गांव में पीने के पानी की समुचित व्यवस्था तो नहीं है मगर हर गांव में अवैध शराब जरूर मिल रही है…जिम्मेदार मौन
रेवांचल टाईम्स – आज गाँव गाँव मे पानी की समस्याएं बनी हुई पर उस पर कोई जिम्मेदार ध्यान नही दे रहा है और जहा पर पानी नहीं पहुँच पा रहा वहाँ पर बड़ी आसानी से शराब मिल रही हैं।
कहने को तो भारतीय जनता पार्टी हमेशा डिंडोरा पीटती है कि हमारी सरकार भय भूख और भ्रष्टाचार मुक्त सरकार है मगर जमीनी हकीकत ठीक इसके विपरीत है, मध्यप्रदेश का कटनी जिला एक ऐसा जिला बन गया है जहां के लगभग हर गांव में पीने के पानी की समुचित व्यवस्था तो नहीं है मगर हर गांव में अवैध शराब जरूर मिल रही है, जिसकी जानकारी पुलिस और आबकारी विभाग को होते हुए भी इन पर कानूनी कार्यवाही तो दूर की बात, सम्बंधितों द्वारा समझाइश तक नहीं दी जाती है,जिससे शराब पीने वालों की संख्या तो बड़ी ही रही है, साथ साथ छोटे बड़ों का मान-सम्मान भी लुप्त होता जा रहा है, और कहीं कहीं तो महिलाओं और स्कूली बच्चों को भी शराब का सेवन करते देखा जाता है,जिसको लेकर बहोरीबंद तहसील की ग्राम पंचायत सिहुंड़ी की सैकड़ों महिलाओं सहित पुरुषों ने रैली निकाल बहोरीबंद एस डी एम को लिखित शिकायत पत्र देकर पीने के पानी तत्काल व्यवस्था करने और सिहुंड़ी में अनेकों जगह बिक रही अवैध शराब का विक्रय बंद करवाने कहा गया,और चेतावनी दी कि अगर तीन दिवस के भीतर गांव में पीने के पानी और अवैध शराब विक्रय बंद नहीं हुआ तो हम ग्राम वासी उग्र आन्दोलन करने को विवस हो जाएंगे, जिसकी सम्पूर्ण जवाबदेही पुलिस और आबकारी विभाग की होगी,जिस पर अधिकारियों के निर्देशन पर वैकल्पिक तौर पर ऊंट के मुंह में जीरा की तर्ज पर दो तीन हजार की आबादी वाले ग्राम सिहुंड़ी में दो तीन पानी के टेंकर भेज कर औपचारिकता निभाने की कार्यवाही तो शाम से ही शूरू हो गई,और वही हाल पुलिस का भी रहा कि विक्रेताओं के अड्डे पर पुलिस गई तो मगर जब्ती के नाम पर एक जगह सिर्फ बियर की दो चार बाटल और दूसरी जगह भी दो-चार देशी शराब के पाव लेकर चलती बनी, मगर इनके द्वारा मौके पर ना ही पंच नामा कार्यवाही की गई और ना ही बारीकी से तलाशी ली गई, जबकि पुलिस के वापस होते ही उसी जगह से पुनः पहले जैसा शराब विक्रय होने लगा, अर्थात अभी भी पुलिस के द्वारा इन विक्रेताओं के प्रति नरमी बरती जा रही है और अवैध शराब विक्रय करवा कर हम ग्राम वासियों को स्वयं अग्रिम कदम उठाने मजबूर किया जा रहा है,ऐसी स्थिति में यदि ग्रामीणों के द्वारा कोई उग्र कदम उठाया जाता है तो इसकी सम्पूर्ण जवाबदेही पुलिस और आबकारी विभाग की होगी, क्योंकि इन्ही कानून के रक्षकों के कारण अवैध कारोबार को बढ़ावा मिल रहा है और जब पुलिस रुकवाने में असफल हो रही है तो हम लोगों को कुछ ना कुछ तो करना ही पड़ेगा,ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी को बर्बाद होने से रोका जा सके