आबकारी विभाग हुआ सक्रिय कि ताबड़तोड़ कार्यवाही जिला मुख्यालय में नही मिल पा रही शराब…

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रेवांचल टाइम्स – मंडला, नर्मदा पवित्र  नगरी घोषित है और तत्कालीन मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने माँ नर्मदा नदी को जीवन दायनी का दर्जा देते हुए अमरकंटक से लेकर जिन जिन जिला नगर गाँव से होकर गुजर रही है, उन उन क्षेत्रों में संचालित देशी विदेशी शराब दुकानों को प्रतिबंधित करते हुए बन्द कर दी गई एंव साथ ही माँ नर्मदा नदी के दोनों तटों के पांच, पांच किलोमीटर दूरी तक कि सभी दुकानों को प्रतिबंधित कर दिया गया है, पर वह आदेश केवल कागजों तक ही सीमित रह गए और लंबे अरसे से जोरों पर और यह सब स्थानीय जनप्रतिनिधियों पुलिस प्रशासन, जिला आबकारी प्रशासन के संरक्षण के चलते अवैध शराब का गोरखधंधा अपने चरम पर था यह सब खेल आबकारी विभाग के संरक्षण में चल रहा है,  पर शिकवा शिकायत होने के बाद कभी कभार छोटी मोटी कार्यवाही कर औऱ लोगो को दिखा कर कागजो का पेट भर दिया जाता हैं और कभी-कभी प्रशासन के दबाव में अंग्रेजी शराब के ऊपर भी कार्रवाई की जाती थी वह भी कम मात्रा में जप्ती बनाकर खाना पूर्ति की जाती थी मगर वर्तमान परिदृश्य में जिस तरह से आबकारी विभाग द्वारा कार्रवाई  की जा रही है क्या कारण है कि अचानक पूरा विभाग पूरी मुस्तैदी के साथ शराब माफिया के ऊपर काल बनकर टूट पड़ा है कुछ दिनों पूर्व ही नवरात्रि का त्योहार खत्म हुआ है पूरे नो दिन भक्ति और श्रद्धा के साथ त्यौहार मनाया गया मगर आबकारी विभाग कहीं नजर नहीं आया गली गली चौराहा चौराहा अंग्रेजी शराब बिकती रही शराब के नशे में लोगों ने दशहरे का पूरा लुत्फ उठाया फिर दीपावली आने के पहले अचानक विभाग में इतनी फुर्ती कैसे आ गई क्या कारण है पूरे शहर में जगह-जगह जहां अवैध शराब बिक रही है पूरा का पूरा विभाग मैदान में उतरा और शहर के अंदर ताबड़तोड़ कार्रवाई हो रही है शराब विक्रेताओं जो अवैध रूप से शराब का धंधा कर रहे थे दहशत मच गई है कुछ लोग अंडरग्राउंड हो गए विभाग के द्वारा अवैध   धंधा ही बंद कर दिया है वहीं सुरा प्रेमियों को शराब न मिलने से भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है एक तो शहर के अंदर शराब नहीं मिल रही है और कहीं-कहीं मिल रही है तो दाम ज्यादा है शहर में जन चर्चा चल रही है कि आखिर आबकारी विभाग में इतना परिवर्तन कैसे हो गया लगता है कि दीपावली धन देवी का त्यौहार है और धन की आवश्यकता सभी को होती है शायद डिमांड ज्यादा होने से  सिंडिकेट उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सामने नहीं आ रहा है उसी का नतीजा यह सामने आ रहा है हो सकता है कुछ दिन बाद फिर कार्यवाही बंद हो जाए फिर से गली-गली कुचे कूचे में शराब का विक्रय चालू हो जाए।

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