सामूदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिछिया फिर विवादों में उल्झा जिम्मेदारों के संरक्षण से लापरवाही बढ़ती जा रही
रेवांचल टाईम्स – मण्डला, जिले में स्वास्थ्य विभाग दिनों-दिन विवादों में उलझता जा रहा है। विगत समय में जब से स्वास्थ्य विभाग की बागडोर के जिम्मेदार में बदलाव हुआ है, पर स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है, वहीं शासन-प्रशासन के जिम्मेदारों की लापरवाही और भ्रष्टाचारी की खुली खिताब जब आला-अधिकारियों के समक्ष रखा गया तो जिम्मेदार स्वयं मामले को नजरंदाज करते नजर आए।स्वास्थ्य विभाग के इस पूरे खेल के जो मुख्य खिलाड़ी हैं वो राजनीति की आड़ में स्वास्थ्य विभाग को खुलेआम राजनीति का अड्डा बना लिया है जिसके साक्ष्य को लेकर जब अखबारों में इन राजनीतिक चिकित्सकों की पोल खोली गई तो नेता-मंत्री, अध्यक्ष-उपाध्यक्ष, सदस्य से लेकर ऐंडी-चोटी का जोर लगाने की ड्यूटी शुरू कर दी गई नतीजा मरीजों की स्वास्थ्य व्यवस्था को दरकिनार कर सामूदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिछिया में तेजी से राजनीति फल-फूलने लगा मामले को जब आमजन के समक्ष प्रकाशित किया गया तो मामले में शामिल राजनीतिक डाॅंक्टरों द्वारा स्वयं को बचाने को लेकर महिलाओं एवं जातिवाद को ढाल बनाकर पत्रकारों के खिलाफ झूठे शिकवा-शिकायत की आड़ में राजनीति का खेल खेला गया।
खुलेआम शासन के नियमों की उड़ाई जा रही धज्जियां
सामूदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिछिया में शासन-प्रशासन द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों को लेकर जिम्मेदारों की लापरवाहियों को अनेकों दफा वेनकाब किया गया, परन्तु आला-अधिकारियों के कानों में जूं तक नहीं रेंगी इसके पहले एमपीडब्ल्यू द्वारा बीएमओ के आंखों के सामने शासकीय चिकित्सक आवास में वर्षों फर्जी रूप से जांच अधिकारी बनकर कब्जा करने के मामले सीएमएचओ डॉ कीर्ति चन्द्र सरोते के समक्ष रखा गया, परन्तु सांठ-गांठ के चलते कार्यवाही के बजाय संरक्षण प्रदान किया जाने लगा नतीजा बीएमओ स्वयं एमपीडब्ल्यू को अपने साथ जांच अधिकारी बनाकर फील्ड वर्क कराने लगा। मण्डला एक आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है जहां जन्म से लेकर अठारह वर्ष तक के बच्चों का स्क्रीनिंग कर स्वास्थ्य परीक्षण करने के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम योजना अंतर्गत चिकित्सकों की नियुक्ति की गई है आरबीएसके के उन्ही चिकित्सकों को यह दायित्व सौंपा गया है कि सभी बच्चों के घरों में जाकर उनकी स्क्रीनिंग रिपोर्ट तैयार कर उसको बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जावे, परन्तु जिम्मेदारों की लापरवाही और संरक्षण इस कदर हावी हो चुकी है कि आरबीएसके के चिकित्सकों द्वारा सीएचसी में बैठे -बैठे मासूम बच्चों की स्क्रीनिंग तैयार कर स्वास्थ्य रिपोर्ट तैयार की जा रही है जिसमें शासन-प्रशासन के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है चिकित्सकों को शासन द्वारा प्रदाय की गई वाहन, स्क्रीनिंग डाटा रिपोर्ट, चिकित्सकों की फील्ड रिपोर्ट, लाॅग बुक रिपोर्ट मनमानी तैयार की जा रही है, इसके पहले भी उक्त मामले को लेकर जिला कलेक्टर,एन एच एम डायरेक्टर, सहायक संचालक जबलपुर, सीएमएचओ को मामले की जानकारी दी गई है मामले को लेकर जब आरबीएसके प्रमुख डॉ प्रियंका सिंग से दैनिक सांध्य प्रकाश द्वारा बात की गई तो डॉक्टर प्रियंका सिंग ने मामले की पूरी जांच कर दोषियों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही का आश्वासन दिया है।वाहन घोटाला, फर्जी स्क्रीनिंग रिपोर्ट, रिफर के नाम पर मासूमों की जिंदगी से सौदेबाजी को लेकर को लेकर पहले भी समाचार प्रकाशन किया गया था जिसमें कुछ राजनीतिक दलों से जुड़े चिकित्सकों ने नेता मंत्रियों के साथ कुछ महिलाओं जातिवाद और रुपए मांगने को लेकर बगैर साक्ष्य के पत्रकारों के खिलाफ बेबुनियाद झूठे शिकवा-शिकायत कर आत्महत्या करने की धमकी दी जाने लगी जो स्पष्ट करता है कि आखिर सच्चाई क्या है, क्योंकि महिलाओं की आड़ लेकर जातिवाद और आत्महत्या जैसे झूठे शिकवा-शिकायत वही कर सकता है जो इस लापरवाही और भ्रष्टाचार के खेल में शामिल होगा।
वर्किंग जर्नलिस्ट ऑर्गेनाइजेशन संघ सौपेगा ज्ञापन
सामूदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिछिया के कुछ कर्मचारियों द्वारा विगत दिनों वर्किंग जर्नलिस्ट ऑर्गेनाइजेशन पत्रकार संगठन के जिला अध्यक्ष के खिलाफ शिकवा-शिकायत की गई थी उसी मामले को लेकर शिकायत में दर्ज किए गए सभी आरोपों के साक्ष्य प्रस्तुत किए जाने को लेकर वर्किंग जर्नलिस्ट ऑर्गेनाइजेशन संघ ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मण्डला के खिलाफ ज्ञापन सौंपने का निर्णय किया है।
वर्किंग जर्नलिस्ट ऑर्गेनाइजेशन संघ का कहना है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिछिया के कर्मचारियों द्वारा उनके जिला अध्यक्ष के खिलाफ झूठा आरोप लगाया है साथ ही उन्होंने एक महिला की आड़ में जातिवाद, रुपए मांगने, आत्महत्या करने से आरोप लगाकर दबाव बनाया जिससे उनके जिला अध्यक्ष मानसिक रूप से पीड़ित हैं जिसको लेकर उनके द्वारा लगाए गए सभी आरोपों के साक्ष्य प्रस्तुत किया जाना होगा।