भ्रष्ट और भ्रष्टाचार पर भारी पड़ रहा है सूचना अधिकार अधिनियम, नही दी जा रही हैं,जानकारी…

मनेरी में भ्रष्टाचार्यों का हाहाकार विभागीय अधिकारी सब बेकार!

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रेवांचल टाईम्स – मंडला, आदिवासी बाहुल्य जिला में चहुँ और विकास हो रहा है और इस विकास कार्य में भ्रष्टाचार की गंगा भी बह रही है लूट सको तो लूट लो कि तर्ज में भ्रष्टाचार जिले में चल रहा है और जिसकी शिकायतें भी समय समय मे जागरूक नागरिक और मीडिया की सुर्खियों बना रहता है पर भ्रष्ट तंत्र पर जू तक नही रेंगती है। और अगर थोड़ा बहुत शिक्षा विभाग जाग भी जाता है, तो मौके में जांच अधिकारी उन बिंदुओं की जांच नहीं करते है जिनकी शिकायतें प्राप्त होती है जाँच भी ऐसे अधिकारी कर्मचारी करने पहुँचे है जिनके ऊपर खुद भ्रष्टाचार ग़बन जैसे करने के आरोप लग चुके है, अब ऐसे सोचने वाली बात है जो पहले से ही भ्रष्टाचार की शिक्षा प्राप्त कर चुके है वह क्या जांच करेंगे और जांच में क्या पाऐगे।


वही दूसरी ओर जनता और प्रशासन के बीच पारदर्शिता के चलते एक अधिनियम पारित किया गया है जो अब भ्रष्ट और भ्रस्टाचारी के लिए मज़ाक बन गया है आये दिन भ्रष्ट तंत्र इस अधिनियम का मजाक उड़ा रहे जानकारी नही दे रहे और तरह तरह के बहाने बना रहे हैं,वही जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग सूचना के अधिकार की जानकारी नहीं दे पा रहा है विभाग, संविधान के चौथे स्तंभ पत्रकारिता को किया अपमानित
भ्रष्टाचार का केंद्र बना पीएम श्री स्कूल मनेरी

आदिम जाति बाहुल्य जिला मंडला में एक स्कूल ऐसा है जहां के लंबे समय से पदस्थ शिक्षकों पर भ्रष्टाचारी, गुटबाजी, नशाखोरी, राजनीतिकरण, जैसे संगीन आरोप लगे हैं, ना तो शिक्षक नियमित विद्यालय आते हैं ना ही इनके द्वारा नियमित अध्यापन कार्य कराया जाता है ना तो विद्यालय के अभिलेखों का संधारण किया जाता है किंतु इन शिक्षकों और कर्मचारियों की वजनदारी इतनी है इन पर विभाग द्वारा कोई कार्यवाही भी नहीं की जाती है यहां तक उच्च अधिकारियों से उनकी जुगलबंदी इतनी अच्छी है इन संरक्षण देते हुए बढ़ावा दिया जाता है अपूर्ण कार्य को पूर्ण करने हेतु स्मरण पत्र पर स्मरण पत्र दिया जाता है?

