बिछिया जनपद बनी भ्रस्ट और भ्रष्टाचार का गढ़ ग्राम पंचायतो में संरक्षण के चलते हो रहा है खुला भ्रष्टाचार, तालाब में स्वीकृत हुआ सरकारी धन को चर गए उपयंत्री, सरपंच और रोजगार सहायक…
रेवांचल टाइम्स मंडला – मंडला, आदिवासी बाहुल्य जिले में भ्रस्ट तन्त्र और भ्रष्टाचार रुकने का नाम नही ले रहा है जबकि इन भ्रस्टो पर आए दिन जाँच ऐजेन्सीया लोकायुक्त और आर्थिक अपराध अन्वेषण व्यूरो जबलपुर की टीम आये दिन कार्यवाही कर रही वावजूद इसके जिले में भ्रस्टो और भ्रष्टाचार की जड़े नही हिल पा रही है और सरकारी धन में इस कदर लूट मचा रखी है कि लूट सको तो लूट लो सरकारी धन है।
इन दिनों प्रदेश सरकार गरीब जनता और पिछड़े क्षेत्रों में निवासरत के जीवन यापन के लिए योजनाएं संचालित कर उन्हें काम और पैसा दिया जा रहा है जिससे कि गरीबों की रोजी रोटी चल सकें पर जिले में बड़े बड़े पदों पर बैठें गरीबों के गरीब जो सरकार से मिलने वाले धन पर अपना अधिकार जमाते हुए उसे बंदरबांट कर रहे है और उनके अधीनस्थ कार्य कर रही ग्राम पंचायते और उनमें जो जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी जनप्रतिनिधियों को भ्रष्टाचार करने का पूरा संरक्षण दिया जा रहा है। और ग्राम पंचायतों में जो सरकारी धन कि लूट मची है उसे रोकने वाला कोई नही है जिले में आज भी गरीब और गरीब हो रहा है और अपनी परिवार के लालन पालन के लिए बड़े बड़े जिले में जाकर मेहनत मजदूरी कर रहें, जबकि सरकार ग्राम पंचायतों को इस लिए योजनाएं के माध्यम से राशि दे रही है कि स्थानीय ग्रामीण पलायन न करें और अपने ग्राम में ही रह कर अपने जीवन यापन करें पर कुछ भ्रस्टो के करण ये संभव नही होते दिख रहा हैं।
वही बैगा आदिवासी जिले की ग्राम पंचायतों में हो रहे भ्रष्टाचार पर जिला प्रशासन अंकुश लगाने में हो रहे है नाकाम साबित, जिस कारण बेलगाम सरपंच, रोजगार सहायक, उपयंत्री के द्वारा साठगांठ कर सरकारी धन को अपना धन समझकर कर रहे है खुला भ्रष्टाचार और जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी केवल जांच के नाम पर खानापूर्ति करते हुए कागज़ों का पेट भर उस जांच को ठंडे बस्ते में डाल देते हैं और अगर जाँच टीम के द्वारा भ्रष्टाचार सिद्ध कर भी दिया जाता है तो उन गबन कारियो पर रिकवरी कर पैसा जमा करने के आदेश कर खाना पूर्ति कर दिया जाता पर वह राशि ली गई कब ली गई, ये जानकारी किसी को पता नही होता है, और उन भ्रस्टो को पुनः भ्रष्टाचार करने के लिये स्वतंत्र कर दिया जाता है। और वह भ्रस्ट सरपंच सचिव उपयंत्री, को खुला संरक्षण विभाग के जिम्मेदारों के द्वारा दिया जा जाता है
वहीं सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बिछिया जनपद की ऐसी कोई भी ग्राम पंचायत नही बच पाई है जिनमे भ्रष्टाचार की जड़े न पहुँच सकी हो,
वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के ग्राम पंचायत चरगांव में सरपंच, सचिव रोजगार सहायक एवं उपयंत्री के द्वारा तालाब निर्माण के नाम पर खुला भ्रष्टाचार किया गया है। ग्राम पंचायत में वर्ष 2021 में जहाँ तालाब के लिए सरकारी राशि स्वीकृत हुई और ग्राम पंचायत के जिम्मेदार प्रतिनिधि ने सरकारी धन पर बंदरबांट करते हुऐ अपने ही परिवार और बेटे बेटी के नाम पर बिल लगाकर राशि निकाल ली गई जहाँ पंचायती राज अधिनियम की खुली धज्जियाँ उड़ाई जा रही है, सरपंच मीराबाई धुर्वे रोजगार सहायक प्रकाश चंद सैयाम कार्य कमांक 6219 कछार तालाब में 14.91 मानव दिवस कार्य संपादित कराते हुए 2,74558 रुपये की राशि और इसी तरह कार्य क्रमांक 6223 बेहाटोला में 1873 मानव दिवस कार्य बताते हुए 3,66290 रुपये की राशि कार्य स्थल पर कोई भी कार्य किये बगैर झूठे दस्तावेज तैयार कर 640848/- राशि का आहरण कर भुगतान करना दर्शाया गया है वहीं सूत्रों से जानकारी अनुसार सरपंच मीरालाई धुर्वे 36 दिन का कार्य 6828 रुपया सरपंच का बेटा अरविंद कुमार धुर्वे 14 दिन का भुगतान 5080/ सरपंच की बेटी काजल 14 दिन 3080/- सरपंच का भतीजा विकेश 7 दिन 15601 सरपंच की मौसी विधिया 18 दिन 3186/ वही रोजग़ार सहायक के पिता मंगलू 35 दिन 6798 रु. रोजग़ार सहा के चाचा बिन्नू40 दिन के 7360 रु. रोज सहा का भाई हरजीत 43दिन 8050 रु. रोज सहा का रिस्तेदार सुंदर 34 दिन 6080 रोजगार सहायक की पत्नि प्रीति 33 दिन 5646 हद तो जब हो गई जब रोज सहायक ने अपनी वृद्ध दादी मां जो लगभग 80 वर्ष की है। उससे भी मजदूरी करवा दी और व्रद्ध दादी जो सही तरीके से बिना सहारे के खड़े भी नही हो सकती और वह 13 दिन तालाब में काम कर ली और उनके नाम मस्टर भरकर राशि आहरित कर ली राई है जबकि जमीनी हकीकत में तालाब निर्माण कार्य स्थल पर कोई भी मिट्टी स्वीकृति राशि अनुसार नहीं डाली गई है। सरपंच सचिव रोजगार सहायक और उपयंत्री के द्वारा कूटरचित तरीके से झूठे दस्तावेज तैयार कर अपने और अपने चहेतो का नाम मस्टर में हाजिरी भरकर सरकारी धन में लूट मचाते हुए खुला भ्रष्टाचार किया गया है, इतने बड़ी सरकारी धन में हुए ग़बन को लेकर ग्राम पंचायत चरगांव के लोगों ने जनसुनवाई में कलेक्टर के समक्ष आवेदन देकर कार्यवाही की मांग की गई है अब देखना यह है कि तालाब निर्माण में किये गये भ्रष्टाचार और सरकारी धन में गबन को लेकर जिम्मेदार अधिकारी जागते हुए कोई कार्यवाही की जायेगी या फिर ऐसा ही चलता रहेगा। और हुई शिकायत में भ्रस्ट तंत्र में लिप्त जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी अपनी भी जेब गर्म कर उन भ्रस्टो की हुई जांच में खानापूर्ति करते हुए उन्हें फिर भ्रष्टाचार करने अभय दान दिया जायेगा।