भवन निर्माण में ना लैब बनाई, ना लोहे का परीक्षण किया और करोड़ो की बिल्डिंग कम्पलीट कर रहे हैं ठेकेदार…
रेवांचल टाईम्स – ओपन स्कूल की बन रही 2 करोड़ 86 लाख बिल्डिंग में हो रहा है ख़ुलेआम भ्रष्टाचार् वही सूत्र बताते हैं कि ठेकेदार का साफ कहना है कि मेरी इस निर्माण कार्य में ना तो कोई विधायक संसद और ना ही प्रशासनिक निर्माण कार्यों का कभी निरीक्षण नहीं कर सकते क्योंकि मेरी सीधी डील भोपाल से है,
ओपन स्कूल की बन रही 2 करोड़ 86 लाख की बिल्डिंग में भारी भष्टाचार, जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधि मौन
सिवनी। नवागत कलेक्टर सुश्री संस्कृति जैन ने अधिकारियों की बैठक में जैसा कि कहा है जो निर्माण र्का समय सीमा में पूर्ण नहीं हुए है उनकी रिपोर्ट कलेक्टर को दी जाये। आर्श्वय होता है कि नगर पालिका के सामने नेताजी सुभष चंद्र बोस हायर सेकेण्डरी स्कूल प्रांगण में बनायी जा रही 2.86 लाख की लागत से बिल्डिंग की समय सीमा पूर्ण होने के बाद भी काम अधूरा पड़ा है। अक्टूबर 2023 में यह बिल्डिग बनकर तैयार हो जाना चाहिए था लेकिन ठेकेदार शफीक कुरैशी द्वारा लेटलतीफी के चलते यह कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है। पता नहीं जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस कार्य को भगवान भरोसे होने देना चाहते हैं तभी तो गुणवत्ता की जांच के लिए डेढ़ वर्ष में एक भी अधिकारी नहीं आया। ठेकेदार द्वारा उपयोग की जाने सामग्री को लेकर हमने पूं में भी प्रकाशित किया है साथ ही निर्माण स्थल पर ना तो निर्माण अवधि का उल्लेख है और ना ही उस फर्म का उल्लेख है जो इस कार्य को कर रही है। ठेकेदार कहता है कि मेरा काम तो भोपाल से चलता है, कोई अधिकारी मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता। तभी तो ठेकेदार समयावधि पूर्ण होने के बाद भी निर्माण कार्य को पूर्ण कराने में रूचि नहीं ले रहा है।सूत्र बताते हैं कि ठेकेदार का साफ कहना है कि मेरी इस निर्माण कार्य में ना तो कोई विधायक संसद और ना ही प्रशासनिक निर्माण कार्यों का कभी निरीक्षण नहीं कर सकते क्योंकि मेरी सीधी डील भोपाल से है, वर्तमान में लेटलतीफी करने का कारण लोगों ने बताया कि र्का समाप्ति के पूर्व ठेकेदार द्वारा विलंब होने पर शासन से राशि बढ़ाने की मांग करेगा और शासन को चूना लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। जिस शाला के प्रांगण में यह निर्माण हो रहा।है वहां के प्राचार्य भी कार्य को पूर्ण करने के इच्छुक नहीं लग रहे, पता नहीं दोनो के बीच आपस में क्या तालमेल है? जो गलत काम को भी गलत नहीं कह पा रहे हैं। इस निर्मण के दौरान शासकीय नियमों का ना तो पालन किया जा रहा है और ना ही गुणवत्ता का ध्यान रखा जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार ओपन बोर्ड के संचालक प्रभात राज तिवारी के मार्गदर्शन में इंजीनियर जेपी अरोरा, सहायक इंजी. रामू अहरवार के निर्दशन में यह निर्माण कार्य चल रहा है लेकिन निर्माण के दौरान ना तो इंजीनियर का पता रहता है और ना ही सहायक इंजीनियर का। इस भवन निर्माण के पेटी ठेकेदार रायल कन्स्ट्रक्शन के प्रो.प्रा. शफीक कुरैशी द्वारा भवन निर्माण के दौरान कोताही बरती जा रही है। नगर मुख्यालय के निर्मण के दौरान इसकी सूचना ना तो जिला शिक्षा अधिकारी को दी गई जिसके परिणामस्वरूप जिला शिक्षा विभाग द्वारा उन्हें नोटिस भी दिया गया था।
उल्लेखनीय है कि जिले की प्रथम शाला का गौरव प्राप्त हिन्दी मेन बोर्ड शाला जिसका निर्माण 1886 में किया गया था। इस भवन को भी क्षति पहुंचाये जाने का भी प्रयास किया जा रहा है जबकि हिन्दी मेन बोर्ड शाला वर्तमान में पुरातत्व विभाग के आधीन है और नियम अनुसार किसी भी पुरातत्व संपदा के साथ छेड़छाड़ करना कानूनी अपराध की श्रेणी में आता है।
सूत्रों का कहना है कि इस मामले की शिकायत सीएम हेल्पलाइन में पी-फोर तक पहुंच गयी है और शीघ्र ही इस मामले में बड़ी कार्यवाही भी हो सकती है। साथ ही उम्मीद है कि नवागत कलेक्टर ओपन भवन के इस निर्माण को संज्ञान अवश्य लेंगी।