तो उन्हें ऐसा प्रतीत होता है कि इस फर्जी भर्ती में अधिकारियों की भी मिली भगत के साथ ही अप्रत्यक्ष रूप से फायदा पहुँचाया गया है, तब तो वह उन्हें बचाने का प्रयास कर रहे हैं।
जिला कलेक्टर से लेकर सीएम हेल्पलाइन में लगा चुके गुहार…
शिकायतकर्ता शंकर उईके द्वारा बताया गया कि जब उसे अधिकारियों के चक्कर काटने के बाद भी कहीं से निराकरण नहीं होता नजर आ रहा है और न ही न्याय मिल पा रहा है। तब उसने न्याय की आस में जिला कलेक्टर के पास अपनी गुहार लगाई किंतु जिला कलेक्टर की ओर से भी आज तक किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई, जिससे उनके द्वारा सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत दर्ज कराई गई अधिकारियों के द्वारा गलत प्रतिवेदन प्रस्तुत कर सही को गलत ठहराया जाता है एवं बिना सूचित किया बिना संतुष्टि जाने, बिना सहमति के शिकायत को कई बार बंद कर दिया गया, जिसकी शिकायत भी आवेदक के द्वारा जिला कलेक्टर से की गई, किंतु किसी प्रकार का न्याय प्राप्त नहीं हुआ और ना ही इनकी शिकायत पर कोई निराकरण किया गया। आवेदक का मानना है कि अधिकारियों को मुख्यमंत्री का डर नहीं है तब तो वह सीएम हेल्पलाइन पर भी गलत निराकरण कर अपनी वाहवाही लूट कर जिला कलेक्टर के सामने सीना ठोककर खडे रहते है और शिकायतकर्ता न्याय की आस को लेकर दर-दर भटकता रहता है।
महज दिखावा साबित हो रही जनसुनवाई….
भ्रष्टाचार के विरोध में फर्जी भर्ती को लेकर आवेदक के द्वारा जिला जनसुनवाई में कई आवेदन जिला कलेक्टर को दिए गए, किंतु आज तक किसी भी प्रकार के पत्र का इन्हें जवाब नहीं मिला और ना ही इन्हें न्याय प्राप्त हुआ। आवेदक का कहना है कि जनसुनवाई में उसी विभाग में शिकायत को पहुंचा दिया जाता है, जहां के अधिकारी जानबूझकर न्याय नहीं देना चाहते और ना ही इस मामले की उचित जांच करना चाहते है। जिस विभाग के अधिकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से फर्जी भर्ती की गई है। वहां के अधिकारियों को जांच पत्र देकर जांच कराना कितना न्यायोचित है, जिससे मैं संतुष्ट नहीं हूं। जिस समय जिला कलेक्टर अधिकारियों को बुलाकर जनसुनवाई में शिकायत पत्र पर मार्क कर उन्हें पत्र देते हैं, उस समय अधिकारी इतने सीधे बनकर खड़े रहते हैं कि आज ही इनके द्वारा जांच कर उचित न्याय प्रदान कर दिया जाएगा, किंतु इनके द्वारा बाहर निकलते ही किसी भी प्रकार के पत्र पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती जो जनसुनवाई की सच्चाई को बयां करती है कि यह एक दिखावा मात्र है यहाँ न्याय के लिए भटकना समय की बर्बादी एवं पैसे की बर्बादी करना है। आवेदक बेरोजगार है उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है फिर भी वह न्याय की आस में 30 किलोमीटर दूरसे किराया लगाकर हर मंगलवार जनसुनवाई के चक्कर काट रहा है। जिसके पास हर जनसुनवाई की बहुत सारी पावती हैं
वर्तमान सरपंच ने किया प्रमाणित की भर्ती फर्जी है….