पीएम श्री दर्जा प्राप्त विद्यालय मनेरी

आप सभी को जानकर अतिशयोक्ति होगी यह विद्यालय केंद्र सरकार द्वारा पीएम श्री योजना के तहत उच्च गुणवत्ता एवं सुविधा हेतु दर्जा प्राप्त किया हुआ है किंतु दुर्भाग्य है इस प्रकार के भ्रष्ट एवं दोषपूर्ण शिक्षक क्या पीएम श्री विद्यालय में रखने योग्य है यदि यह शिक्षक विद्यालय में रहते हैं तो क्या शासन की योजना एवं मनसा का पूर्ण लाभ विद्यार्थियों को प्राप्त हो सकता है? सरकार निरंतर शिक्षा को सरल एवं गुणवत्ता युक्त बनाने पर जोर दे रही है किंतु शिक्षकों की गुणवत्ता का ध्यान नहीं दिया जा रहा है आज पीएम श्री अन्य विद्यालयों में योजनाओं द्वारा संचालित कार्यों का क्रियान्वयन किया जा रहा है किंतु शासकीय उच्चतर माध्यमिक मनेरी में कोई भी कार्य पीएम श्री हेतु आज तक नहीं किया गया या तो यहां के शिक्षक एवं प्रमुख को पीएम श्री की कार्य योजना का ज्ञान नहीं है या फिर जानबूझकर केंद्र की योजनाओं को अनदेखा करना शासन की मनसा पर जोरदार तमाचा है यदि हम बात विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य शासकीय सुविधा एवं शिक्षा की गुणवत्ता की करें तो इन शिक्षकों द्वारा उदासीन रवैया छात्र एवं समाज के साथ छलावा है?
वही इन विसंगतियों को दूर करते हुए उच्च गुणवत्ता युक्त शिक्षा देना उच्च अधिकारियों का मूल कर्तव्य है! पर अपना मूल कर्तव्यों को भूल कर कहा से कितना निकाल ले यह सोचने में लगे हुए है जिम्मेदार।

सूचना के अधिकार की जानकारी नहीं दे पा रहा है विभाग:-

शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मनेरी में भ्रष्टाचार इस हद तक व्याप्त है की विभाग सूचना के अधिकार की जानकारी देने से कतरा रहा है आपको बता दें कि मनेरी विद्यालय में हुए निर्माण कार्य क्रय विक्रय आदि कार्यों में बहुत घोटाला होने के आसार है इसलिए स्थानीय निवासी समाज सेवी कार्यकर्ता सत्यम नामदेव द्वारा जुलाई 2023 में विगत वर्षों में किए गए विद्यालय में निर्माण कार्य खरीदी आदि की जानकारी आरटीआई के तहत मांगी गई थी भ्रष्टाचार के कारण जिसकी जानकारी ना तो विद्यालय से प्रदान की गई और ना ही जिले से 7 माह हो जाने पर भी प्रदान नहीं की गई!

संविधान के चौथे स्तंभ पत्रकारिता को किया अपमानित

मनेरी के शिक्षक एवं कर्मचारियों को पैसों का इतना घमंड है की खुलेआम कहते फिरते हैं 15- 20 सालों से यहां स्कूल में जमे बैठे हैं कोई भी रिकार्ड संधारित नहीं है फिर भी आज तक कोई हिला नहीं पाया है जांच कितनी भी हो जाए हम पर कोई कार्रवाई नहीं होगी जिले के अधिकारी क्या? संभागीय अधिकारी हमारा कुछ नहीं कर सकते तभी बार-बार स्मरण पत्र दे रहे हैं?
वही मीडिया कितना भी हमारा मामला समाचार पत्रों में उछाले हम पर कोई कार्यवाही नहीं होगी मीडिया का क्या है पैसे लेकर न्यूज़ छपती है सारे पत्रकार पैसे लेते हैं हम उन्हें भी पैसे देंगे हमारा न्यूज़ छाप देगी??
क्या देश- दुनिया की जानकारी जन-जन को पहुंचाने के लिए अपनी जान की बाजी लगाकर पत्रकारिता करने वाले संवाददाता सारे घूसखोरी करते हैं लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखने के लिए पत्रकारिता कर्मी 24 घंटे समाचार के लिए जी जान लगाकर ईमानदारी से जन सेवा करते हैं और जिला प्रशासन और जनता के बीच की कड़ी बनी हुई है, यह सब प्रचार प्रसार के माध्यम से जन जन तक पहुँचा रहे है और आज मीडिया की जागरूकता के चलते जनप्रतिनिधि हो या प्रशासन आज अपनी जिम्मेदारियों का मीडिया के माध्यम से अपनी बात रखते हैं, और जिम्मेदार के द्वारा समूचे समुदाय को अपशब्द कहना इस प्रकार भ्रष्ट कर्मचारियों द्वारा कहां तक शोभनियनी है?

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