पूर्व सरपंच के द्वारा अभी तक की शिकायत पर ध्यान नहीं दिया गया, किंतु उनकी मृत्यु के उपरांत नवीन सरपंच के द्वारा इस मामले को गंभीरता से संज्ञान में लेते हुए मोबिलाइजर की भर्ती की उचित जांच कर भर्ती प्रक्रिया को फर्जी ठहराया गया जिसके एवज में उनके द्वारा आवेदक को कार्यालय ग्राम पंचायत के लेटर पेट में लिखकर प्रमाणित किया गया कि उस समय मोबिलाइजर की जो भर्ती प्रक्रिया की गई थी, वह पूर्ण भ्रष्टाचार से युक्त एवं अनर्गल थी एवं दस्तावेज के आधार पर उस समय की चयनित अभ्यर्थी को सिद्ध भी कर दिया गया कि यह यह अभ्यर्थी पात्र नहीं है, जिस पर उस समय के सचिव प्रेम सिंह सलाम के भी हस्ताक्षर है जिनके द्वारा भर्ती की गई थी, जो आवेदक की शिकायत को दरकिनार कर आवेदक द्वारा प्रस्तुत समस्त साक्ष्य को अनदेखा कर मनमानी प्रक्रिया बनाते हुए भर्ती प्रक्रिया को सही ठहरा कर आवेदक को बेरोजगार कर आर्थिक क्षति पहुंचाई।
कलेक्टर से की एफआईआर की मांग….
आवेदक शंकर लाल ने कार्यालय ग्राम पंचायत भड़िया विकासखंड नैनपुर से प्राप्त सरपंच के द्वारा प्रमाणित पत्र के अनुसार भर्ती पर हुई फर्जीवाड़ा के विरोध में जिला कलेक्टर से लिखित आवेदन कर प्रमाणित पत्र की छाया प्रति दिखाकर आरोपियों पर एफआईआर की मांग की है। जिनके द्वारा उन्हें बेरोजगार किया गया उन पर FIR करने की मांग की है, कि इतने वर्ष तक का उन्हें हर्जाना भी प्रदान कराया जावे वित्तीय अनियमितता करने वाले सचिव प्रेम सिंह सल्लाम उनका साथ देने वाले रोजगार सहायक अवनीश पटेल एवं पंचायत समन्वयक ऑफिसर बैरागी सिंह के ऊपर दंडात्मक एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही की मांग की है साथ ही आवेदक ने मांग रखी है कि सीएम हेल्पलाइन पर गलत प्रतिवेदन प्रस्तुत करने वाले/ जनसुनवाई में आवेदक की शिकायत पर उचित कार्यवाही ना करने वाले अधिकारी के ऊपर भी दंडात्मक कार्यवाही की मांग की है। आवेदक ने जिला कलेक्टर एवं सी.ई.ओ. जिला पंचायत मण्डला को लिखित पत्र के माध्यम से अवगत कराया है कि यदि उन्हें उचित न्याय नहीं मिलता तो वह जिला कलेक्टर के समक्ष जनसुनवाई में आत्मदाह कर लेंगे, जिसकी पूर्ण जवाबदारी जिला प्रशासन की होगी, जिनके द्वारा उन्हें आज तक न्याय नहीं प्रदान किया गया।
इनका कहना है….
मंडला जिले में कितनी भी शिक़वा शिकायत करो कोई सुनने वाला नही है इस जिले फ़र्जी काम और फर्जी तरिके से नोकरी करने वालो पर कोई कार्यवाही नही की जाती पात्र पढ़े लिखे घुम रहे है और आपत्र व्यक्ति सरकारी नोकरी कर मलाई छान रहे है न कलेक्टर साब सुन रहे है और न सी ई ओ साब और न ही सी एम हेल्प लाइन से कोई सन्तुष्ट कार्यवाही हुई हम तो थक चुके हैं इस जिले का भगवान ही मालिक है अब केवल न्यायालय का रास्ता ही बचा हुआ हैं….
शंकर उईके
ग्राम भड़िया जनपद पंचायत नैनपुर मंडला
